जयपुर. रीट पेपर लीक मामले में भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने बुधवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली पर सीधा हमला किया है. उन्होंने कहा कि जयपुर जिले में सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. प्रदीप पाराशर को गलत तरीके से समन्वयक बनाया गया. उन्होंने अपने चार निजी लोगों को मौखिक आदेश पर नियुक्त किया. इन्हीं में से दो लोगों ने पेपर लीक किया है. इन चारों में से दो लोग कांग्रेस के सक्रिय सदस्य हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. मीना ने कहा कि एसओजी कह रही है कि उन पर कोई दबाव नहीं है. लेकिन कई बड़े नाम हैं जिनपर एसओजी नजर नहीं डालेगी. इसलिए सीबीआई जांच की मांग की जा रही है. उनका कहना है कि हर जिले में जिला समन्वयक बोर्ड ने लगाया. 32 जिलों में कलक्टर के बाद एडीएम को समन्वयक बनाया गया. लेकिन केवल जयपुर में एक निजी व्यक्ति डॉ. प्रदीप पराशर को समन्वयक बनाया गया. यह सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं और उनकी डॉ. जारोली से घनिष्ठता है. डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि सरकारी डिप्टी समन्वयकों को बाईपास कर डॉ. पराशर ने चार लोगों को मौखिक आदेश से नियुक्त किया. वे भी निजी व्यक्ति हैं.
पढ़ें. बोर्ड अध्यक्ष के बयान पर बवाल : किरोड़ी लाल ने पूछे 10 सवाल, कहा- सार्वजनिक मंच पर दें जवाब
इन्होंने ही परीक्षा केंद्र बुक किए. संकुल में पेपर उतारकर स्ट्रांग रूम में रखवाए. आरोप है कि इनमें से एक व्यक्ति ने सील फाड़कर पेपर निकाले. परीक्षा से एक दिन पहले डॉ. जारोली और डॉ. पाराशर शिक्षा संकुल में ही रहे और निजी आदमियों से मुलाकात की. यहां तक की ऑब्जर्वर भी निजी लोगों ने ही नियुक्त किए. इस प्रक्रिया में भारी धांधली हुई. उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि डॉ. जारोली और डॉ. पाराशर ने संगठित गिरोह के जरिए पेपर आउट करवाया.
पढ़ें. REET पेपर लीक पर किरोड़ी मीणा ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष से पूछे चार सवाल, इस्तीफा मांगा
किरोड़ीलाल मीना ने कहा कि जयपुर के तीन सेंटर हैं. जिन्हें बोर्ड, आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड ने ब्लैक लिस्टेड किया है. फिर भी रीट में सेंटर बनाया गया. इनके कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया. इन तक एसओजी पहुंची तो बत्तीलाल भी आ जाएगा. वरना वह पकड़ा जाने वाला नहीं. इस मामले में कई बड़े नाम सामने आएंगे. जयपुर में चार दिन में हजारों ब्रॉडबैंड कनेक्शन जारी हुए, इनका कनेक्शन पेपर लीक से है.
किरोड़ी ने कहा कि जयपुर में 21-25 सितंबर के बीच हजारों ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिए गए. इसका पेपर लीक से कनेक्शन जांच में सामने आ सकता है. इसी के जरिए पूरे राजस्थान में पेपर लीक हुए. क्योंकि नेटबंदी का असर ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर नहीं होता.