जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बने डिजिटल संग्रहालय (Digital Museum inauguration) का लोकार्पण शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI Ramana In Jaipur) ने किया. राजस्थान विधानसभा में हुए कार्यक्रमों की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने की. जोशी ने (Dr CP Joshi speaks on the occasion of Digital Museum inauguration) इस मौके पर विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका की भूमिका के बारे में बताते हुए ब्यूरोक्रेसी को जमकर निशाने पर लिया. सीपी जोशी ने यहां तक कह दिया कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए कार्यपालिका की तानाशाही को खत्म करना जरूरी है.
क्या कहा सीपी जोशी ने
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि देश की जनता जनप्रतिनिधि को चुन कर भेजती है. लाखों लोग जनप्रतिनिधि को एसेंबली में चुन कर भेजते हैं, लेकिन विधानसभा और लोकसभा में अकाउंटेबिलिटी सिर्फ कार्यपालिका की ही नहीं है. क्योंकि हाउस पूरा चलता ही नहीं है. ऐसे में जो भी कार्यपालिका तय कर देती है और देश में उसे लागू कर देती है उसे वापस ठीक करने की जरूरत होती है. देश को आगे बढ़ाने के लिए तीनों संस्थाओं को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है. पूरी गवर्नेंस के नियम बदलने की जरूरत है. ज्यूडिशरी को अपने काम करने के तरीके को बदलने की जरूरत है. कोरोना कला में कई चीजें बदल गईं हैं. यह काम न्यायपालिका और कार्यपालिका को करने की जरूरत है. जोशी ने कहा कि विधायिका और कार्यपालिका में बैलेंस की जरूरत है. लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि कार्यपालिका की तानाशाही का खात्मा किया जाए.
हम तो पॉलिटिशियन हैं, बोलते रहते हैं
सीपी जोशी ने कहा कि हम तो पोलिटीशियन हैं और हमेशा बोलते हैं. आज हमारे बीच देश की सर्वोच्च न्यायपालिका के सर्वोच्च पद के मुख्य न्यायाधीश बैठे हैं. मैं यही कहना चाहूंगा कि आज जो नई चुनौतियां हमारे सामने हैं जैसे आईटी का तेजी से दखल बढ़ रहा है और विदेश में बैठा आदमी यहां ठगी कर रहा है. इन समस्याओं को लेकर आगे आकर काम करने की जरूरत है. अन्यथा देश को जिस गति से आगे बढ़ाना चाहिए वह नहीं बढ़ पाएगा और हम पिछड़ जायेंगे. ऐसा नहीं है कि हमारा देश सक्षम नहीं है. हम सक्षम है लेकिन इसके लिए ज्यूडिशरी और कार्यपालिका को काम करना होगा.
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यह रहे मौजूद
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, न्यायाधीश अजय रस्तोगी, दिनेश माहेश्वरी और राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संभाजी शिवाजी शिंदे विशिष्ट अतिथि रहे. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल और जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा के साथ ही विधानसभा के सदस्य और विधायक भी मौजूद थे. सभी की मौजूदगी में राजस्थान विधानसभा में बने अपने आप में अनोखी डिजिटल संग्रहालय का लोकार्पण सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा किया.
अनोखा होगा डिजिटल म्यूजियम: विधानसभा में बनने वाले संग्रहालय में राजस्थान के ऐतिहासिक विकास की तस्वीर दिखाई गई है. संग्रहालय में लोग हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. राजस्थान के 70 साल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा इसमें शामिल होगा. इसके साथ ही सदन की व्यवस्थाएं भी दिखाई देंगी. म्यूजियम में जानकारियां ग्राफिक्स, फोटोग्राफ्स, स्कल्पचर्स सहित ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रजेंट की जाएंगी. राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों का विकास और आधारभूत संरचना के साथ प्रदेश की गौरव गाथा को रोचक तरीके से म्यूजियम में दिखाया गया है. इसमें राजपुताना के लोक आंदोलन, विधानमंडल का विकास, राजस्थान के निर्वाचन क्षेत्र सहित राजस्थान की स्थापत्य सांस्कृतिक धरोहर का प्रस्तुतीकरण है.