जयपुर. देश और प्रदेश में लगातार बढ़ती महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. पेट्रोल डीजल के बाद घरेलू गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों ने भी इस त्योहारी सीजन का मजा किरकिरा कर दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें आने वाले कुछ महीनों में 1400 रुपये तक पहुंच सकती हैं. घरेलू गैस सिलेंडर की बात की जाए तो इस वर्ष 7 बार घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाई गईं हैं. जबकि सिर्फ एक बार इसकी कीमतों में कमी की गई है.
पहले कोरोना ने और अब बढ़ते रसोई गैस के दामों के कारण लोगों के घरों का बजट बिगड़ने लगा है. बढ़ती महंगाई का असर त्योहारी सीजन पर भी देखने को मिल रहा है. त्योहार नजदीक होने के बाद भी बाजारों में रौनक नहीं दिखाई दे रही है. राजस्थान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के महासचिव कार्तिकेय गौड़ का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के बाद घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों पर भी अंकुश नहीं लग पा रहा है.
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इसी तरह यदि दाम बढ़ते रहे तो आने वाले कुछ महीनों में घरेलू गैस सिलेंडर 1400 रुपए का बिकेगा. ऐसे में मध्यम वर्गीय परिवार की कमर टूट जाएगी. कार्तिकेय गौड़ का यह भी कहना है कि मौजूदा समय में करीब ₹900 का एक सिलेंडर मिल रहा है और एक सिलेंडर 20 से 25 दिन चलता है. जबकि इसी कीमत में डेढ़ क्विंटल लकड़ी मिल जाती है जो तकरीबन डेढ़ से दो महीने चलेगी. ऐसे में लोग एक बार फिर चूल्हे पर रोटी पकाते नजर आएंगे.
आंकड़ों की बात की जाए तो
4 फरवरी | 25 रुपए | 698 से बढ़कर | 723 रुपए |
15 फरवरी | 50 रुपए | 723 से बढ़कर | 773 रुपए |
25 फरवरी | 25 रुपए | 773 से बढ़कर | 798 रुपए |
1 मार्च | 25 रुपए | 798 से बढ़कर | 823 रुपए |
1 अप्रैल | 10 रुपए | 823 से घटाकर | 813 रुपए |
1 जुलाई | 25.50 रुपए | 813 से बढ़ाकर | 838.50 रुपए |
17 अगस्त | 25 रुपए | 838.50 से बढ़ाकर | 863.50 रुपए |
1 सितम्बर | 25 रुपए | 863.50 से बढ़ाकर | 888.50 रुपए |
6 अक्टूबर | 15 रुपए | 888.50 से बढ़ाकर | 903.50 रुपए |
इस वर्ष की बात की जाए तो घरेलू गैस सिलेंडर पर 205 रुपए और 50 पैसे की बढ़ोतरी अभी तक 10 माह में हो चुकी है.
सब्सिडी बंद
प्रदेश में तकरीबन एक करोड़ 65 लाख घरेलू गैस के उपभोक्ता हैं. जिन्हें पिछले 15 महीनों से भी अधिक समय से घरेलू गैस पर मिलने वाली सब्सिडी का इंतजार है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अप्रैल वर्ष 2020 के बाद घरेलू गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया है. इसके अलावा उज्जवला योजना से जुड़े हुए 40 फीसदी उपभोक्ताओं ने सब्सिडी नहीं मिलने के बाद सिलेंडर लेना भी बंद कर दिया है.