जयपुर. डीएलबी की ओर से नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका के संदर्भ में मापदंडों का उल्लेख करते हुए, एक अधिसूचना जारी की गई है. इसमें जनसंख्या, प्रति व्यक्ति आय, आजीविका और दूसरे मानक शामिल किए गए हैं.
- अधिसूचना के अनुसार-
भारत के संविधान के अनुच्छेद- 246 (थ) के खंड (2) और राजस्थान नगरपालिका अधिनियम- 2009 की धारा- 3 की उपधारा (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल महोदय द्वारा विभिन्न मांगों को दृष्टिगत रखते हुए, किसी स्थानीय क्षेत्र को नगर पालिका घोषित किए जाने के संबंध में विचार किया जा सकेगा.
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1. वृहत शहरी क्षेत्र (नगर निगम)
- क्षेत्र की जनसंख्या 5 लाख या अधिक या संभाग मुख्यालय
- जनसंख्या घनत्व 1000 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर या अधिक
- स्थानीय प्रशासन की दृष्टि से राजस्व प्राप्ति के स्रोत/औसत प्रति व्यक्ति आय 500 प्रति व्यक्ति अधिक
- कृषि से भिन्न क्रियाकलापों में नियोजन का प्रतिशत 50 प्रतिशत या अधिक
- आर्थिक महत्व और शहरी विकास की दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
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2. लघु शहरी क्षेत्र (नगर परिषद)
- क्षेत्र की जनसंख्या 1 लाख या अधिक लेकिन पांच लाख से कम या जिला मुख्यालय
- जनसंख्या घनत्व 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर या अधिक
- स्थानीय प्रशासन की दृष्टि से राजस्व प्राप्ति के स्रोत/औसत प्रति व्यक्ति आय 200 प्रति व्यक्ति अधिक
- कृषि से भिन्न क्रियाकलापों में नियोजन का प्रतिशत 25 या अधिक
- आर्थिक महत्व और शहरी विकास की दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
3. संक्रमणशील क्षेत्र (नगर पालिका)
- क्षेत्र की जनसंख्या 10 हजार या अधिक
- जनसंख्या घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर या अधिक
- स्थानीय प्रशासन की दृष्टि से राजस्व प्राप्ति के स्रोत/औसत प्रति व्यक्ति आय 10 रुपए प्रति व्यक्ति अधिक
- कृषि से भिन्न क्रियाकलापों में नियोजन का प्रतिशत 10 या अधिक
- आर्थिक महत्व और शहरी विकास की दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
बता दें कि बजट 2021-22 में राज्य सरकार ने 6 नई नगर पालिकाओं के गठन की घोषणा की है, जिनमें इन मानकों का ध्यान रखा जाएगा.