जयपुर. विभिन्न परिस्थितियों में इंटरनेट पर प्रतिबंध के विकल्पों पर विचार विमर्श करने के लिए संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में बुधवार को एक बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के अलावा अन्य निजी दूरसंचार कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
वहीं, इस दौरान इंटरनेट पर प्रतिबंध के विकल्पों पर विचार विमर्श हुआ. बैठक के बाद तकनीकी वर्किंग ग्रुप का गठन किया गया है जो सभी विकल्पों पर विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट संभागीय आयुक्त को पेश करेगा. विभिन्न परिस्थितियों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने से जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जिसे लेकर संभागीय आयुक्त चाहते हैं कि विभिन्न परिस्थितियों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के स्थान पर व्हाट्सएप और फेसबुक जैसी सेवाओं को बंद कर दिया जाए, बाकी सेवाएं चालू रहे. जिससे जनता को परेशानी न हो. संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने बैठक के बाद कहा कि इंटरनेट प्रतिबंध का विकल्प संभव है लेकिन विकल्प क्या होगा, इसके लिए एक तकनीकी वर्किंग ग्रुप बनाया है.
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इसमे भारत संचार निगम लिमिटेड के उप महाप्रबंधक गुलाब चंद जीनगर संयोजक होंगे. भारत सरकार के दूरसंचार विभाग जयपुर के वरिष्ठ तकनीकी प्रतिनिधि सहित सभी इंटेरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से एक एक प्रतिनिधि इस वर्किंग ग्रुप शामिल होंगे. यह सभी इंटरनेट पर प्रतिबंध के विकल्पों पर विचार विमर्श करेंगे और 20 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे. रिपोर्ट आने के बाद बैठक होगी और उसके बाद इंटरनेट प्रतिबंध के विकल्प पर निर्णय किया जाएगा.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजय पाल लांबा ने टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों को कानून व्यवस्था की दृष्टि से विभिन्न अवसर पर इंटरनेट सेवाओं के प्रतिबंध के संबंध में पुलिस की अपेक्षाएं बताई. जिला कलेक्ट्रेट के एसीपी रितेश कुमार शर्मा ने भी अपने सुझाव दिए. इस बैठक में दूरसंचार कंपनी के प्रतिनिधि प्रभात भूषण, सुनील तिवाडी, रौनक कुमावत शामिल हुए.