जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-3 ने पार्किंगकर्मी की ओर से तय राशि से अधिक वसूली करने पर पार्किंग ठेकेदार के साथ ही हवामहल जोन पश्चिम के उपायुक्त को भी दोषी माना है. इसके साथ आयोग ने दोनों पर 8-8 हजार रुपए का हर्जाना लगाया (District Consumer Commission order in higher parking rate) है. आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा लगता है कि निगम का पार्किंग ठेके की दरें सही रूप से वसूल करने पर कोई नियंत्रण नहीं है.
आयोग ने यह आदेश रामजीलाल सोनी के परिवाद पर दिए. परिवाद में कहा गया कि उसने 28 मई, 2016 को रायसर प्लाजा के बाहर पार्किंग में आधे घंटे के लिए गाड़ी खड़ी की थी. वापस आने पर पार्किंग ठेकेदार ने तय 3 रुपए के बजाए 10 रुपए मांगे. जब परिवादी ने इसका विरोध किया, तो ठेकेदार ने उससे दुर्व्यवहार किया. परिवाद में कहा गया कि पार्किंग शुल्क के तौर पर 3 घंटे के लिए 3 रुपए और 12 घंटे के बाद 10 रुपए लिए जाने थे, लेकिन 3 से 12 घंटे तक की दर को काली स्याही से मिटा रखा था.
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आयोग के नोटिस पर ठेकेदार ने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं निगम की ओर से कहा गया कि पार्किंग स्थल पर शुल्क लेने के संबंध में बोर्ड लगा हुआ है. इसी के साथ शिकायत पर 5 हजार और दूसरी शिकायत पर 10 हजार रुपए अर्थदंड लगाया जाता है और उसके बाद शिकायत आने पर जमा राशि जब्त करते हुए ठेका निरस्त किया जाता है. परिवादी ने इस संबंध में निगम में कोई शिकायत नहीं दी है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने ठेकेदार के साथ ही नगर निगम का भी सेवादोष मानते हुए हर्जाना लगाया है.