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District Consumer Commission jaipur: शादी में तय सुविधाएं नहीं देने को माना सेवा दोष, शिव विलास पर पांच लाख का हर्जाना

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Published : Jun 8, 2022, 10:06 PM IST

जिला उपभोक्ता आयोग, तृतीय ने शादी में तय सुविधाएं नहीं देने को सेवा दोष मानते हुए राजधानी के एक रिसोर्ट पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. रिसोर्ट का एक भी व्यक्ति सुनवाई के दौरान मौजूद नही था, जिसको देखते हुए अदालत ने एकतरफा कारवाई करते हुए (District Consumer Commission jaipur) जुर्माना लगाया.

District Consumer Commission jaipur
: शादी में तय सुविधाएं नहीं देने को माना सेवा दोष

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, तृतीय ने बुधवार को शादी में तय सुविधाएं नहीं देने को सेवा दोष मानते हुए दिल्ली रोड स्थित शिव विलास रिसोर्ट पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसी के साथ आयोग ने परिवाद व्यय के तौर पर दस हजार रुपए अतिरिक्त भी अदा करने को कहा है. इस मामले पर आयोग ने परिवाद पेश करने की तिथि से हर्जाना राशि पर नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है. आयोग ने यह आदेश नागर मल अग्रवाल के परिवाद पर (District Consumer Commission imposed fine on resort) दिए हैं.

पढ़ें. भरतपुर: कोरोना काल में शादी कैंसल हुई तो बस मालिक ने पैसे नहीं लौटाए, जिला उपभोक्ता आयोग ने दिया ये आदेश

परिवाद में कहा गया कि उसने अपनी बेटी के विवाह कार्यक्रमों के लिए 17 जुलाई से 19 जुलाई तक शिव विलास रिसोर्ट में बुकिंग कराई थी. वहीं लंच और डिनर सहित अन्य सुविधाओं के लिए कुल 41 लाख रुपए का भुगतान नागर मल की तरफ से किया गया था. परिवाद में कहा गया कि रिसोर्ट संचालकों ने बताए गई तय मापदंड की सुविधाएं नहीं दी है, उन्हें गंदे कमरे उपलब्ध कराए गए और खाना भी बासी और खराब दिया गया. जिसके चलते उन्हें बाहर से खाना और मिठाई मंगवानी पड़ी. इतना ही नही, इंतेजाम इतना खराब था कि मेहमानों के लिए दूसरे होटल में दस कमरों की व्यवस्था करनी पड़ी. वहीं सुनवाई के दौरान आयोग ने रिसोर्ट को नोटिस तो जारी किया, लेकिन रिसोर्ट की ओर से कोई व्यक्ति पेश नहीं हुआ. इस पर आयोग ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए रिसोर्ट पर पांच लाख रुपए का हर्जाना (District Consumer Commission imposed fine on resort) लगाया है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, तृतीय ने बुधवार को शादी में तय सुविधाएं नहीं देने को सेवा दोष मानते हुए दिल्ली रोड स्थित शिव विलास रिसोर्ट पर पांच लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसी के साथ आयोग ने परिवाद व्यय के तौर पर दस हजार रुपए अतिरिक्त भी अदा करने को कहा है. इस मामले पर आयोग ने परिवाद पेश करने की तिथि से हर्जाना राशि पर नौ फीसदी ब्याज भी देने को कहा है. आयोग ने यह आदेश नागर मल अग्रवाल के परिवाद पर (District Consumer Commission imposed fine on resort) दिए हैं.

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परिवाद में कहा गया कि उसने अपनी बेटी के विवाह कार्यक्रमों के लिए 17 जुलाई से 19 जुलाई तक शिव विलास रिसोर्ट में बुकिंग कराई थी. वहीं लंच और डिनर सहित अन्य सुविधाओं के लिए कुल 41 लाख रुपए का भुगतान नागर मल की तरफ से किया गया था. परिवाद में कहा गया कि रिसोर्ट संचालकों ने बताए गई तय मापदंड की सुविधाएं नहीं दी है, उन्हें गंदे कमरे उपलब्ध कराए गए और खाना भी बासी और खराब दिया गया. जिसके चलते उन्हें बाहर से खाना और मिठाई मंगवानी पड़ी. इतना ही नही, इंतेजाम इतना खराब था कि मेहमानों के लिए दूसरे होटल में दस कमरों की व्यवस्था करनी पड़ी. वहीं सुनवाई के दौरान आयोग ने रिसोर्ट को नोटिस तो जारी किया, लेकिन रिसोर्ट की ओर से कोई व्यक्ति पेश नहीं हुआ. इस पर आयोग ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए रिसोर्ट पर पांच लाख रुपए का हर्जाना (District Consumer Commission imposed fine on resort) लगाया है.

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