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बाड़मेर में युवक की कस्टडी में मौत मामले पर सदन में दोबारा चर्चा, सीपी जोशी ने सरकार की लगाई जमकर क्लास - Death case in Barmer custody

विधानसभा में शुक्रवार को स्पीकर सीपी जोशी ने बाड़मेर में पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की मौत के मामले में सरकार की क्लास लगाई. साथ ही चर्चा के दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को लताड़ लगाई. स्पीकर जोशी ने कहा, कि यह मामला नागरिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है. वहीं, जोशी ने सरकार को इस मामले में दोबारा सदन में अपनी बात रखने के लिए अगले सप्ताह तक का समय दिया.

बाड़मेर कस्टडी में मौत का मामला, Rajasthan Vidhan Sabha News
बाड़मेर कस्टडी की मौत मामले में दोबारा हुई चर्चा
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Published : Feb 28, 2020, 5:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने बाड़मेर में कस्टोडियल डेथ के मामले में हंगामा किया. साथ ही इस मामले में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सरकार की क्लास ली. सदन में मामले को लेकर एक बार हंगामा होने के बाद दोबारा चर्चा शुरू हुई. इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि सदन को इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए, इसके बाद सभी भाजपा विधायक अपनी सीट पर बैठ गए.

बाड़मेर कस्टडी की मौत मामले में दोबारा हुई चर्चा

इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने कहा, कि नेता प्रतिपक्ष ने जो सवाल उठाए हैं वह मूलभूत सवाल है. उन्होंने कहा, कि इसमें दो बातें हैं. पहला कि कस्टोडियल डेथ हुई है. साथ ही जिस व्यक्ति को थाने में बुलाया गया है, उसके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं थी. उन्होंने कहा, कि अगर किसी व्यक्ति को बिना एफआईआर के थाने लाया जाए और उसकी मौत थाने में हो जाए तो क्या सरकार ऐसे मामले को हत्या के मुकदमे की तरह डील नहीं करेगी.

पढ़ें- बाड़मेर: 24 घंटे से मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे जीतू खटीक के परिजन, दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग

जोशी ने कहा, कि इसके बाद मामले को लेकर दूसरा बड़ा सवाल ये है कि ऐसे केस हो जाते हैं, जांच प्रक्रिया है वह होती रहेगी. लेकिन उस पीड़ित परिवार को क्या सरकार कोई मुआवजा या पैकेज देने का विचार कर रही है. उन्होंने कहा, कि यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. 50 साल बाद भी अगर नियम नहीं बदले तो जनता में संदेश नहीं जाएगा और यह मामला जनता के नागरिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.

वहीं, इसके साथ ही स्पीकर सीपी जोशी ने धारीवाल के साथ विपक्ष को भी सीख दी कि अगर गंभीर विषय को उठाते हुए अध्यक्ष को कोई डिक्टेट करने का प्रयास किया जाएगा तो वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे. इसके बाद मंत्री धारीवाल ने इस केस को लेकर बोलना शुरू किया तो स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा, कि आप केस पर नहीं बोले.

पढ़ें- बाड़मेर दलित मौत प्रकरण पर विधानसभा में हंगामा, विपक्ष ने की CBI जांच और 1 करोड़ मुआवजे की मांग

इस पर धारीवाल ने स्वीकार किया कि इस मामले में FIR नहीं थी बिना FIR के मृतक को रात में वहीं रखा गया. सुबह भी वो वहीं रहा लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हो जाएगा की उसकी मौत कैसे हुई. उसका इंतजार कर लेना चाहिए. इतना कहते ही अध्यक्ष ने फिर धारीवाल को बैठाया और पुलिस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, कि क्या सरकार यह मानती है कि उनकी पुलिस इतनी सज्जन है कि पुलिस किसी को रात भर थाने में बैठा कर रखें और कुछ भी ना करें. जोशी ने कहा, कि कस्टोडियल डेथ पर कोई प्रावधान नहीं है.

सरकार पीड़ित को पैकेज देने की बात पर बोलेः सीपी जोशी

जोशी ने कहा, कि थानेदार और पुलिस के आदमी उसे शक के आधार पर लेकर आए और पुलिस वालों ने खुद ही यह मान लिया कि चोरी उसी ने की है. उन्होंने कहा, कि मैं आपके इस स्टेटमेंट को पसंद नहीं करता हूं. मतलब साफ है कि FIR नहीं हुई और पुलिस ने निर्णय किया कि मृतक चोर है तो पुलिस का स्टेटमेंट सही नहीं हो सकता. सरकार ने घोषणा कर दी कि न्यायिक जांच होगी तो उसमें सब सामने आ जाएगा. जोशी ने कहा कि सरकार पीड़ित को पैकेज देने की बात पर बोले.

पढ़ें- सदन में बवाल उठने से पहले सरकार का एक्शन, दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत पर चर्चा

इस पर धारीवाल ने कहा, कि सीजीएम ने मजिस्ट्रेट इंक्वायरी दी है. इस पर फिर सीपी जोशी नाराज हो गए और धारीवाल को कहा कि यह जो आप बोल रहे हैं यह सब होता है. इसमें मुझे नहीं जाना जब सरकार ने स्वंय निर्णय लेते हुए एसपी को और थाने को लाइन हाजिर किया है, तो सरकार ने तो खुद ही मान लिया कि पुलिस की गलती है. इस पर चर्चा करने का कोई औचित्य ही नहीं है. इस समस्या के निदान के लिए सरकार क्या पैकेज देगी उस पर विचार सरकार को करना चाहिए.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगा साफः धारीवाल

इसके बाद धारीवाल ने कहा, कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ हो जाएगा कि मृतक हार्ट अटैक से मरा है या फिर उसकी मौत मारपीट से हुई है. इस पर अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि पुलिस को सस्पेंड क्यों किया गया, तो शांति धारीवाल ने कहा कि पुलिस पर कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि बिना FIR के उसने उस युवक को थाने में बैठाए रखा.

पढ़ें- जांच से पहले पुलिस ने स्वीकारी गलती, एडीजी बोले- मैं मानता हूं जीतू को अवैध रुप से हिरासत में रखा गया था

सीपी जोशी ने कहा, कि सरकार ने एक्शन लिया. ऐसी घटनाएं होती रहती है. क्या इस मामले में मारपीट का मामला सिद्ध होता है तो पुलिसकर्मियों पर 302 का केस लगाया जाएगा. इस पर धारीवाल ने कहा कि 302 का केस दर्ज हो चुका है, पोस्टमार्टम में मारपीट हुई है तो उन पर मुकदमा चलेगा.

बाड़मेर मामले में अगले हफ्ते फिर होगी चर्चा

सरकार की ओर से इस दिए गए इस जवाब पर स्पीकर सीपी जोशी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार को इस मामले में दोबारा सदन में अपनी बात रखने के लिए अगले सप्ताह तक का समय दिया. उन्होंने कहा, कि अगले हफ्ते इस पर दोबारा चर्चा होगी. जिसमें सरकार बता देगी कि मृतक के लिए क्या पैकेज सरकार की ओर से लाया जा रहा है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने बाड़मेर में कस्टोडियल डेथ के मामले में हंगामा किया. साथ ही इस मामले में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सरकार की क्लास ली. सदन में मामले को लेकर एक बार हंगामा होने के बाद दोबारा चर्चा शुरू हुई. इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि सदन को इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए, इसके बाद सभी भाजपा विधायक अपनी सीट पर बैठ गए.

बाड़मेर कस्टडी की मौत मामले में दोबारा हुई चर्चा

इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने कहा, कि नेता प्रतिपक्ष ने जो सवाल उठाए हैं वह मूलभूत सवाल है. उन्होंने कहा, कि इसमें दो बातें हैं. पहला कि कस्टोडियल डेथ हुई है. साथ ही जिस व्यक्ति को थाने में बुलाया गया है, उसके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं थी. उन्होंने कहा, कि अगर किसी व्यक्ति को बिना एफआईआर के थाने लाया जाए और उसकी मौत थाने में हो जाए तो क्या सरकार ऐसे मामले को हत्या के मुकदमे की तरह डील नहीं करेगी.

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जोशी ने कहा, कि इसके बाद मामले को लेकर दूसरा बड़ा सवाल ये है कि ऐसे केस हो जाते हैं, जांच प्रक्रिया है वह होती रहेगी. लेकिन उस पीड़ित परिवार को क्या सरकार कोई मुआवजा या पैकेज देने का विचार कर रही है. उन्होंने कहा, कि यह दुर्घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. 50 साल बाद भी अगर नियम नहीं बदले तो जनता में संदेश नहीं जाएगा और यह मामला जनता के नागरिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.

वहीं, इसके साथ ही स्पीकर सीपी जोशी ने धारीवाल के साथ विपक्ष को भी सीख दी कि अगर गंभीर विषय को उठाते हुए अध्यक्ष को कोई डिक्टेट करने का प्रयास किया जाएगा तो वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे. इसके बाद मंत्री धारीवाल ने इस केस को लेकर बोलना शुरू किया तो स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए कहा, कि आप केस पर नहीं बोले.

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इस पर धारीवाल ने स्वीकार किया कि इस मामले में FIR नहीं थी बिना FIR के मृतक को रात में वहीं रखा गया. सुबह भी वो वहीं रहा लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हो जाएगा की उसकी मौत कैसे हुई. उसका इंतजार कर लेना चाहिए. इतना कहते ही अध्यक्ष ने फिर धारीवाल को बैठाया और पुलिस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, कि क्या सरकार यह मानती है कि उनकी पुलिस इतनी सज्जन है कि पुलिस किसी को रात भर थाने में बैठा कर रखें और कुछ भी ना करें. जोशी ने कहा, कि कस्टोडियल डेथ पर कोई प्रावधान नहीं है.

सरकार पीड़ित को पैकेज देने की बात पर बोलेः सीपी जोशी

जोशी ने कहा, कि थानेदार और पुलिस के आदमी उसे शक के आधार पर लेकर आए और पुलिस वालों ने खुद ही यह मान लिया कि चोरी उसी ने की है. उन्होंने कहा, कि मैं आपके इस स्टेटमेंट को पसंद नहीं करता हूं. मतलब साफ है कि FIR नहीं हुई और पुलिस ने निर्णय किया कि मृतक चोर है तो पुलिस का स्टेटमेंट सही नहीं हो सकता. सरकार ने घोषणा कर दी कि न्यायिक जांच होगी तो उसमें सब सामने आ जाएगा. जोशी ने कहा कि सरकार पीड़ित को पैकेज देने की बात पर बोले.

पढ़ें- सदन में बवाल उठने से पहले सरकार का एक्शन, दलित युवक की पुलिस कस्टडी में मौत पर चर्चा

इस पर धारीवाल ने कहा, कि सीजीएम ने मजिस्ट्रेट इंक्वायरी दी है. इस पर फिर सीपी जोशी नाराज हो गए और धारीवाल को कहा कि यह जो आप बोल रहे हैं यह सब होता है. इसमें मुझे नहीं जाना जब सरकार ने स्वंय निर्णय लेते हुए एसपी को और थाने को लाइन हाजिर किया है, तो सरकार ने तो खुद ही मान लिया कि पुलिस की गलती है. इस पर चर्चा करने का कोई औचित्य ही नहीं है. इस समस्या के निदान के लिए सरकार क्या पैकेज देगी उस पर विचार सरकार को करना चाहिए.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगा साफः धारीवाल

इसके बाद धारीवाल ने कहा, कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ हो जाएगा कि मृतक हार्ट अटैक से मरा है या फिर उसकी मौत मारपीट से हुई है. इस पर अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि पुलिस को सस्पेंड क्यों किया गया, तो शांति धारीवाल ने कहा कि पुलिस पर कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि बिना FIR के उसने उस युवक को थाने में बैठाए रखा.

पढ़ें- जांच से पहले पुलिस ने स्वीकारी गलती, एडीजी बोले- मैं मानता हूं जीतू को अवैध रुप से हिरासत में रखा गया था

सीपी जोशी ने कहा, कि सरकार ने एक्शन लिया. ऐसी घटनाएं होती रहती है. क्या इस मामले में मारपीट का मामला सिद्ध होता है तो पुलिसकर्मियों पर 302 का केस लगाया जाएगा. इस पर धारीवाल ने कहा कि 302 का केस दर्ज हो चुका है, पोस्टमार्टम में मारपीट हुई है तो उन पर मुकदमा चलेगा.

बाड़मेर मामले में अगले हफ्ते फिर होगी चर्चा

सरकार की ओर से इस दिए गए इस जवाब पर स्पीकर सीपी जोशी संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार को इस मामले में दोबारा सदन में अपनी बात रखने के लिए अगले सप्ताह तक का समय दिया. उन्होंने कहा, कि अगले हफ्ते इस पर दोबारा चर्चा होगी. जिसमें सरकार बता देगी कि मृतक के लिए क्या पैकेज सरकार की ओर से लाया जा रहा है.

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