जयपुर. संविधान पर चर्चा के लिए बुलाया गया राजस्थान विधानसभा का 2 दिन का विशेष सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया. सत्र के आखिरी दिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने संविधान से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर अपनी बात रखी. साथ ही कटारिया ने अपने संबोधन में केंद्र के एनडीए सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया.
विधानसभा में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन संविधान पर चर्चा की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने की. कटारिया ने कहा कि इस देश की आजादी के लिए सैकड़ों हजारों लोगों ने संघर्ष किया है. उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद जैसे नेताओं का नाम लिया. कटारिया ने देश की आजादी के संघर्ष की बात की तो संविधान पर चर्चा के दौरान कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए दिए गए आरक्षण का जिक्र भी किया.
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कटारिया ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी को भी आरक्षण मिला और यह संविधान की ताकत के तहत ही संभव हो सका. उन्होंने एनडीए सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आर्थिक पिछड़ों की सुध भी ली और उनके लिए अलग से EWS के तहत आरक्षण के प्रावधान किए. इससे भी संविधान के दायरे में सभी तबकों को मजबूत करने की तरफ कदम बढ़ाए गए.
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
साथ ही कटारिया ने देश में अलग-अलग दौर में बनी गठबंधन सरकारों का जिक्र किया तो वोट बैंक के मुद्दे के लिए होने वाली राजनीति का मामला भी उठाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर 72 साल से चली आ रही समस्या को दूर किया और इस दौरान कोई विवाद या हिंसा भी नहीं हुआ. उन्होंने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए इसका स्वागत किया और कहा कि मोदी सरकार की सक्रियता के चलते न्यायपालिका के जरिए इस फैसले का जल्दी समाधान संभव हो सका.
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हालांकि, गुलाबचंद कटारिया के इस बयान पर सदन में हंगामा भी हुआ. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के साथ कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों ने इस बयान पर एतराज जताते हुए कहा कि अयोध्या मामले पर फैसला कोर्ट के कारण संभव हो पाया है. इस फैसले में अगर मोदी सरकार के दखल का जिक्र कटारिया करना चाहते हैं तो वह इससे क्या साबित करना चाहते हैं.
सदन में लगे जय श्रीराम के नारे
वहीं, हंगामे का जवाब देते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पहले की सरकारें चाहती तो वह भी इस पर समाधान के लिए कोर्ट में मजबूत पैरवी कर सकती थी. उन्होने कहा कि लेकिन वोट बैंक को बनाए रखने के लिए इस मुद्दे को भी जिंदा रखा गया. इस दौरान बीजेपी के विधायकों ने कटारिया का समर्थन करते हुए सदन में जय श्रीराम के नारे भी लगाए.
साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ भी की तो साथ ही देश में आपातकाल लगाने के लिए तत्कालीन इंदिरा सरकार को कटघरे में भी खड़ा करने की कोशिश की.