जयपुर. राज्य के ऊर्जा विभाग ने नई ऊर्जा नीति तैयार करने की कवायद शुरु कर दी है. अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने नई ऊर्जा नीति की रुपरेखा को लेकर सचिवालय में ऊर्जा विकास निगम, सीएमडी डिस्कॉम, जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम, अक्षय ऊर्जा विकास निगम, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम, पीड्ब्लूसी व इससे जुड़ी संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक ली. उन्होंने बताया कि नई ऊर्जा नीति को प्रदेश की वर्ष 2050 तक की मांग, उपलब्धता व आपूर्ति का समावेश करते हुए अंतिम रुप दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि नीति में प्रदेश में घरेलू, कृषि व औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ ही खेती के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराने व उद्योगों को मांग के अनुसार विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराने के भी ठोस प्रयास होंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ऊर्जा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 30 वर्षों के लिए पर्याप्त ऊर्जा उपलब्धता के उद्देश्य से ऊर्जा नीति 2021-2050 तैयार करने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि विभाग ने प्रस्तावित नई ऊर्जा नीति तैयार करने का काम शुरू कर दिया है.
भास्कर ए सावंत की अध्यक्षता में बनी कमेटीः एसीएस एनर्जी ने बताया कि आरंभिक चर्चा के बाद राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध निदेशक भास्कर ए सावंत की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी बना दी गई है. उन्होंने बताया कि इस कमेटी में निदेशक तकनीकी जयपुर विद्युत वितरण निगम केपी वर्मा, अजमेर विद्युत वितरण निगम, जोधपुर विद्युत वितरण निगम, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रतिनिधि निदेशक टी एनएस निर्वाण शामिल हैं.
साथ ही निदेशक ऊर्जा विकास निगम पीएस सक्सैना, मुख्य अभियंता कोआर्डिनेशन राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम देवेन्द्र श्रृंगी और पीडब्लूसी के प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है. उन्होंने बताया कि इस कमेटी में सभी संबंधितों को प्रतिनिधित्व दिए जाने से धरातलीय ठोस प्रस्ताव प्राप्त होंगे. जिससे प्रदेश की नई ऊर्जा नीति अधिक कारगर, अधिक उपयोगी, अग्रगामी और सकारात्मक दूरगामी परिणाम देने वाली होगी.
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि नई नीति में राजस्थान में रिन्यूएवल एनर्जी की उपलब्धता बढ़ाने, उपलब्ध संसाधनों का विद्युत उत्पादन व विपणन में उपयोग और आधुनिकीकरण की संभावनाओं का भी समावेश किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एमडी राजस्थान ऊर्जा विकास निगम भास्कर ए सावंत की अध्यक्षता में गठित समिति सभी संबंधित बिन्दुओं व संभावनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी.