जयपुर. कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए राजस्थान का आपदा एवं राहत विभाग भी जुट गया है. इस संक्रमण से बचाव के लिए विभागीय मंत्री मास्टर भंवरलाल ने न केवल प्रदेश के चिकित्सा विभाग को बल्कि प्रदेश के सभी कलेक्टरों को भी राशि आवंटित की है. आपदा एंव राहत विभाग ने दो महीनों में अब तक 312.17 करोड रुपए जारी किए है. ताकि इस बिमारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कोई कमी ना आए.
मंत्री भंवरलाल ने कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए विभाग ने मार्च और अप्रैल में कुल राशि 312.17 करोड़ रुपए जारी की गई है. इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 248.37 करोड़ और समस्त जिला कलेक्टरों को 63.8 करोड़ रुपए जारी किए गए है.
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राशि का आवंटन
- लेबोरेट्री, वेंटिलेटर और अन्य मेडिकल उपकरण हेतु मार्च में 62.15 करोड़ और अप्रैल में 149.12 करोड़ रुपए राज्य के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों और सम्बद्ध चिकित्सालय के लिए सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को आवंटित किए गए हैं.
- मास्क, पीपीई किट और अन्य सामग्री क्रय करने के लिए मार्च में 2.10 करोड़ और अप्रैल में रैपिड टेस्टिंग किट्स क्रय करने हेतु 35 करोड़ रुपए चिकित्सा विभाग को आंवटित किए गए हैं.
- कलक्टरों को राज्य में संचालित समस्त क्वॉरेंटाइन केन्द्रों और राहत शिविरों में रह रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए की जा रही सुविधा, संदिग्धों की जांच एवं स्क्रीनिंग और बचाव कार्य में लगे स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियाें की निजी सुरक्षा के उपकरण इत्यादि के लिए मार्च माह में 8.70 करोड़ रुपए, निर्बन्ध कोष के लिए 4.10 करोड़ और अप्रैल में 51 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है. इस प्रकार समस्त कलेक्टरों को कुल 63.8 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है.
मास्क नहीं पहनने पर सजा और जुर्माना
आपदा प्रबंधन मंत्री मेघवाल ने बताया कि विभाग की ओर से कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम और लॉकडाउन की पालना हेतु आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के अनुसार सभी नागरिकों को मास्क पहनना अनिवार्य है. जिसकी पालना नहीं करने पर 1 साल की सजा अथवा जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि जनहित में सभी मकान मालिकों को पाबन्द किया गया है कि सभी डाक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल टेक्निशियन, श्रमिकों और मजदूरों से जबरन मकान खाली नहीं करवाया जाए.
चारा-पानी की व्यवस्था के लिए दिए निर्देश
राज्य सरकार कोविड-19 के रोकथाम और बचाव कार्य के लिए टिड्डी प्रभावित प्रदेश के 8 जिले बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, पाली और सिरोही के लिए राहत कोष दिया गया है. इसके साथ ही सूखे से प्रभावित 4 जिले जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर और हनुमानगढ़ में पशुओं के संरक्षण हेतु पशु-शिविर खोले जाने और अनुदानित दर पर चारा उपलब्ध कराए जाने के लिए मुहैया कराया गया है. वहीं, सूखा प्रभावित समस्त जिलों को आवश्यकतानुसार पेयजल परिवहन के निर्देश भी संबंधित जिला कलेक्टर को दिए गए है.
बाइट मास्टर भंवरलाल मंत्री आपदा एवं राहत बचाव विभाग