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मानसागर झील मामलाः दूषित पानी ही था मछलियों की मौत का कारण, डिफ्यूजर भी मिले खराब - Mansagar lake

जयपुर की मानसागर झील में मछलियों की लगातार हो रही मौत को लेकर जिला प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर यहां जांच करवाई थी. जिसमें सामने आया है कि मछलियों की मौत का कारण नालों का गंदा पानी ही था. जो धीरे-धीरे झील में मिल रहा था. जिसके कारण मछलियों की मौत हो रही थी.

मानसागर झील, jaipur latest news
मछलियों की मौत का कारण बना नालों का गंदा पानी
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Published : Feb 1, 2020, 6:40 PM IST

जयपुर. शहर की मानसरोवर झील में मछलियों की मौत का कारण दूषित पानी ही था. जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि नालों का गंदा पानी झील में घुल रहा है. इससे पानी में प्रदूषण बढ़ने और ऑक्सीजन की कमी होने से मानसागर में ये जीव त्रासदी हुई. वहीं, जेडीए की लापरवाही भी सामने आई है.

ईटीवी भारत की ओर से मानसागर झील में मछलियों की मौत का मामला उजागर करने के बाद जिला प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर यहां जांच करवाई थी. इसकी रिपोर्ट अब सामने आई है. जिसमें मछलियों की मौत का कारण दूषित पानी बताया गया है. जो नालों से सीधा झील में मिल रहा है.

मछलियों की मौत का कारण बना नालों का गंदा पानी

बता दें कि कई महीनों से ब्रह्मपुरी और नाग तलाई नाले का गंदा पानी मानसागर झील में मिल रहा है. इससे पानी मे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. वहीं, रिपोर्ट में जेडीए की लापरवाही भी सामने आई है. जहां झील में लगे डिफ्यूजर भी बंद मिले हैं. जिससे मछलियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिली और दम घुटने से मछलियों की मौत हो गई. हालांकि अब मरी हुई मछलियों को मानसागर झील में से बाहर निकाला गया है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: मानसागर झील जीव त्रासदी पर पर्यटकों ने दी नसीहत, मछलियों की मौत पर प्रशासन हो गंभीर

वहीं, जेडीए की ओर से डिफ्यूजर को भी सुधारा जा रहा है. लेकिन, अब तक नालों के गंदे पानी को झील में मिलने से रोकने के लिए निगम की ओर से कोई योजना नहीं बनाई गई है. यही वजह है कि अभी भी मृत मछलियों के अवशेष झील में बाकी है. उधर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी केंद्रीय प्रयोगशाला में जांच करा रहा है. जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. बता दें कि 7 दिन पहले मछलियों की मौत का मामला सामने आया था. जिस पर अब जाकर सुध ली गई है.

जयपुर. शहर की मानसरोवर झील में मछलियों की मौत का कारण दूषित पानी ही था. जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि नालों का गंदा पानी झील में घुल रहा है. इससे पानी में प्रदूषण बढ़ने और ऑक्सीजन की कमी होने से मानसागर में ये जीव त्रासदी हुई. वहीं, जेडीए की लापरवाही भी सामने आई है.

ईटीवी भारत की ओर से मानसागर झील में मछलियों की मौत का मामला उजागर करने के बाद जिला प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर यहां जांच करवाई थी. इसकी रिपोर्ट अब सामने आई है. जिसमें मछलियों की मौत का कारण दूषित पानी बताया गया है. जो नालों से सीधा झील में मिल रहा है.

मछलियों की मौत का कारण बना नालों का गंदा पानी

बता दें कि कई महीनों से ब्रह्मपुरी और नाग तलाई नाले का गंदा पानी मानसागर झील में मिल रहा है. इससे पानी मे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. वहीं, रिपोर्ट में जेडीए की लापरवाही भी सामने आई है. जहां झील में लगे डिफ्यूजर भी बंद मिले हैं. जिससे मछलियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिली और दम घुटने से मछलियों की मौत हो गई. हालांकि अब मरी हुई मछलियों को मानसागर झील में से बाहर निकाला गया है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: मानसागर झील जीव त्रासदी पर पर्यटकों ने दी नसीहत, मछलियों की मौत पर प्रशासन हो गंभीर

वहीं, जेडीए की ओर से डिफ्यूजर को भी सुधारा जा रहा है. लेकिन, अब तक नालों के गंदे पानी को झील में मिलने से रोकने के लिए निगम की ओर से कोई योजना नहीं बनाई गई है. यही वजह है कि अभी भी मृत मछलियों के अवशेष झील में बाकी है. उधर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी केंद्रीय प्रयोगशाला में जांच करा रहा है. जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. बता दें कि 7 दिन पहले मछलियों की मौत का मामला सामने आया था. जिस पर अब जाकर सुध ली गई है.

Intro:जयपुर - मानसरोवर झील में मछलियों की मौत का कारण दूषित पानी ही था। जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि नालों का गंदा पानी झील में घुल रहा है। इससे पानी में प्रदूषण बढ़ने और ऑक्सीजन की कमी होने से मानसागर में ये जीव त्रासदी हुई। वहीं जेडीए की लापरवाही भी सामने आई है।


Body:ईटीवी भारत की ओर से मानसागर झील में मछलियों की मौत का मामला उजागर करने के बाद जिला प्रशासन ने मौखिक आदेश देकर यहां जांच करवाई थी। इसकी रिपोर्ट अब सामने आई है। जिसमें मछलियों की मौत का कारण दूषित पानी बताया गया है। जो नालों से सीधा झील में मिल रहा है। कई महीनों से ब्रह्मपुरी और नाग तलाई नाले का गंदा पानी मानसागर झील में मिल रहा है। इससे पानी मे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। वहीं रिपोर्ट में जेडीए की लापरवाही सामने आई है। जहां झील में लगे डिफ्यूजर भी बंद मिले। जिससे मछलियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिली और दम घुटने से मछलियों की मौत हो गई। हालांकि अब मरी हुई मछलियों को मानसागर झील में से बाहर निकाला गया है। वहीं जेडीए की ओर से डिफ्यूजर को भी सुधारा जा रहा है। लेकिन अब तक नालों के गंदे पानी को झील में मिलने से रोकने के लिए निगम की ओर से कोई योजना नहीं बनाई गई है। यही वजह है कि अभी भी मृत मछलियों के अवशेष झील में बाकी है।


Conclusion:उधर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल भी केंद्रीय प्रयोगशाला में जांच करा रहा है। जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। आपको बता दें कि 7 दिन पहले मछलियों की मौत का मामला सामने आया था। जिस पर अब जाकर सुध ली गई है।
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