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जयपुर: शीतलाष्टमी पर श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगाकर की पूजा-अर्चना - Jaipur News

शीतला अष्टमी के पर्व पर माता के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. छोटी काशी जयपुर में शुक्रवार को माता का विशेष पर्व शीतलाष्टमी यानी बास्योड़ा पारंपरिक रीति-रिवाज और हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. श्रद्धालु माता की पूजा अर्चना कर अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं.

Sheetlashtami in Jaipur, जयपुर न्यूज
जयपुर में शीतलाष्टमी पर पूजा-अर्चना
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Published : Apr 2, 2021, 12:44 PM IST

जयपुर. आमेर में दिल्ली रोड स्थित नई माता मंदिर में शीतलाष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की गई. अल सुबह से ही माता के भक्तों के आने का सिलसिला जारी है. भक्त माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगा रहे हैं.

जयपुर में शीतलाष्टमी पर पूजा-अर्चना

शीतलाष्टमी के एक दिन पहले घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं. जिसके बाद आज शीतलाष्टमी के दिन सभी ठंडे पकवानों का माताजी के दरबार में भोग लगाया जा रहा है. घर घर से महिलाएं माता जी के जयकारे लगाती हुई दरबार में पहुंची. भक्तों ने माता के दूध, दही, पुरी, राबड़ी, पापड़ी, पेठा, हलवा, मुगथाल, नमकीन, सहित अनेक पकवानों का भोग लगाया. नई माता मंदिर परिसर में कोरोना गाइडलाइन का भी पूरा ध्यान रखा गया.माता के दरबार में भक्तों ने ठंडे पकवानों का भोग लगाकर पूजा अर्चना की. वहीं महिलाओं ने माता के गीत गाते हुए परिवार की खुशहाली की कामना की. इस मौके पर माता की झांकी सजाई गई. सभी भक्त अपने परिवार की खुशहाली की दुआ मांगने के लिए माता के दरबार पहुंचे.

Sheetlashtami in Jaipur, जयपुर न्यूज
बासी पकवान का लगाया गया भोग

यह भी पढ़ें. प्रदेश में बढ़ते कोरोना का डर, शील डूंगरी पर इस साल भी शीतलाष्टमी का नहीं भरेगा मेला

महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी माता के दरबार में धोक लगाने पहुंचे. नई माता मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. इस प्राचीन मंदिर की कई खास मान्यताएं हैं, यहां पर दूर दराज से भी श्रद्धालु माता के दरबार में धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि जो भी बच्चा जन्म लेता है उसको माता रानी के लाले से चेचक का रोग नहीं होता है और अगर किसी के चेचक हो जाता है, तो माता रानी की शरण में यह रोग मिट जाता है.

Sheetlashtami in Jaipur, जयपुर न्यूज
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

यह भी पढ़ें. कोरोना का खौफ : गुजरात पुलिस की सख्ती, राजस्थान से सटे रतनपुर और मांडली उड़वा बॉर्डर को किया सील

इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नई माता मंदिर में विशेष आयोजन नहीं किए गए. इसके साथ ही मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं से भी गाइडलाइन की पालना करवाई जा रही है. भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही मास्क पहनने की भी अपील की जा रही है. वही मंदिर में होने वाले विशाल मेले के आयोजन को भी इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं किया गया.

Sheetlashtami in Jaipur, जयपुर न्यूज
भोग लगाते श्रद्धालु

बांसखो कस्बे में शीतला माता की पूजा की

बांसखो कस्बे में बालाजी मोहल्ले में बालाजी के मंदिर में शीतला माता की पूजा करती हुई महिलाएं नजर आई. माता के मंदिर में कई तरह के पकवान से ठंडे पकवान का भोग लगाया गया.

जयपुर. आमेर में दिल्ली रोड स्थित नई माता मंदिर में शीतलाष्टमी के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की गई. अल सुबह से ही माता के भक्तों के आने का सिलसिला जारी है. भक्त माता के दरबार में ठंडे पकवानों का भोग लगा रहे हैं.

जयपुर में शीतलाष्टमी पर पूजा-अर्चना

शीतलाष्टमी के एक दिन पहले घर-घर में पकवान बनाए जाते हैं. जिसके बाद आज शीतलाष्टमी के दिन सभी ठंडे पकवानों का माताजी के दरबार में भोग लगाया जा रहा है. घर घर से महिलाएं माता जी के जयकारे लगाती हुई दरबार में पहुंची. भक्तों ने माता के दूध, दही, पुरी, राबड़ी, पापड़ी, पेठा, हलवा, मुगथाल, नमकीन, सहित अनेक पकवानों का भोग लगाया. नई माता मंदिर परिसर में कोरोना गाइडलाइन का भी पूरा ध्यान रखा गया.माता के दरबार में भक्तों ने ठंडे पकवानों का भोग लगाकर पूजा अर्चना की. वहीं महिलाओं ने माता के गीत गाते हुए परिवार की खुशहाली की कामना की. इस मौके पर माता की झांकी सजाई गई. सभी भक्त अपने परिवार की खुशहाली की दुआ मांगने के लिए माता के दरबार पहुंचे.

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बासी पकवान का लगाया गया भोग

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महिलाएं, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी माता के दरबार में धोक लगाने पहुंचे. नई माता मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है. इस प्राचीन मंदिर की कई खास मान्यताएं हैं, यहां पर दूर दराज से भी श्रद्धालु माता के दरबार में धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि जो भी बच्चा जन्म लेता है उसको माता रानी के लाले से चेचक का रोग नहीं होता है और अगर किसी के चेचक हो जाता है, तो माता रानी की शरण में यह रोग मिट जाता है.

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मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

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इस बार कोरोना संक्रमण के चलते नई माता मंदिर में विशेष आयोजन नहीं किए गए. इसके साथ ही मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं से भी गाइडलाइन की पालना करवाई जा रही है. भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही मास्क पहनने की भी अपील की जा रही है. वही मंदिर में होने वाले विशाल मेले के आयोजन को भी इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं किया गया.

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भोग लगाते श्रद्धालु

बांसखो कस्बे में शीतला माता की पूजा की

बांसखो कस्बे में बालाजी मोहल्ले में बालाजी के मंदिर में शीतला माता की पूजा करती हुई महिलाएं नजर आई. माता के मंदिर में कई तरह के पकवान से ठंडे पकवान का भोग लगाया गया.

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