जयपुर. भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को विधानसभा में पर्ची के माध्यम से बीसलपुर बांध में पानी की कमी से उत्पन्न पेयजल संकट का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि अजमेर शहर ही नहीं सम्पूर्ण जिले की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था बीसलपुर बांध परियोजना पर निर्भर है तथा अजमेर सहित 3 अन्य जिलों के लगभग 90 लाख लोग इससे लाभान्वित होते है. वर्तमान में इस बांध में 2.25 टीएमसी पानी ही बचा है जबकि इसकी कुल भराव क्षमता 38.70 टीएमसी है. उन्होंने कहा कि हालात यह है कि आज बांध में 9 दिन की आपूर्ति योग्य पानी बचा है. जबकि सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी है. ना तो कोई वैकल्पिक प्रबन्ध किए गए है और ना ही सामने नजर आ रहे गंभीर जल संकट से निपटने की कोई तैयारी की गई है.
'अजमेर में पहले से ही पेयजल संकट'
उन्होंने कहा कि अजमेरवासी तो पहले से ही पानी की समस्या से त्रस्त है. पिछले 6 माह से बीसलपुर से मिलने वाले पानी में लगातार कटौती की जा रही है. मौजूदा समय में अजमेर के शहरी क्षेत्र में 72 घंटे के अंतराल से अपर्याप्त पेयजल आपूर्ति की जा रही है. जबकि गांवों में 5-7 दिन के अंतराल से आपूर्ति हो रही है. क्षेत्र में खराब हैंडपंप नहीं सुधारे जा रहे हैं तथा शहर के अन्दरूनी क्षेत्र हेतु गत वर्ष स्वीकृत हैंडपंप अभी तक भी नहीं खोदे गए हैं. जलदाय महकमा पेयजल व्यवस्था सुधारने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है.
'अजमेर को भी कटिन्जेंसी प्लान के लिए तुरन्त जारी करें बजट'
देवनानी ने विधानसभा में कहा कि सरकार अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार करना बन्द करें. जिस प्रकार जयपुर की पेयजल व्यवस्था हेतु 288 करोड़ रुपए स्वीकृत किए. उसी प्रकार अजमेर के लिए भी कंटिजेंसी प्लान हेतु आवश्यक बजट शीघ्र स्वीकृत करें. जिससे पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आवश्यक प्रबंध किए जा सके. उन्होंने कहा कि यदि अब भी सरकार नहीं चेती तो अजमेर में पेयजल की समस्या अनियंत्रित होकर विकराल रूप धारण कर सकती है. क्योंकि सरकार तुरन्त बजट स्वीकृत कर देती है तो भी आवश्यक प्रबंध करने में भी 2 से 3 माह का समय लगेगा. जबकि बीसलपुर बांध से आगामी कुछ दिन तक ही पानी मिल सकता है.
'भाजपा सरकार द्वारा स्वीकृत ब्राह्मणी नदी योजना की तुरंत हो क्रियान्विति'
देवनानी ने कहा कि गत भाजपा सरकार ने बीसलपुर बांध में पानी की कमी से उत्पन्न होने वाले संकट की पहले से ही चिन्ता की थी और इसके लिए बांध में ब्राह्मणी नदी का पानी लाने के लिए 6 हजार करोड़ की योजना स्वीकृत की थी. जिसकी डीपीआर बनाने की कार्यवाही भी प्रारम्भ कर दी थी. लेकिन वर्तमान सरकार ने इस योजना को ठण्डे बस्ते में डाल दिया तथा बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं रखा. देवनानी ने सरकार से आग्रह किया की कि इस योजना की क्रियान्विति तुरन्त प्रारम्भ कराई जाए.
'पेयजल संकट को लेकर उठाए आवश्यक कदम'
विधायक ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि क्षेत्र में उत्पन्न पेयजल संकट के मामले में शीघ्र ही गंभीरतापूर्वक आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि परम्परागत जल स्त्रोतों, कुएं-बावड़ियों व तालाबों की साफ-सफाई कराई जाएं. क्षेत्र में नए ट्यूबवेल व हैंडपंप खुदवाए जाए. खराब हैंडपंप के पाइप बदलकर ठीक कराए जाए. पाइप लाइन के लीकेज ठीक कराने के साथ ही अवैध कनेक्शनों को काट कर पानी की बचत की जाए. फायसागर व आनासागर झील का पानी उपयोग में लेने की सम्भावना भी देखनी चाहिए.