ETV Bharat / city

जयपुर में दो निगम फिर भी रोड स्वीपिंग अब तक नहीं हुई मैकेनाइज्ड, केवल एक ट्रक माउंटेड के भरोसे पूरा शहर - Rajasthan Latest News

जयपुर की सफाई व्यवस्था को लेकर हर बार कई सवाल खड़े होते हैं. शहर में दो निगम होने के बावजूद भी सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए साल 2017 में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की शुरुआत हुई थी. इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने के बावजूद शहर में महज एक ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर संचालित है.

Rajasthan News, Jaipur News, Road sweeping not mechanized
जयपुर में दो निगम फिर भी रोड स्वीपिंग अब तक नहीं हुई मैकेनाइज्ड
author img

By

Published : Nov 2, 2021, 11:07 PM IST

जयपुर. शहर को स्मार्ट बनाने की तर्ज पर साल 2017 में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की शुरुआत की गई थी. उस वक्त रोड स्वीपर मशीन किराए पर लिए गए थे. लेकिन सकारात्मक परिणाम सामने आने के बावजूद आज शहर में महज एक ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर संचालित है. शहर के दोनों ही निगम ने न तो इन मशीनों को खरीदा और न ही किराए पर लिया. बढ़ते शहर और दो निगम बनने के बावजूद रोड स्वीपिंग का अधिकतम काम मैनुअली हो रहा है.

मैकेनाइज्ड स्वीपिंग व्यवस्था किराए की मशीन के भरोसे

शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम प्रशासन के सामने कई चैलेंज हैं. त्योहारी सीजन में दोनों निगमों के लिए चुनौतियां और बढ़ गई है. हालांकि हेरिटेज एरिया में नाइट स्वीपिंग पर जोर दिया जा रहा है. 40 से ज्यादा बाजारों में रात में भी सफाई की जा रही है. लेकिन अधिकतम काम फिलहाल मैनुअली हो रहा है. शहर की सड़कों को साफ करने के लिए जिस मैकेनाइज्ड स्वीपिंग व्यवस्था की सालों से बात की जा रही है, वो अभी भी एक किराये की मशीन के भरोसे है.

जयपुर की सफाई व्यवस्था

पढ़ें. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस: आयुर्वेद क्षेत्र में राजस्थान को विशेष दर्जे और 200 करोड़ अतिरिक्त बजट की मांग

ट्रैक्टर ट्रेल्ड का कॉन्ट्रैक्ट अबतक नहीं करवाया रिन्यू

दरअसल, जयपुर के दोनों नगर निगमों में मई 2021 तक 8 रोड स्वीपर संचालित थे. ये सभी कॉन्ट्रैक्ट पर थे. इनमें 7 ट्रैक्टर ट्रेल्ड और 1 ट्रक माउंटेड शामिल था. हेरिटेज निगम क्षेत्र में तीन जबकि ग्रेटर नगर क्षेत्र में पांच मशीनें संचालित थी. हर महीने 2.10 लाख प्रति ट्रैक्टर ट्रेल्ड निगम भुगतान करता था. जबकि ट्रक माउंटेड के 13.44 लाख रुपए चुकाता रहा है. नगर निगम का ये प्रयोग सफल भी रहा. बावजूद इसके ट्रैक्टर ट्रेल्ड का कॉन्ट्रैक्ट मई में खत्म होने के बाद अब तक रिन्यू नहीं किया गया. अब पूरे शहर में महज एक ट्रक माउंटेड रोड स्वीपिंग में लगा है.

किराए पर संसाधन लेने की तैयारी

जानकारी के अनुसार हेरिटेज नगर निगम प्रशासन जहां एक नया ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर खरीदने जा रहा है. इसकी लागत करीब डेढ़ करोड़ बताई जा रही है. वहीं ग्रेटर नगर निगम एक बार फिर किराए पर संसाधन लेने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत दो ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर का टेंडर किया गया है. ग्रेटर नगर निगम एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि वर्तमान में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की व्यवस्था 60 फीट 80 फीट और इसके ऊपर की रोड पर जारी है. जल्द इसमें वृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि ट्रैक्टर ट्रेल्ड रोड स्वीपर लंबे समय से क्षेत्र में चल रही हैं. लेकिन उसके संतुष्टि पूर्ण परिणाम नहीं देखने को मिले. ऐसे में अब एक वर्ल्ड क्लास ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर खरीदा जा रहा है.

जयपुर की सफाई व्यवस्था
जयपुर की सफाई व्यवस्था

पढ़ें. रोशनी से लबरेज रहेगी दिवाली...दीपों के त्योहार पर जयपुर डिस्कॉम भी तैयार

बहरहाल, हेरिटेज निगम ने अब जाकर एक रोड स्वीपर मशीन खरीदने की तैयारी की है. वहीं ग्रेटर नगर निगम दो रोड स्वीपर किराए पर लाने की तैयारी में है. इसके लिए 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा. इस पर 1.63 करोड़ रुपए हर साल एक रोड स्वीपर पर खर्च किए जाएंगे. इस राशि में निगम शायद कई मशीन खरीद कर अपने संसाधनों को बढ़ा सकता है. क्योंकि मैकेनाइज्ड की ओर बढ़ेंगे तो गुणवत्ता में वृद्धि होगी और यही भविष्य की मांग भी है.

जयपुर. शहर को स्मार्ट बनाने की तर्ज पर साल 2017 में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की शुरुआत की गई थी. उस वक्त रोड स्वीपर मशीन किराए पर लिए गए थे. लेकिन सकारात्मक परिणाम सामने आने के बावजूद आज शहर में महज एक ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर संचालित है. शहर के दोनों ही निगम ने न तो इन मशीनों को खरीदा और न ही किराए पर लिया. बढ़ते शहर और दो निगम बनने के बावजूद रोड स्वीपिंग का अधिकतम काम मैनुअली हो रहा है.

मैकेनाइज्ड स्वीपिंग व्यवस्था किराए की मशीन के भरोसे

शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम प्रशासन के सामने कई चैलेंज हैं. त्योहारी सीजन में दोनों निगमों के लिए चुनौतियां और बढ़ गई है. हालांकि हेरिटेज एरिया में नाइट स्वीपिंग पर जोर दिया जा रहा है. 40 से ज्यादा बाजारों में रात में भी सफाई की जा रही है. लेकिन अधिकतम काम फिलहाल मैनुअली हो रहा है. शहर की सड़कों को साफ करने के लिए जिस मैकेनाइज्ड स्वीपिंग व्यवस्था की सालों से बात की जा रही है, वो अभी भी एक किराये की मशीन के भरोसे है.

जयपुर की सफाई व्यवस्था

पढ़ें. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस: आयुर्वेद क्षेत्र में राजस्थान को विशेष दर्जे और 200 करोड़ अतिरिक्त बजट की मांग

ट्रैक्टर ट्रेल्ड का कॉन्ट्रैक्ट अबतक नहीं करवाया रिन्यू

दरअसल, जयपुर के दोनों नगर निगमों में मई 2021 तक 8 रोड स्वीपर संचालित थे. ये सभी कॉन्ट्रैक्ट पर थे. इनमें 7 ट्रैक्टर ट्रेल्ड और 1 ट्रक माउंटेड शामिल था. हेरिटेज निगम क्षेत्र में तीन जबकि ग्रेटर नगर क्षेत्र में पांच मशीनें संचालित थी. हर महीने 2.10 लाख प्रति ट्रैक्टर ट्रेल्ड निगम भुगतान करता था. जबकि ट्रक माउंटेड के 13.44 लाख रुपए चुकाता रहा है. नगर निगम का ये प्रयोग सफल भी रहा. बावजूद इसके ट्रैक्टर ट्रेल्ड का कॉन्ट्रैक्ट मई में खत्म होने के बाद अब तक रिन्यू नहीं किया गया. अब पूरे शहर में महज एक ट्रक माउंटेड रोड स्वीपिंग में लगा है.

किराए पर संसाधन लेने की तैयारी

जानकारी के अनुसार हेरिटेज नगर निगम प्रशासन जहां एक नया ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर खरीदने जा रहा है. इसकी लागत करीब डेढ़ करोड़ बताई जा रही है. वहीं ग्रेटर नगर निगम एक बार फिर किराए पर संसाधन लेने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत दो ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर का टेंडर किया गया है. ग्रेटर नगर निगम एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि वर्तमान में मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग की व्यवस्था 60 फीट 80 फीट और इसके ऊपर की रोड पर जारी है. जल्द इसमें वृद्धि करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं हेरिटेज नगर निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि ट्रैक्टर ट्रेल्ड रोड स्वीपर लंबे समय से क्षेत्र में चल रही हैं. लेकिन उसके संतुष्टि पूर्ण परिणाम नहीं देखने को मिले. ऐसे में अब एक वर्ल्ड क्लास ट्रक माउंटेड रोड स्वीपर खरीदा जा रहा है.

जयपुर की सफाई व्यवस्था
जयपुर की सफाई व्यवस्था

पढ़ें. रोशनी से लबरेज रहेगी दिवाली...दीपों के त्योहार पर जयपुर डिस्कॉम भी तैयार

बहरहाल, हेरिटेज निगम ने अब जाकर एक रोड स्वीपर मशीन खरीदने की तैयारी की है. वहीं ग्रेटर नगर निगम दो रोड स्वीपर किराए पर लाने की तैयारी में है. इसके लिए 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा. इस पर 1.63 करोड़ रुपए हर साल एक रोड स्वीपर पर खर्च किए जाएंगे. इस राशि में निगम शायद कई मशीन खरीद कर अपने संसाधनों को बढ़ा सकता है. क्योंकि मैकेनाइज्ड की ओर बढ़ेंगे तो गुणवत्ता में वृद्धि होगी और यही भविष्य की मांग भी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.