जयपुर. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कोरोना वैश्विक महामारी के कारण जारी लॉकडाउन से विभागीय योजनाओं की क्रियान्विति में तेजी लाने के लिए सोमवार तक रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए हैं. जिससे 20 अप्रैल के बाद संशोधित लॉकडाउन के दौरान कार्यों को पूर्ण गति दी जा सके.
पायलट शुक्रवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और डीपीएम, राजीविका को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण प्रशासनिक तंत्र विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के तहत किए जाने वाले कार्यों को चिन्हित करें.
कोरोना संकट के कारण परेशानी झेल रहे लोगों को प्रेरित करने, उनमें विश्वास पैदा करने, उनको संबल प्रदान करने और सभी योजनाओं को गति देने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों का सहयोग लिया जाए. पायलट ने कहा, कि लॉकडाउन के कारण गरीब, मजदूर, किसान, श्रमिक आदि की आमदनी प्रभावित हुई है. ऐसी परिस्थिति में महात्मा गांधी नरेगा योजना की ओर से इन्हें आर्थिक संबल प्रदान किया जा सकता है. इसलिए कोरोना बचाव हेतु आवश्यक उपाय जैसे स्वः निर्मित मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मनरेगा को गति प्रदान की जाए.
पायलट ने कहा कि सामुदायिक विकास एवं व्यक्तिगत लाभ के कार्य जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जा सके. उन्हें प्राथमिकता से प्रारंभ कर चालू पखवाड़े में अधिकाधिक श्रम नियोजन का लक्ष्य अर्जित किया जाए और अभियान स्वरूप नरेगा को उच्चतम स्तर तक ले जाया जाए. उन्होंने कहा कि कार्य के लिए नरेगा श्रमिकों के पंजीकरण हेतु प्रपत्र-6 की बाध्यता ना रखकर टेलीफोन, कॉलसेंटर और अन्य किसी भी माध्यम से रोजगार की मांग प्राप्त होने पर रोजगार उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए.
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डिप्टी सीएम ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर पहुंचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए. उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं के तहत क्रियान्वित किए जाने वाले निर्माण कार्य जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवन निर्माण कार्य, तालाब निर्माण आदि जिन्हें संशोधित लॉकडाउन में छूट दी गई है, को गति देने के लिए तीन दिवस में कार्ययोजना तैयार की जाए. जिससे लॉकडाउन में कमी होते ही इन कार्यो को तीव्रता से पूर्ण किया जा सके.
स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का लिया जा सकता है सहयोग
पायलट ने कहा कि राजीविका के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का इस मुश्किल घड़ी में सर्वोत्तम सहयोग लिया जा सकता है. स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की ओर से प्रतिदिन 1.5 लाख मास्क तैयार करने की क्षमता है. इसके लिए जिला स्तर पर कार्य योजना तैयार करें. स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार मास्क सस्ते एवं बार-बार उपयोग में आने वाले होते हैं. साथ ही इससे स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे.
योजनाओं में व्यय करने की रूपरेखा तैयार की जाए...
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की ओर से कई जिलों में भामाशाहों से खाद्यान्न इकट्ठा कर जरूरतमंदों में वितरण करने का कार्य भी किया गया है, जिसे अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है. साथ ही सामुदायिक रसोई में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का सहयोग लिया जा सकता है. पायलट ने कहा कि ग्राम पंचायतों के पास विभिन्न योजनाओं एवं मदों में 1124 करोड़ रुपए से अधिक की राशि उपलब्ध है, जिसे समयबद्ध रूप से व्यय करने की रूपरेखा तैयार की जाए.
'सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव की बारंबारता को बढ़ाया जाए'
पायलट ने बताया कि शहरी क्षेत्रों की पेरीफेरी में स्थित गांवों में सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव की बारंबारता को बढ़ाया जाए, जिससे क्षेत्र में सेनेटाइजेशन सुनिश्चित होगा. साथ ही जनता में कोरोना से बचाव के प्रति विश्वास पैदा होगा. उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक उपाय जैसे मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की कार्यलक्षित (Agenda driven) एवं दूरदर्शी (Forward looking) कार्ययोजना तैयार कर लागू करें. जिससे कोरोना लॉकडाउन से हुए नुकसान को कम किया जा सके और किसान, मजदूर, श्रमिक आदि को आर्थिक सम्बल प्रदान किया जा सके.