जयपुर. नगर निगम ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर (Mayor Saumya Gurjar suspension) और तीन भाजपा पार्षद के निलंबन के मामले में मंगलवार को बीजेपी का राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम हुए. जयपुर में भाजपा मुख्यालय के बाहर कार्यक्रम हुआ. जिसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ ही कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि शामिल है लेकिन जयपुर से ही आने वाले कुछ विधायक और पूर्व विधायकों की गैर मौजूदगी भी यहां चर्चा का विषय रही.
काले झंडे और पट्टी बांधकर किया विरोध, ये दिग्गज रहे शामिल
विरोध प्रदर्शन में सतीश पूनिया के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा, निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा के साथ ही विधायक वासुदेव देवनानी, सांसद मनोज राजोरिया और मोर्चा से जुड़े अध्यक्ष और पार्टी के कई पदाधिकारी मौजूद रहे. जिन्होंने सरकार के निर्णय के खिलाफ अपने हाथ में काली पट्टी बांधकर और काला झंडा लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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भाजपा नेताओं ने हाथ में गहलोत सरकार (Rajasthan government) के विरोध में लिखे स्लोगन वाले पोस्टर लेकर नारेबाजी की. भाजपा नेताओं का आरोप है कि गहलोत सरकार (Gehlot government) ने महापौर और पार्षदों के निलंबन की जो कार्रवाई की है, वो पूरी तरह गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक है और भाजपा सड़क से लेकर कोर्ट तक इसके लड़ाई लड़ेगी.
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, की ये मांग
धरने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Rajasthan BJP State president Satish Poonia) के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा, जहां उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए नगर निगम में हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी राज्यपाल को दी गई. साथ ही आरोप लगाया गया कि निगम सीईओ ने जो कृत्य किया है, वह पूरी तरह अलोकतांत्रिक है और सरकारी दबाव में ही पार्षदों के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज हुए हैं. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से इस पूरे प्रकरण में दोषी अधिकारियों और राज्य सरकार के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की मांग की. साथ ही निलंबित पार्षदों और महापौर को बहाल करने का भी आग्रह किया.
ये पहुंचे लेट, इन नेताओं की गैर मौजूदगी रही चर्चा में
विरोध प्रदर्शन के इस कार्यक्रम में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा और विधायक नरपत सिंह राजवी कार्यक्रम समाप्ति के अंतिम क्षणों में शामिल हुए. वहीं जयपुर से आने वाले विधायक अशोक लाहोटी और कालीचरण सराफ इस विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं दिखे. लाहोटी जयपुर शहर के बाहर होना बताया जा रहा है. अशोक परनामी इस धरने कार्यक्रम में नजर नहीं आएय बताया जा रहा है, उन्हें सूचना ही नहीं दी गई.
कोरोना के केस हुए कम लेकिन भाजपा ने तोड़ा प्रोटोकॉल
विरोध प्रदर्शन के इस कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन की पालना करने का प्रयास तो भाजपा नेताओं ने किया और बकायदा एक दूरी में कुर्सियां लगाई लेकिन इनके पीछे जो नेता खड़े हुए, वे एक दूसरे से सट कर खड़े हुए. इस दौरान ना तो 2 गज दूरी का ध्यान रखा गया और ना कोरोना गाइडलाइन की पालना की गई.
वहीं धरने में शामिल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पुनिया ने कहा कि जिस प्रकार कार्यवाहक महापौर भाजपा पार्षदों में से ही बनाया गया, यह इस बात का सबूत है कि प्रदेश की सरकार बैकफुट पर आई है और जन आलोचना से बचने के लिए ही उन्होंने भाजपा पार्षद को कार्यवाहक महापौर बनाया. उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि अदालत से भी हमें न्याय मिलेगा.
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वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस मामले में सरकार की ओर से कोर्ट में केविएट लगाए जाने की बात कहते हुए कहा कि इस मामले में सरकार पार्टी बन रही है वो तो समझ में आता है लेकिन कांग्रेस भी पार्टी बनी है. वो इस बात को प्रमाणित करता है कि आखिर कांग्रेस को इस मामले में किस बात की चिंता है. केंद्रीय नेताओं की ओर से इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से जुड़े सवाल पर पूनिया ने कहा राजस्थान में मौजूद भाजपा के सभी केंद्रीय नेता अपने अपने हिसाब से इस मामले में विरोध जता रहे हैं.
लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक परिणाम ना आए: गुलाबचन्द कटारिया
धरने में शामिल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) ने कहा है कि हम किसी पद के लिए नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं क्योंकि प्रदेश सरकार ने प्रतिशोध की भावना से निलंबन की कार्रवाई की है. कटारिया ने कहा यह लड़ाई जब तक जारी रहेगी, जब तक निर्णय नहीं आता.
सरकार पूरी तरह संवेदनहीन: राठौड़
धरने में शामिल प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा कि सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है. राठौड़ के अनुसार हम कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए प्रजातांत्रिक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश सरकार लोकतंत्र का अपमान करने में जुटी है लेकिन सरकार को हमारी मांगों के आगे झुकना ही पड़ेगा.
जो विधायक सांसद जहां है वहां अपने मंडलों में कार्यक्रम करेंगे: अरुण चतुर्वेदी
धरने में शामिल भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार की कार्यवाही सरकार ने की है, वह पूरी तरह गैरकानूनी है. हालांकि, शील धाबाई को कार्यवाहक महापौर बनाए जाने का उन्होंने भी स्वागत किया और यह भी कहा कि भाजपा निलंबन की कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर भी और कोर्ट में भी यह जंग लड़ेगी. धरने में विधायक और पूर्व विधायकों के शामिल नहीं होने से जुड़े सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा की कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते विधायक सांसद और पूर्व विधायकों को अपने अपने क्षेत्र में जहां है, वहां ही इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन करने को कहा गया है. वहीं बाहर के जिलों के जो जनप्रतिनिधि आज जयपुर में थे, उन्हें यहां बुला लिया गया.