जयपुर. विप्र महासभा राजस्थान के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष सुनील उदेईया के नेतृत्व में विधानसभा पर धरने पर बैठे हैं. विप्र महासभा राजस्थान ने विप्र कल्याण बोर्ड के गठन और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा में छूट देने और अन्य आरक्षित वर्ग की तरह सभी छूट का लाभ दिए जाने की मांग की है. मांग को लेकर महासभा के डॉ. विजय मिश्रा और डॉ. अनीता मिश्रा ने अनशन भी किया.
विजय मिश्रा ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2018 के अपने जन घोषणा पत्र में विप्र कल्याण बोर्ड के गठन और उसमें 200 करोड़ रुपए के प्रावधान का वादा किया था. दो साल बीतने के बावजूद भी सरकार ने विप्र कल्याण बोर्ड के घोषणा पूरी नहीं की. विप्र महासभा राजस्थान का पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल विधानसभा में बीडी कल्ला से वार्ता करने भी पहुंचा. कल्ला ने उनकी सुनकर मई महीने में विप्र कल्याण बोर्ड के गठन का आश्वासन भी दिया.
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बोर्ड के गठन को लेकर अनशन पर बैठे डॉ. विजय मिश्रा ने बताया कि तीन बजट की घोषणा होने के बावजूद भी अभी तक विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा नहीं की गई, इससे भी समाज में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में विप्र समाज के लोगों की स्थिति दयनीय है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार दो लाख 60 हजार ब्राह्मण बीपीएल में शामिल हैं, जबकि यह संख्या इससे ज्यादा है. अधिकतर ब्राह्मण परिवार ने बीपीएल में रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया है.
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यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो ब्राह्मण मरने के लिए भी तैयार है. अनशन पर बैठी डॉ. अनीता मिश्रा ने कहा कि इससे पहले विप्र कल्याण बोर्ड के लिए कई बार सरकार को ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं. लेकिन सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की और अब हमें अनशन करना पड़ रहा है.