जयपुर. रोडवेज के कर्मचारी लंबे समय से अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस बार रोडवेज के कर्मचारियों ने चक्का जाम और हड़ताल की भी चेतावनी दी है. एमएल यादव ने बताया कि राजस्थान रोडवेज के 6 श्रमिक संगठनों की ओर से जुलाई के आखिरी सप्ताह से चरणबद्ध आंदोलन शुरू किए गए हैं. इसी क्रम में बुधवार को प्रदेश भर में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है.
यादव ने बताया कि सितंबर महीने में यूनियन के पदाधिकारी पूरे राजस्थान का दौरा करेंगे और आगामी आंदोलन की तैयारी की जाएगी. 5 अक्टूबर को राजस्थान में सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारी जयपुर में विशाल रैली करेंगे. 27 अक्टूबर को 24 घंटे के लिए चक्का जाम और हड़ताल किया जाएगा. रोडवेज कर्मचारी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जिनमें पहली मांग वेतन पेंशन का भुगतान समय पर किया जाए. सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया भुगतान समय पर किया जाना चाहिए.
इसके साथ ही 2021 से जो 25 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा है, उसके आदेश रोडवेज कर्मचारियों के लिए जारी किया जाना चाहिए. 7वां वेतन आयोग लागू किया जाए. करीब 1500 नई बसें रोडवेज बेड़े में शामिल की जाएं. साथ ही 9000 पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरा जाए. उन्होंने कहा कि अगर राजस्थान सरकार उसको निगम के रूप में चलाने में असमर्थ है, तो रोडवेज को सरकारी विभाग के रूप में चलाने के लिए अपने अधीन ले. इन मांगों को लेकर रोडवेज के कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.
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राजस्थान परिवहन निगम जनता मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिशुपाल सिंह ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों ने विधानसभा चुनाव से पहले आंदोलन किया था, तो सचिन पायलट और प्रताप सिंह खाचरियावास ने आश्वासन दिया था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद रोडवेज कर्मचारियों की मांगे पूरी की जाएंगी, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के ढाई साल बाद भी कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है. रोडवेज कर्मचारियों का वेतन और पेंशन समय पर नहीं मिल पा रहा है.