ETV Bharat / city

पुलिस कल्याण निधि में 50 लाख, पुलिस स्पोर्ट्स फंड में 1 करोड़ और पुलिस उत्सव फंड में 50 लाख की घोषणा - Minister Shanti Dhariwal News

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार की अनुदान मांगों पर बहस हुई. बहस के बाद सदन ने पुलिस की 70 अरब 46 करोड़ 87 लाख 15 हजार रुपए और कारागार की 1 अरब 99 करोड़ 35 लाख 11 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी.

राजस्थान विधानसभा न्यूज,  Jaipur News
पुलिस स्पोर्ट्स फंड में 1 करोड़ की घोषणा
author img

By

Published : Mar 7, 2020, 3:13 AM IST

जयपुर. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछला साल प्रदेश में जेल सुधार, भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई और कानून व्यवस्था के लिए नवाचारों एवं कठोर निर्णयों के नाम रहा. उन्होंने बंदी खुराक भत्ता 30 रुपए से बढ़ाकर 70 रुपए करने की घोषणा की. इसके लिए 25 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है. पुलिस कल्याण निधि में 50 लाख रुपए, पुलिस स्पोट्र्स फंड में 1 करोड़ रुपए की राशि और पुलिस उत्सव फंड में 50 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की गई.

पुलिस स्पोर्ट्स फंड में 1 करोड़ की घोषणा

धारीवाल शुक्रवार को विधानसभा में मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. बहस के बाद सदन ने पुलिस की 70 अरब 46 करोड़ 87 लाख 15 हजार रुपए और कारागार की 1 अरब 99 करोड़ 35 लाख 11 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी.

पढ़ें- पढ़ें- Corona वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर जयपुर निगम प्रशासन, जागरूकता के लिये चलाए जाएंगे जिंगल्स

धारीवाल ने कारागार विभाग के बारे में बताया कि गत वर्ष में जेलों में मादक पदार्थ, हथियार एवं मोबाइल मिलने की घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-18 के दौरान जेलों में मादक पदार्थ मिलने के 61 प्रकरण सामने आए, जबकि जनवरी 2019 के बाद केवल 9 मामले आए. वर्ष 2013-18 के दौरान हथियार मिलने के 20 प्रकरण सामने आए, जबकि जनवरी 2019 के बाद केवल एक चाकू का मामला सामने आया. इसी प्रकार 2013-18 के दौरान 1987 मोबाइल मिले, जबकि जनवरी 2019 के बाद 263 पकड़े गए.

जेल विकास बोर्ड का गठन

पुलिस उत्सव फंड में 50 लाख की घोषणा

उन्होंने बताया कि कारागारों में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा बढ़ाई गई है. कारागारों में 8 नए बंदी बैरक और 7 उप कारागृह निर्माण करवाए गए. महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन पर 120 बंदियों को सजा पूर्व रिहा किया गया. प्रदेश में जेल विकास बोर्ड का गठन किया गया. ई-प्रीजन की शुरुआत करने से बंदियों के बारे में पूरी जानकारी मिलने लगी है. कारागारों के पास 4 पेट्रोल पंप शुरू करने से कैदियों को रोजगार मिल रहा है.

एसीबी द्वारा 424 प्रकरण दर्ज एवं 347 प्रकरण निस्तारित

धारीवाल ने एसीबी की ओर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए की गई प्रभावी कार्रवाई को रेखांकित करते हुए सराहनीय कार्यों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एसीबी ने बजरी, जेल, नारकोटिक्स, वाणिज्य कर, परिवहन सहित अन्य विभागों में भ्रष्टाचार को उजागर किया है. केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) तक में भ्रष्टाचार का खुलासा कर अधिकारियों को पकड़ा है. उन्होंने कहा कि एसीबी की ओर से 2019 में 424 प्रकरण दर्ज किए गए एवं 347 प्रकरण निस्तारित किए, जिनमें 61 नए तथा शेष पुराने शामिल हैं. टोल फ्री नंबर 1064 की सुविधा प्रारंभ की गई, ताकि आमजन आसानी से भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकें.

निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था शुरू, एसपी ऑफिसों में 187 प्रकरण दर्ज

धारीवाल ने कहा कि राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचार कर कठोर निर्णय लिए गए. उन्होंने कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करने की अवधारणा को बदला है. एफआईआर की वृद्धि से अपराध के आंकड़े बढ़ने की परवाह किए बगैर निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की, जिससे थानों में जनता की सुनवाई हुई.

पढ़ें- पढ़ें- कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने उठाए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल, कहा- जिसे माफ करती है, वो ही माफिया बनता है

उन्होंने कहा कि थानाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तय कर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर एसपी कार्यालय में दर्ज कराने की व्यवस्था शुरू की. इसकी बदौलत प्रदेश के एसपी ऑफिसों में 187 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से केवल 10 परिवादियों को ही थानों में एफआईआर दर्ज करने से मना किया गया था. अन्य परिवादी अपनी मर्जी से सीधे एसपी कार्यालय पहुंचे, जिनकी भी एफआईआर दर्ज की गई.

28 फीसदी अधिक प्रकरणों का निस्तारण

उन्होंने कहा कि इससे अपराध पंजीकरण में 31 फीसदी की वृद्धि हुई. लेकिन 2018 की तुलना में गत वर्ष 28 फीसदी अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया. साथ ही धारा 156 (3) में दर्ज होने वाले प्रकरणों की संख्या 24 से गिरकर 18 फीसदी हो गए.

203 थानों में स्वागत कक्ष स्वीकृत

धारीवाल ने बताया कि थानों में परिवादियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए स्वागत कक्ष बनाने की शुरुआत की गई. अब तक 203 थानों में स्वागत कक्ष स्वीकृत किए जा चुके हैं. जिला नियंत्रण कक्षों में व्हाट्सएप हेल्पलाइन प्रारंभ करने से अब आमजन फोटो और वीडियो भेज सकते हैं. गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले 300 अपराधियों के विरूद्ध हिस्ट्रीशीट खोली गई.

सभी 40 पुलिस जिलों में SIUCAW गठित

महिला अपराध नियंत्रण के लिए प्रदेश के सभी 40 पुलिस जिलों में यूनिट महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए 40 पुलिस जिलों में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट क्राइम अगेस्ट वूमन (SIUCAW) यूनिट गठित की गई है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए निःशुल्क आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब तक 4 लाख से अधिक महिलाओं को दिया जा चुका है.

धारीवाल ने बताया कि 74 पुलिसकर्मियों को गेलेन्टरी अवार्ड से पदोन्नति दी गई है. गत वर्ष 300 से ज्यादा डिकॉय ऑपरेशन कर थानों में निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

जयपुर. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पिछला साल प्रदेश में जेल सुधार, भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई और कानून व्यवस्था के लिए नवाचारों एवं कठोर निर्णयों के नाम रहा. उन्होंने बंदी खुराक भत्ता 30 रुपए से बढ़ाकर 70 रुपए करने की घोषणा की. इसके लिए 25 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है. पुलिस कल्याण निधि में 50 लाख रुपए, पुलिस स्पोट्र्स फंड में 1 करोड़ रुपए की राशि और पुलिस उत्सव फंड में 50 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की गई.

पुलिस स्पोर्ट्स फंड में 1 करोड़ की घोषणा

धारीवाल शुक्रवार को विधानसभा में मांग संख्या-16 पुलिस एवं मांग संख्या-17 कारागार की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. बहस के बाद सदन ने पुलिस की 70 अरब 46 करोड़ 87 लाख 15 हजार रुपए और कारागार की 1 अरब 99 करोड़ 35 लाख 11 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी.

पढ़ें- पढ़ें- Corona वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर जयपुर निगम प्रशासन, जागरूकता के लिये चलाए जाएंगे जिंगल्स

धारीवाल ने कारागार विभाग के बारे में बताया कि गत वर्ष में जेलों में मादक पदार्थ, हथियार एवं मोबाइल मिलने की घटनाओं में कमी आई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-18 के दौरान जेलों में मादक पदार्थ मिलने के 61 प्रकरण सामने आए, जबकि जनवरी 2019 के बाद केवल 9 मामले आए. वर्ष 2013-18 के दौरान हथियार मिलने के 20 प्रकरण सामने आए, जबकि जनवरी 2019 के बाद केवल एक चाकू का मामला सामने आया. इसी प्रकार 2013-18 के दौरान 1987 मोबाइल मिले, जबकि जनवरी 2019 के बाद 263 पकड़े गए.

जेल विकास बोर्ड का गठन

पुलिस उत्सव फंड में 50 लाख की घोषणा

उन्होंने बताया कि कारागारों में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा बढ़ाई गई है. कारागारों में 8 नए बंदी बैरक और 7 उप कारागृह निर्माण करवाए गए. महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन पर 120 बंदियों को सजा पूर्व रिहा किया गया. प्रदेश में जेल विकास बोर्ड का गठन किया गया. ई-प्रीजन की शुरुआत करने से बंदियों के बारे में पूरी जानकारी मिलने लगी है. कारागारों के पास 4 पेट्रोल पंप शुरू करने से कैदियों को रोजगार मिल रहा है.

एसीबी द्वारा 424 प्रकरण दर्ज एवं 347 प्रकरण निस्तारित

धारीवाल ने एसीबी की ओर से भ्रष्टाचार रोकने के लिए की गई प्रभावी कार्रवाई को रेखांकित करते हुए सराहनीय कार्यों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि एसीबी ने बजरी, जेल, नारकोटिक्स, वाणिज्य कर, परिवहन सहित अन्य विभागों में भ्रष्टाचार को उजागर किया है. केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) तक में भ्रष्टाचार का खुलासा कर अधिकारियों को पकड़ा है. उन्होंने कहा कि एसीबी की ओर से 2019 में 424 प्रकरण दर्ज किए गए एवं 347 प्रकरण निस्तारित किए, जिनमें 61 नए तथा शेष पुराने शामिल हैं. टोल फ्री नंबर 1064 की सुविधा प्रारंभ की गई, ताकि आमजन आसानी से भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकें.

निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था शुरू, एसपी ऑफिसों में 187 प्रकरण दर्ज

धारीवाल ने कहा कि राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कई नवाचार कर कठोर निर्णय लिए गए. उन्होंने कहा कि हमने एफआईआर दर्ज करने की अवधारणा को बदला है. एफआईआर की वृद्धि से अपराध के आंकड़े बढ़ने की परवाह किए बगैर निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था शुरू की, जिससे थानों में जनता की सुनवाई हुई.

पढ़ें- पढ़ें- कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने उठाए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल, कहा- जिसे माफ करती है, वो ही माफिया बनता है

उन्होंने कहा कि थानाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी तय कर थाने में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर एसपी कार्यालय में दर्ज कराने की व्यवस्था शुरू की. इसकी बदौलत प्रदेश के एसपी ऑफिसों में 187 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से केवल 10 परिवादियों को ही थानों में एफआईआर दर्ज करने से मना किया गया था. अन्य परिवादी अपनी मर्जी से सीधे एसपी कार्यालय पहुंचे, जिनकी भी एफआईआर दर्ज की गई.

28 फीसदी अधिक प्रकरणों का निस्तारण

उन्होंने कहा कि इससे अपराध पंजीकरण में 31 फीसदी की वृद्धि हुई. लेकिन 2018 की तुलना में गत वर्ष 28 फीसदी अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया. साथ ही धारा 156 (3) में दर्ज होने वाले प्रकरणों की संख्या 24 से गिरकर 18 फीसदी हो गए.

203 थानों में स्वागत कक्ष स्वीकृत

धारीवाल ने बताया कि थानों में परिवादियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने के लिए स्वागत कक्ष बनाने की शुरुआत की गई. अब तक 203 थानों में स्वागत कक्ष स्वीकृत किए जा चुके हैं. जिला नियंत्रण कक्षों में व्हाट्सएप हेल्पलाइन प्रारंभ करने से अब आमजन फोटो और वीडियो भेज सकते हैं. गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले 300 अपराधियों के विरूद्ध हिस्ट्रीशीट खोली गई.

सभी 40 पुलिस जिलों में SIUCAW गठित

महिला अपराध नियंत्रण के लिए प्रदेश के सभी 40 पुलिस जिलों में यूनिट महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए 40 पुलिस जिलों में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट क्राइम अगेस्ट वूमन (SIUCAW) यूनिट गठित की गई है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए निःशुल्क आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अब तक 4 लाख से अधिक महिलाओं को दिया जा चुका है.

धारीवाल ने बताया कि 74 पुलिसकर्मियों को गेलेन्टरी अवार्ड से पदोन्नति दी गई है. गत वर्ष 300 से ज्यादा डिकॉय ऑपरेशन कर थानों में निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.