जयपुर. व्याख्याता भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अन्य भर्तियों की तरह उनकी भर्ती में भी 14 फीसदी पदों की बढ़ोतरी की जाए. इस संबंध में आने वाले दिनों में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन भी किए जाएंगे.
अभ्यर्थियों के मुताबिक विज्ञप्ति जारी होने के बाद MBC और EWS आरक्षण लागू हुआ था. इसके बाद सरकार ने निर्णय भी लिया था कि सामान्य अभ्यर्थियों के पदों में 14 फीसदी बढ़ोतरी करके उनको उनका हक दिया जाएगा. ऐसे में MBC और EWS के अभ्यर्थियों को आरक्षण देकर पदों पर की गई कटौती के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. जितने पदों की कटौती की गई है, उतने पदों पर सामान्य अभ्यर्थियों का पुनर्भरण किया जाए.
इस संदर्भ में राजस्थान के कई विधायकों ने भी पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की गई है. संघ का कहना है कि MBC और EWS आरक्षण लागू होने के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की सरकार ख्याल रखें और उनके पदों में बढ़ोतरी की जाए.
व्याख्याता भर्ती संघर्ष समिति के यशपाल चौधरी ने बताया कि सरकार ने अप्रैल 2018 में 20 विषयों के 5 हजार पदों की विज्ञप्ति जारी की थी. सितंबर 2019 में एमबीसी और ईडब्ल्यूएस को 14 फीसदी आरक्षण देकर इस भर्ती का शुद्धि पत्र जारी किया था. उस समय कहा गया था कि सामान्य वर्ग के जो 14 फ़ीसदी पद कम हो गए उनका पुनर्भरण कर दिया जाएगा. किसी भी वर्ग को कोई नुकसान नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि किसी भर्ती में सामान्य के 50 प्रतिशत पद रखे जाने का नियम है. लेकिन व्याख्याता भर्ती परीक्षा में 36 फीसदी पद ही सामान्य वर्ग के लिए हैं, यह नियम खिलाफ है. यह राजस्थान के 700 परिवारों का मामला है और मुख्यमंत्री से भी लंबे समय से मांग की जा रही है. इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय में 14 फ़ीसदी पद बढ़ाने के लिए ज्ञापन भी दिया गया है.