जयपुर. आम आदमी पार्टी ने कोरोना से या उसके प्रभाव के चलते बाद में दूसरी बीमारियों से होने वाली मौतों के मामले में प्रभावित परिवारों को मुआवजा राशि देने की मांग की है. साथ ही ऐसे मृतकों के मृत्यु प्रमाणपत्र में कारण कोरोना ही लिखा जाए. ऐसी शिकायतें आम हो गई हैं, जहां कोरोना से नेगेटिव हुए लोगों की कोरोना से डैमेज हुए अंग के फेल हो जाने से मौत हो जाती है, पर सरकारी मृत्यु प्रमाण पत्र में उसकी मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा जाता.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार ने एक बयान जारी कर राजस्थान सरकार से महामारी से प्रभावितों के लिए एक समग्र मुआवजा नीति बनाने की मांग करते हुए कहा है कि प्रदेश में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है, अत्यंत गरीब और कोरोना महामारी के कारण कमाने वाले सदस्य को खो बैठे परिवारों को मदद पहुंचाकर सरकार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बर्बादी से बचा सकती है.
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आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव देवेन्द्र शास्त्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं. मृतकों में बहुत से ऐसे भी थे जो निगेटिव तो हो गए, लेकिन कोरोना के आफ्टर इफेक्ट के चलते उन्हें हार्ट अटैक, किडनी या लीवर फेल होने जैसी दूसरी बीमारी लील गई. इसी तरह बड़ी संख्या में कैंसर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों ने कोरोना काल के दौरान अस्पतालों में बढ़ी कोरोना मरीजों की भीड़ या अस्पतालों की मनमानी से समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया. अगर कोई परिवार बेहद कमजोर है और आर्थिक मदद चाहता है तो, सरकार को ऐसे परिवारों की भी मदद करनी चाहिए.
आम आदमी पार्टी ने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत पर पीड़ित परिवार को अधिकतम 5 लाख तक का मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके अलावा दिल्ली सरकार पहले ही ये घोषणा भी कर चुकी है कि कोरोना से हुई मौत पर वो पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान करेगी. दिल्ली सरकार ने इस महामारी में अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपये प्रति महीने और मुफ्त शिक्षा देने की भी घोषणा की है.
'मृत्यु प्रमाण-पत्र में मौत की वजह कोरोना अंकित किया जाए'
आम आदमी पार्टी ने कोरोना से हो रही मौत के मामले में सरकार पर कानूनी दांवपेच का खेल खेलने का भी आरोप लगाया है. प्रदेश सचिव देवेंद्र शास्त्री ने कहा कि सरकार की नीयत में खोट नजर आ रही है. कोरोना से मृत्यु होने वाली मौतों के मामले में भी मृत्यु प्रमाण-पत्र में कोरोना से मौत का मृतक के उल्लेख नहीं किया जा रहा है. उसकी मौत की वजह इन्फेक्शन, हृदयघात बताया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह हथकंडे अपनाकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है. सरकार की नीति का खमियाजा मृतक के आश्रितों को भुगतना पड़ रहा है. वे ऐसे मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर मुआवजे के लिए हक नहीं जता पाएंगे. पार्टी ने सरकार से मांग की है कि मृत्यु प्रमाण पत्रों में मौत की वास्तविक वजह अंकित की जाए.