जयपुर. राजधानी के बड़े कपड़ा मार्केट इंदिरा बाजार में 15 फरवरी को भीषण अग्निकांड की घटना हुई थी. जिसमें करीब 6 से भी ज्यादा दुकानें आग की चपेट में आने से लाखों रुपए का नुकसान हुआ था. जिससे दुकानदार बेरोजगार हो चुके हैं और आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा है. ऐसे में व्यापारियों को काफी मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ रहा है.
इंदिरा बाजार अग्निकांड में तबाह हुई दुकानों के लिए व्यापारियों ने पुननिर्माण और मुआवजे की मांग की है. दुकानदारों का कहना है कि अग्निकांड में दुकानों का फर्नीचर और सामान समेत लाखों रुपए का माल जलकर राख हो गया था. इस घटना के बाद से ही दुकानदार बेरोजगार हो गए हैं. जिससे परिवार का खर्च चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है.
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काफी प्रयासों के बाद नगर निगम ने दुकानों का निर्माण कार्य तो शुरू किया, लेकिन 2 दिन में ही लॉकडाउन की वजह से काम को बंद कर दिया गया था, जो अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. पीड़ित दुकानदारों ने मांग की है कि दुकानों का फर्नीचर और माल का मुआवजा दिया जाए. आग की घटना में दुकानों का लाखों रुपए का सामान जलकर राख हो गया था.
साथ ही नगर निगम की ओर से दुकानों को मूल स्वरूप में लाया जाए. इसके साथ ही जिस पटाखा दुकान के मालिक की लापरवाही से आग लगी थी, उस पर भी कार्रवाई की जाए. परकोटा क्षेत्र में बाजारों से पटाखे की दुकानों को हटाया जाए और कपड़ा मार्केट समेत तमाम बाजारों से पटाखा शॉप के लाइसेंस कैंसिल किए जाए.
क्या है पूरा घटनाक्रम...
15 फरवरी को राजधानी जयपुर के अजमेरी गेट स्थित इंदिरा बाजार में एक पटाखों की दुकान में आग लग गई थी. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. आग इतनी भयानक थी कि एक के बाद एक आसपास की दुकानों में फैल गई. स्थानीय दुकानदारों की मानें तो पटाखे का लाइव डेमो दिखाने के दौरान ये हादसा हुआ था.
पटाखों की दुकान में आग लगने से निकली चिंगारी ने आसपास की 12 से भी ज्यादा दुकानों को चपेट में ले लिया था. जिनमें से 9 दुकानें तो पूरी तरह से जलकर राख हो गई, और करीब 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 50 से ज्यादा दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था. वहीं आग लगने से दुकानों के बाहर खड़े एक दर्जन से भी ज्यादा दुपहिया वाहन आग भी चपेट में आ गए थे.