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कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले राज्य कर्मचारियों के परिजनों को अविलंब मुआवजा दे सरकार

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Published : Jun 1, 2021, 9:16 PM IST

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि कोरोना काल में लगभग 350 राज्य कर्मचारी कोरोना संक्रमण से जान गवा चुके हैं. वहीं सरकार उन कर्मचारियों की मौत को साधारण मौत बताकर उनके परिजनों को अनुग्रह राशि से वंचित कर रही है.

demand for compensation,  death due to corona
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग

जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने कोरोना संक्रमण से जान गवाने वाले राज्य कर्मचारियों को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की मांग की है. महासंघ का कहना है कि कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारियों की मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का कारण दूसरा बताकर उन्हें मुआवजे से वंचित किया जा रहा है.

महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया, "कोरोना काल में अलग-अलग विभागों के लगभग 350 राज्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने के बाद अपनी जान गवा चुके हैं. सरकार कोरोना की जंग में शहीद हुए उन कर्मचारियों की मौत को साधारण मौत बताकर उनके परिजनों को अनुग्रह राशि से वंचित कर रही है, जो किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है."

पढ़ें- कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने ली बैठक, 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों की वैक्सीनेशन प्रक्रिया जल्द पूरा करने के दिए निर्देश

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 ड्यूटी में लगे कर्मचारियों का कोरोना के कारण निधन होने पर 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि स्वीकृत की है. लेकिन सरकार कर्मचारियों के डेथ सर्टिफिकेट में मृत्यु का कारण कोरोना से नहीं बताकर हार्ट अटैक, डायबिटीज आदि से दर्शा कर मुआवजे से बचना चाह रही है. परिणाम स्वरुप मृतक कर्मचारियों के परिजनों को अनुग्रह राशि का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

राठौड़ ने मांग की है कि विभिन्न विभागों के ऐसे सभी कर्मचारी और संविदा एवं निविदा आंगनबाड़ी जनता जल योजना सहित सभी राज्य सरकार के अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारी जो कोरोना संक्रमित होने के बाद अपनी जान गवा चुके हैं, उनके परिजनों को अनुग्रह राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए.

जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने कोरोना संक्रमण से जान गवाने वाले राज्य कर्मचारियों को 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की मांग की है. महासंघ का कहना है कि कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारियों की मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का कारण दूसरा बताकर उन्हें मुआवजे से वंचित किया जा रहा है.

महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया, "कोरोना काल में अलग-अलग विभागों के लगभग 350 राज्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने के बाद अपनी जान गवा चुके हैं. सरकार कोरोना की जंग में शहीद हुए उन कर्मचारियों की मौत को साधारण मौत बताकर उनके परिजनों को अनुग्रह राशि से वंचित कर रही है, जो किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है."

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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 ड्यूटी में लगे कर्मचारियों का कोरोना के कारण निधन होने पर 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि स्वीकृत की है. लेकिन सरकार कर्मचारियों के डेथ सर्टिफिकेट में मृत्यु का कारण कोरोना से नहीं बताकर हार्ट अटैक, डायबिटीज आदि से दर्शा कर मुआवजे से बचना चाह रही है. परिणाम स्वरुप मृतक कर्मचारियों के परिजनों को अनुग्रह राशि का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

राठौड़ ने मांग की है कि विभिन्न विभागों के ऐसे सभी कर्मचारी और संविदा एवं निविदा आंगनबाड़ी जनता जल योजना सहित सभी राज्य सरकार के अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारी जो कोरोना संक्रमित होने के बाद अपनी जान गवा चुके हैं, उनके परिजनों को अनुग्रह राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए.

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