जयपुर. प्राध्यापक स्कूल शिक्षा भर्ती- 2018 में अनारक्षित श्रेणी से काटी गई 14 फीसदी सीटों को दोबारा सृजित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. उनका कहना है कि ईडब्ल्यूएस और एमबीएस को दिए गए आरक्षण की सीट सरकार को अलग से बढ़ानी चाहिए थी. लेकिन अनारक्षित श्रेणी से ये सीटें काटी गई हैं, जो सरासर गलत है. अब वे लोग काटी गई 14 फीसदी सीट दोबारा सृजित करने की मांग कर रहे हैं.
धरना दे रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि 13 अप्रैल 2018 को स्कूल व्याख्याता के पांच हजार पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी. जुलाई 2019 में परीक्षा तिथि जारी की गई. फिर सरकार ने ईडब्ल्यूएस और एमबीएस को क्रमशः 10 फीसदी और चार फीसदी आरक्षण दिया. साथ ही नए अभ्यर्थियों को भी आवेदन का अवसर दिया गया. लेकिन ईडब्ल्यूएस और एमबीएस आरक्षण के कारण अनारक्षित श्रेणी की सीटों की संख्या में 14 फीसदी कमी कर दी गई. इससे सात सौ सीट कम हो गई, जिसका खामियाजा साल 2018 में तैयारी शुरू करने वाले अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा है. अब ये अभ्यर्थी आरक्षण के चलते अनारक्षित श्रेणी से कम किए गए 700 पद वापस सृजित करने की मांग कर रहे हैं.
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शहीद स्मारक पर धरना दे रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि स्कूल व्याख्याता- 2018 के समानांतर निकाली गई सभी भर्तियों जैसे स्कूल व्याख्याता संस्कृत विभाग- 2018, वन रेंजर्स परीक्षा 2018, आईटीआई उप प्राचार्य और स्टेनोग्राफर में सरकार ने पदों की संख्या आरक्षण के चलते बढ़ाई है. इधर, शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में आया है. इस पर विशेषज्ञों की राय लेकर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है.