ETV Bharat / city

बायकॉट चीन से होटल और टैक्सी व्यापारियों को घाटा, देशहित को माना सर्वोच्च

दिल्ली के टैक्सी और होटल एसोसिएशन ने चीनी नागरिकों को बैन कर दिया है. ऐसे में इनसे जुड़े व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है. एसोसिएशन से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि वह अपने आप को आत्मनिर्भर बना कर घाटे की भरपाई करेंगे.

दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन,  दिल्ली होटल एसोसिएशन,  delhi taxi and hotel business,  boycott china movement,  delhi chinese citizen ban
बायकॉट चीन से होटल और टैक्सी व्यापारियों को घाटा, देशहित को माना सर्वोच्च
author img

By

Published : Jul 1, 2020, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: गलवान घाटी में चीन के जरिए किए गए दुस्साहस के बाद दिल्लीवासियों चीन के प्रति आक्रोश और बढ़ता ही जा रहा है. पहले दिल्ली की तमाम होटल एसोसिएशन और दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन ने चीनी नागरिकों के ऊपर पूरे तरीके से बैन लगा दिया. वहीं इस बैन लगाने के बाद दिल्ली के टूरिज्म सेक्टर पर काफी बुरा असर पड़ेगा और करोड़ों रुपये का घाटे का व्यापारी वर्ग से जुड़े लोगों को सामना कर पड़ सकता है.

चीनी नागरिकों को बैन करने से व्यापारियों को घाटा

चीन से आते थे 5-6% टूरिस्ट

अगर सिर्फ होटल इंडस्ट्री की बात की जाए तो दिल्ली में आने वाले टूरिस्ट में से 5 से 6 प्रतिशत टूरिस्ट चीन से आते हैं. जिनसे तकरीबन 8 से 10 करोड़ रुपये की सालाना कमाई होती है. वहीं अब चीनी नागरिकों को बैन करने के बाद अब ऐसी कमाई नहीं होगी. अगर टैक्सी व्यापार के क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र में भी व्यापारियों को तकरीबन 5 से 6 करोड़ रुपये का सालाना घाटा होने की उम्मीद है.

पढ़ें: चीन की चालाकी पर भारत सतर्क, आत्मनिर्भरता के लिए बनाएगा तीन ड्रग पार्क

देशहित से बढ़कर नहीं घाटा

टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी हुए दिल्ली के दो बड़े एसोसिएशन दिल्ली होटल एसोसिएशन और दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि चीनी नागरिकों को बैन करने के बाद घाटा तो जरूर होगा. लेकिन कोई भी घाटा देश के सम्मान और देशहित से बढ़कर नहीं है. जहां तक घाटे की भरपाई है तो उसकी भरपाई हम लोग राजधानी दिल्ली में स्वदेशी टूरिज्म को बढ़ावा देकर और दूसरे देशों से आने वाले टूरिस्ट के ऊपर अधिक फोकस कर पूरा कर लेंगे. लेकिन चीन ने जो दुस्साहस किया है, उसके बाद अब हम लोग चीनी नागरिकों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं देंगे.

बहरहाल, देखा जाए तो देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह से दिल्ली होटल एसोसिएशन और दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन ने चीनी नागरिकों को बैंन कर दिया है. उससे दिल्ली में इन दोनों एसोसिएशन से जुड़े व्यापारियों को करोड़ो रुपये का घाटा होगा. लेकिन देशहित ओर देश के सम्मान को लेकर व्यापारी इस घाटे को वहन करने को तैयार है.

नई दिल्ली: गलवान घाटी में चीन के जरिए किए गए दुस्साहस के बाद दिल्लीवासियों चीन के प्रति आक्रोश और बढ़ता ही जा रहा है. पहले दिल्ली की तमाम होटल एसोसिएशन और दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन ने चीनी नागरिकों के ऊपर पूरे तरीके से बैन लगा दिया. वहीं इस बैन लगाने के बाद दिल्ली के टूरिज्म सेक्टर पर काफी बुरा असर पड़ेगा और करोड़ों रुपये का घाटे का व्यापारी वर्ग से जुड़े लोगों को सामना कर पड़ सकता है.

चीनी नागरिकों को बैन करने से व्यापारियों को घाटा

चीन से आते थे 5-6% टूरिस्ट

अगर सिर्फ होटल इंडस्ट्री की बात की जाए तो दिल्ली में आने वाले टूरिस्ट में से 5 से 6 प्रतिशत टूरिस्ट चीन से आते हैं. जिनसे तकरीबन 8 से 10 करोड़ रुपये की सालाना कमाई होती है. वहीं अब चीनी नागरिकों को बैन करने के बाद अब ऐसी कमाई नहीं होगी. अगर टैक्सी व्यापार के क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र में भी व्यापारियों को तकरीबन 5 से 6 करोड़ रुपये का सालाना घाटा होने की उम्मीद है.

पढ़ें: चीन की चालाकी पर भारत सतर्क, आत्मनिर्भरता के लिए बनाएगा तीन ड्रग पार्क

देशहित से बढ़कर नहीं घाटा

टूरिज्म सेक्टर से जुड़ी हुए दिल्ली के दो बड़े एसोसिएशन दिल्ली होटल एसोसिएशन और दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि चीनी नागरिकों को बैन करने के बाद घाटा तो जरूर होगा. लेकिन कोई भी घाटा देश के सम्मान और देशहित से बढ़कर नहीं है. जहां तक घाटे की भरपाई है तो उसकी भरपाई हम लोग राजधानी दिल्ली में स्वदेशी टूरिज्म को बढ़ावा देकर और दूसरे देशों से आने वाले टूरिस्ट के ऊपर अधिक फोकस कर पूरा कर लेंगे. लेकिन चीन ने जो दुस्साहस किया है, उसके बाद अब हम लोग चीनी नागरिकों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं देंगे.

बहरहाल, देखा जाए तो देश की राजधानी दिल्ली में जिस तरह से दिल्ली होटल एसोसिएशन और दिल्ली टैक्सी एसोसिएशन ने चीनी नागरिकों को बैंन कर दिया है. उससे दिल्ली में इन दोनों एसोसिएशन से जुड़े व्यापारियों को करोड़ो रुपये का घाटा होगा. लेकिन देशहित ओर देश के सम्मान को लेकर व्यापारी इस घाटे को वहन करने को तैयार है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.