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किसान बिल आने से जिन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक रही है, वो ही किसानों को बरगला रहें: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को दीनदयाल स्मृति कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि वे दावे के साथ कह सकते हैं कि इस कानून से किसानों को लाभ मिलेगा.

दीनदयाल स्मृति कार्यक्रम, Rajnath Singh
राजनाथ सिंह दीनदयाल कार्यक्रम से जुड़े
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Published : Sep 27, 2020, 8:58 AM IST

Updated : Sep 27, 2020, 10:13 AM IST

जयपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार वर्चुअल माध्यम से दीनदयाल स्मृति कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भी जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हैं तो सबसे पहले उनका नारा किसानों के लिए याद आता है. उन्होंने कहा कि हर खेत को पानी और हर हाथ को काम हमारा संकल्प होना चाहिए.

राजनाथ सिंह दीनदयाल कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस देश की आधी से ज्यादा आबादी किसान हो, वहां खेती की ऐसी उपेक्षा हुई कि खेती करना लाभदायक नहीं रह गया. निजी स्वार्थों के चलते किसान को वह आधार दिया ही नहीं गया, जिससे किसान अपनी उपज का पूरा लाभ ले सके. अब जाकर केंद्र सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं, जो इस देश के किसानों को उसकी उपज का पूरा नाम दिला सकें, लेकिन इस पर भी किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने जानकारी दी कि किसान कानूनों का विरोध करने वाले लोगों को आमंत्रित किया है कि वे आएं और इस पर चर्चा करें, मिल बैठकर बात की जा सकती है. पिछले मॉनसून सत्र के दौरान जो कृषि विधेयक पारित हुए हैं, उनके जरिए किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी मिली है. सिंह ने कहा कि मैंने भी इन कानूनों का अध्ययन किया है और वह दावे से कह सकते हैं कि इसका सबसे ज्यादा लाभ किसान भाइयों को मिलेगा. पूरी प्रक्रिया व्यवस्थित होने में समय लग सकता है लेकिन इसका फायदा किसान को जरूर होगा.

यह भी पढ़ें. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल नेताओं को पूनिया, परनामी और राठौड़ ने दी शुभकामनाएं

रक्षा मंत्री ने कहा कि मंडियां खत्म होने और एपीएमसी एक्ट के प्रभावी नहीं रहने की बात भी किसानों को बरगलाने के लिए की जा रही है. जिन लोगों के पांव तले इन नए कानूनों से जमीन खिसक गई है. वही जानबूझकर देश के कुछ हिस्सों में गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि सच्चाई इसके ठीक उलट है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ही हैं, जिन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी फार्मूले को स्वीकार किया है, उसी आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जा रही है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि लगातार लागत मूल्य से डेढ़ गुना एमएसपी करने की तरफ सरकार आगे बढ़ रही है. इसी कड़ी में रबी की फसल की एमएसपी बढ़ाई गई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसपी खत्म करने का इरादा उनकी सरकार का ना तो कभी था ना है और ना ही कभी आगे रहेगा. एमएसपी भी कायम रहेगी और मंडी व्यवस्था भी. कुछ लोग दुष्प्रचार करके किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी यह कोशिश कतई कामयाब नहीं होगी.

यह भी पढ़ें. कैलाश चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत पर किया पलटवार, कहा- बोलने से पहले कृषि विधेयक पढ़ लें

राजनाथ सिंह ने कहा कि देश मे अगले 5 दिनों में रक्षा उत्पादन और खरीद नीति आएगी. किसान का भला करना पंडित दीनदयाल उपाध्याय का विचार था और इस पथ से उनकी सरकार को कोई डिगा नहीं सकता. रक्षा मंत्री ने कहा कि आज किसान देश की नीतियों का केंद्र बिंदु है. राजनाथ सिंह ने कहा कि दीनदयाल जी ने अपने आर्थिक नियोजन में जिस सावधानी की बात की थी, सरकार ने उसका पूरा ध्यान रखा है.

जयपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार वर्चुअल माध्यम से दीनदयाल स्मृति कार्यक्रम से जुड़े. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भी जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हैं तो सबसे पहले उनका नारा किसानों के लिए याद आता है. उन्होंने कहा कि हर खेत को पानी और हर हाथ को काम हमारा संकल्प होना चाहिए.

राजनाथ सिंह दीनदयाल कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े

राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस देश की आधी से ज्यादा आबादी किसान हो, वहां खेती की ऐसी उपेक्षा हुई कि खेती करना लाभदायक नहीं रह गया. निजी स्वार्थों के चलते किसान को वह आधार दिया ही नहीं गया, जिससे किसान अपनी उपज का पूरा लाभ ले सके. अब जाकर केंद्र सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं, जो इस देश के किसानों को उसकी उपज का पूरा नाम दिला सकें, लेकिन इस पर भी किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने जानकारी दी कि किसान कानूनों का विरोध करने वाले लोगों को आमंत्रित किया है कि वे आएं और इस पर चर्चा करें, मिल बैठकर बात की जा सकती है. पिछले मॉनसून सत्र के दौरान जो कृषि विधेयक पारित हुए हैं, उनके जरिए किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी मिली है. सिंह ने कहा कि मैंने भी इन कानूनों का अध्ययन किया है और वह दावे से कह सकते हैं कि इसका सबसे ज्यादा लाभ किसान भाइयों को मिलेगा. पूरी प्रक्रिया व्यवस्थित होने में समय लग सकता है लेकिन इसका फायदा किसान को जरूर होगा.

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रक्षा मंत्री ने कहा कि मंडियां खत्म होने और एपीएमसी एक्ट के प्रभावी नहीं रहने की बात भी किसानों को बरगलाने के लिए की जा रही है. जिन लोगों के पांव तले इन नए कानूनों से जमीन खिसक गई है. वही जानबूझकर देश के कुछ हिस्सों में गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि सच्चाई इसके ठीक उलट है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ही हैं, जिन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी फार्मूले को स्वीकार किया है, उसी आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जा रही है.

राजनाथ सिंह ने कहा कि लगातार लागत मूल्य से डेढ़ गुना एमएसपी करने की तरफ सरकार आगे बढ़ रही है. इसी कड़ी में रबी की फसल की एमएसपी बढ़ाई गई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसपी खत्म करने का इरादा उनकी सरकार का ना तो कभी था ना है और ना ही कभी आगे रहेगा. एमएसपी भी कायम रहेगी और मंडी व्यवस्था भी. कुछ लोग दुष्प्रचार करके किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी यह कोशिश कतई कामयाब नहीं होगी.

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राजनाथ सिंह ने कहा कि देश मे अगले 5 दिनों में रक्षा उत्पादन और खरीद नीति आएगी. किसान का भला करना पंडित दीनदयाल उपाध्याय का विचार था और इस पथ से उनकी सरकार को कोई डिगा नहीं सकता. रक्षा मंत्री ने कहा कि आज किसान देश की नीतियों का केंद्र बिंदु है. राजनाथ सिंह ने कहा कि दीनदयाल जी ने अपने आर्थिक नियोजन में जिस सावधानी की बात की थी, सरकार ने उसका पूरा ध्यान रखा है.

Last Updated : Sep 27, 2020, 10:13 AM IST
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