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8 धमाकों से 2008 में दहल उठा था जयपुर, पीड़ितों व परिजनों को अब इंसाफ की आस

सुबह से देर रात तक हर वक्त भीड़ से गुलजार रहने वाली गुलाबी नगरी की वो सड़कें करीब साढ़े 11 साल पहले ऐसा जख्म दे गई थी, जो आज भी कई लोगों को नींद में सपने में भी आती है. जिसे वो शख्स भूलना तो चाहता है लेकिन उस साल 2008 के 13 मई की उस शाम को सड़क पर एक के बाद एक ब्लास्ट की गूंज और उसके बाद मची चीख-पुकार शायद उसके कानों में आज भी कई बार सुनाई पड़ जाती है. पेश है एक खास रिपोर्ट :

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जयपुर बम ब्लास्ट में जल्द आएगा फैसला
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Published : Dec 13, 2019, 5:24 PM IST

Updated : Dec 14, 2019, 3:30 PM IST

जयपुर. 13 मई 2008. मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे का वक्त और जयपुर शहर का परकोटा. शायद यह तीन शब्द जयपुरवासियों के जेहन में आते ही एक बार उनकी रूह कांप उठती है. क्योंकि इसी दिन, इसी समय और इसी जगह पर एक के बाद लगातार 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. गुलाबीनगरी कहा जाने वाला जयपुर खून से लाल हो गया था.

जयपुर बम ब्लास्ट में जल्द आएगा फैसला

चारों तरफ पड़े शव और मची चीख पुकारों का वो मंजर याद करते ही आज भी कलेजा सिहर उठता है. सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर, त्रिपोलिया बाजार, पितलियों के रास्ते, छोटी चौपड़, हवामहल के सामने, मनिहारों के खंदे, कोतवाली थाने के बाहर, चांदपोल हनुमान मंदिर, फूलों के खंदे के पास ये धमाके हुए थे. वही चांदपोल में एक जगह बम को डिफ्यूज किया गया था.

जयपुर बम ब्लास्ट में जल्द आएगा फैसला

इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 70 बेगुनाहों की जान चली गई थी. जबकि 186 लोग घायल हो गए थे. किसी का भाई छीन गया था तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया था. कोई अपनी मां को संभालता दिखा था तो कोई अपने बच्चों को. वो भयावह मंजर याद करते है तो मानो जख्म कलेजा चीर कर रख देते हैं. इन बम धमाकों के मामले में न्याय की तारीख 18 दिसंबर तय होने के बाद पीड़ितों का दर्द छलक आया. ऐसे में धमाकों के पीड़ित चश्मदीदों ने ज्यादा खुशी तो नहीं जताई लेकिन धमाकों ने जो दर्द उन्हें और उनके परिवार को दिया, उसे वे अब याद नहीं करना चाहते.

पढ़ें- संसद पर हमले के 18 साल, शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि

वहीं सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास हुए बम धमाकों के चश्मदीद महंत नरेंद्र पंचरंगिया वो मंजर याद करते हुए बताते हैं कि मंगलवार का दिन होने के कारण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ थी. आतंकियों ने बम धमाके के लिए वक्त भी ऐसा चुना, जब अधिक जान माल का नुकसान पहुंच सके. शाम 7.30 बजे से बम धमाके शुरू हुए थे. पहली बार लगा कि कोई सिलेंडर फटा होगा. लेकिन 10 मिनट के अंतराल के बाद सिलसिलेवार विभिन्न स्थानों पर धमाके हुए थे. जिससे पूरा शहर थम सा गया. वहीं आंतकियों ने यहां साइकिल टिफिन में बम का इस्तेमाल कर बेगुनाहों की जानें लील ली थी.

साल 2008 में परकोटे में इन 8 जगहों पर हुए थे 8 ब्लास्ट

1. पहला बम ब्लास्ट - खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने, शाम करीब 7:20 बजे हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हो गई थी. जबकि 18 लोग घायल हो गए थे.
2. दूसरा बम ब्लास्ट - त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के कंधे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 बजे हुआ. यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
3. तीसरा बम ब्लास्ट - शाम करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें 2 पुलिसकर्मी सहित 7 जनों की मौत हो गई थी. जबकि 17 लोग घायल हो गए थे.
4. चौथा बम ब्लास्ट - दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें पांच जनों की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
5. पांचवा बम ब्लास्ट - चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हो गई.जबकि 49 लोग घायल हो गए. इनमें दुकानदार, ग्राहक, भिखारी और राहगीर इसकी चपेट में आ गए.
6. छठा बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में तितलियों के रास्ते की कॉर्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई थी. जबकि 19 जने घायल हो गए थे.
7. सातवां बम ब्लास्ट - शाम 7:35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में न्यू प्रकाश ज्वैलर्स शॉप के सामने हुआ. इसमें दो जनों की मौत हो गई थी. जबकि 15 लोग घायल हो गए थे.
8. आठवां बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7:36 बजे हुआ. जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 36 लोग घायल हो गए थे.
9. नौंवे बम ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपुर बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर हुई थी. जिसमें रात 9 बजे का टाइमर सेट था. लेकिन 15 मिनट पहले ही बम स्क्वायड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया था. जिसके चलते कई और लोगों की जानें बच गई थी.

5 आरोपियों को किया था गिरफ्तार

वहीं जयपुर बम धमाकों के मामले में ATS ने तफ्तीश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया था. एक हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश अजय शर्मा ने 18 दिसंबर की तारीख नियत की है. सिलसिलेवार धमाकों के आतंकियों में सबसे पहले 2008 में घटना के 5 महीने के बाद शाहबाज हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद मोहम्मद सैफ पकड़ा गया. वहीं 2009 में सरवर और सैफुर्रहमान पकड़े गए. 2010 में आखिरी गिरफ्तारी सलमान की हुई थी. हालांकि, इस मामले में आरोपी आरिज करीब 2 साल पहले दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया था. तीन आरोपी शादाब उर्फ मलिक, मोहम्मद खालिद और साजिद बट फरार है, जिनका 11 साल बाद भी एटीएस कोई पता नहीं लगा सकी है. ऐसे में 18 दिसंबर को एटीएस द्वारा पकड़े गए पांचों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में फैसला आ सकता है.

पढ़ें- SPECIAL : सरहदों के दर्द के बीच सोशल मीडिया बना 'फरिश्ता', 72 साल बाद अपनी बिछुड़ी बहन से मिलेगा भाई

करीब साढ़े 11 साल पहले 8 जगह हुए बम ब्लास्ट मामलों में विशेष कोर्ट संभवत 18 दिसंबर को फैसला सुना सकती है. बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट इस मामले में पहले ही राज्य सरकार व पक्षकारों के बयान सुनकर फैसला सुरक्षित रख चुकी है. ऐसे में आखिरकार फैसले का इंतजार कर रहे पीड़ित परिवारों के लिए जरूर ये राहत की खबर है. हालांकि पीड़ितों का कहना है कि इसका फैसला कब का हो जाना चाहिए था, लेकिन देर हो गई. खैर उन्हें अब भी उम्मीद है कि आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. जिससे बम ब्लास्ट में मारे गए निर्दोष लोगों की आत्मा को शांति मिल सकेगी. साथ ही पीड़ित परिवारों को न्याय मिल पाएगा.

जयपुर. 13 मई 2008. मंगलवार शाम करीब 7.30 बजे का वक्त और जयपुर शहर का परकोटा. शायद यह तीन शब्द जयपुरवासियों के जेहन में आते ही एक बार उनकी रूह कांप उठती है. क्योंकि इसी दिन, इसी समय और इसी जगह पर एक के बाद लगातार 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. गुलाबीनगरी कहा जाने वाला जयपुर खून से लाल हो गया था.

जयपुर बम ब्लास्ट में जल्द आएगा फैसला

चारों तरफ पड़े शव और मची चीख पुकारों का वो मंजर याद करते ही आज भी कलेजा सिहर उठता है. सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर, त्रिपोलिया बाजार, पितलियों के रास्ते, छोटी चौपड़, हवामहल के सामने, मनिहारों के खंदे, कोतवाली थाने के बाहर, चांदपोल हनुमान मंदिर, फूलों के खंदे के पास ये धमाके हुए थे. वही चांदपोल में एक जगह बम को डिफ्यूज किया गया था.

जयपुर बम ब्लास्ट में जल्द आएगा फैसला

इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 70 बेगुनाहों की जान चली गई थी. जबकि 186 लोग घायल हो गए थे. किसी का भाई छीन गया था तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया था. कोई अपनी मां को संभालता दिखा था तो कोई अपने बच्चों को. वो भयावह मंजर याद करते है तो मानो जख्म कलेजा चीर कर रख देते हैं. इन बम धमाकों के मामले में न्याय की तारीख 18 दिसंबर तय होने के बाद पीड़ितों का दर्द छलक आया. ऐसे में धमाकों के पीड़ित चश्मदीदों ने ज्यादा खुशी तो नहीं जताई लेकिन धमाकों ने जो दर्द उन्हें और उनके परिवार को दिया, उसे वे अब याद नहीं करना चाहते.

पढ़ें- संसद पर हमले के 18 साल, शहीदों को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि

वहीं सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास हुए बम धमाकों के चश्मदीद महंत नरेंद्र पंचरंगिया वो मंजर याद करते हुए बताते हैं कि मंगलवार का दिन होने के कारण मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ थी. आतंकियों ने बम धमाके के लिए वक्त भी ऐसा चुना, जब अधिक जान माल का नुकसान पहुंच सके. शाम 7.30 बजे से बम धमाके शुरू हुए थे. पहली बार लगा कि कोई सिलेंडर फटा होगा. लेकिन 10 मिनट के अंतराल के बाद सिलसिलेवार विभिन्न स्थानों पर धमाके हुए थे. जिससे पूरा शहर थम सा गया. वहीं आंतकियों ने यहां साइकिल टिफिन में बम का इस्तेमाल कर बेगुनाहों की जानें लील ली थी.

साल 2008 में परकोटे में इन 8 जगहों पर हुए थे 8 ब्लास्ट

1. पहला बम ब्लास्ट - खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने, शाम करीब 7:20 बजे हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हो गई थी. जबकि 18 लोग घायल हो गए थे.
2. दूसरा बम ब्लास्ट - त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के पास मनिहारों के कंधे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 बजे हुआ. यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 27 लोग घायल हुए थे.
3. तीसरा बम ब्लास्ट - शाम करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें 2 पुलिसकर्मी सहित 7 जनों की मौत हो गई थी. जबकि 17 लोग घायल हो गए थे.
4. चौथा बम ब्लास्ट - दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें पांच जनों की मौत हो गई थी. जबकि 4 लोग घायल हुए थे.
5. पांचवा बम ब्लास्ट - चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हो गई.जबकि 49 लोग घायल हो गए. इनमें दुकानदार, ग्राहक, भिखारी और राहगीर इसकी चपेट में आ गए.
6. छठा बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में तितलियों के रास्ते की कॉर्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हुई थी. जबकि 19 जने घायल हो गए थे.
7. सातवां बम ब्लास्ट - शाम 7:35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में न्यू प्रकाश ज्वैलर्स शॉप के सामने हुआ. इसमें दो जनों की मौत हो गई थी. जबकि 15 लोग घायल हो गए थे.
8. आठवां बम ब्लास्ट - जौहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7:36 बजे हुआ. जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 36 लोग घायल हो गए थे.
9. नौंवे बम ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपुर बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर हुई थी. जिसमें रात 9 बजे का टाइमर सेट था. लेकिन 15 मिनट पहले ही बम स्क्वायड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया था. जिसके चलते कई और लोगों की जानें बच गई थी.

5 आरोपियों को किया था गिरफ्तार

वहीं जयपुर बम धमाकों के मामले में ATS ने तफ्तीश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वहीं सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया था. एक हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश अजय शर्मा ने 18 दिसंबर की तारीख नियत की है. सिलसिलेवार धमाकों के आतंकियों में सबसे पहले 2008 में घटना के 5 महीने के बाद शाहबाज हुसैन की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद मोहम्मद सैफ पकड़ा गया. वहीं 2009 में सरवर और सैफुर्रहमान पकड़े गए. 2010 में आखिरी गिरफ्तारी सलमान की हुई थी. हालांकि, इस मामले में आरोपी आरिज करीब 2 साल पहले दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया था. तीन आरोपी शादाब उर्फ मलिक, मोहम्मद खालिद और साजिद बट फरार है, जिनका 11 साल बाद भी एटीएस कोई पता नहीं लगा सकी है. ऐसे में 18 दिसंबर को एटीएस द्वारा पकड़े गए पांचों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में फैसला आ सकता है.

पढ़ें- SPECIAL : सरहदों के दर्द के बीच सोशल मीडिया बना 'फरिश्ता', 72 साल बाद अपनी बिछुड़ी बहन से मिलेगा भाई

करीब साढ़े 11 साल पहले 8 जगह हुए बम ब्लास्ट मामलों में विशेष कोर्ट संभवत 18 दिसंबर को फैसला सुना सकती है. बम ब्लास्ट मामलों की विशेष कोर्ट इस मामले में पहले ही राज्य सरकार व पक्षकारों के बयान सुनकर फैसला सुरक्षित रख चुकी है. ऐसे में आखिरकार फैसले का इंतजार कर रहे पीड़ित परिवारों के लिए जरूर ये राहत की खबर है. हालांकि पीड़ितों का कहना है कि इसका फैसला कब का हो जाना चाहिए था, लेकिन देर हो गई. खैर उन्हें अब भी उम्मीद है कि आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. जिससे बम ब्लास्ट में मारे गए निर्दोष लोगों की आत्मा को शांति मिल सकेगी. साथ ही पीड़ित परिवारों को न्याय मिल पाएगा.

Intro:नोट- पैकेज में जयपुर बम ब्लास्ट के फ़ाइल फुटेज यूट्यूब से लेकर इसमें ऐड करे.


Body:एंकर : तारीख 13 मई 2008..समय मंगलवार शाम के करीब 7.30 बजे..जगह जयपुर शहर परकोटा.. एक के बाद एक 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके.. गुलाबीनगरी कहा जाने वाला जयपुर रक्त से लाल हो गया. चारो तरफ़ बिछी लाशें और मची चीख पुकारो का वो मंजर याद करते ही कलेजा सिहर उठता है. सांगानेरीगेट हनुमान मंदिर, त्रिपोलिया बाजार, पितलियो के रास्ते, छोटी चौपड़, हवामहल के सामने, मनिहारो के खंदे, कोतवाली थाने के बाहर, चांदपोल हनुमान मंदिर, फूलों के खंदे के पास ये धमाके हुए. वही चांदपोल में एक जगह बम को डिफ्यूज किया गया था.

वीओ 1- इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 79 बेगुनाहों की जान चली गई जबकि 186 लोग घायल हुए थे. कईयों के भाई, तो किसी के पिता का साया उठ गया. कोई अपनी माँ को संभालता दिखा तो कोई अपने बच्चों को. वो भयावह मंजर याद करते है तो मानो जख्म कलेजा चीर कर रख देते है. लेकिन बम धमाकों के मामले में न्याय की 18 दिसंबर की तारीख तय होने के बाद पीड़ितों का दर्द छलक पड़ा. ऐसे में धमाकों के पीड़ित चश्मदीदों ने खुशी तो नहीं जताई लेकिन धमाकों ने जो दर्द उन्हें और उनके परिवार को दिया, उसे वे अब याद नहीं करना चाहते.

बाइट 1- बाबूलाल बिनवानी, चश्मदीद ( स्वेटर में पान दुकान संचालक )
बाइट 2 - शांतिदेवी सैनी, चश्मदीद ( पुष्प विक्रता महिला )

वीओ 2- वही सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास हुए बम धमाकों के चश्मदीद महंत नरेंद्र पंचरंगिया वो मंजर याद करते हुए बताते है, कि मंगलवार का दिन होंने के कारण मंदिर में भक्तो की भारी भीड़ थी. आंसर क्यों नहीं बम धमाके के लिए वक्त भी ऐसा सुना जब अधिक जान माल का नुकसान पहुंच सके. शाम 7.30 बजे से बम धमाके शुरू हुए थे. पहली बार लगा कि कोई सिलेंडर फटा होगा. लेकिन 10 मिनट के अंतराल के बाद सिलसिलेवार विभिन्न स्थानों पर धमाके हुए थे जिससे पूरा शहर थम सा गया. वही आंतकियों ने यहां साइकिल टिफिन में बम का इस्तेमाल कर बेगुनाहो कि जाने लील ली.

बाइट 3- महंत नरेंद्र पंचरंगिया, चश्मदीद (हनुमान मंदिर पुजारी)

ग्राफिक्स वीओ 3- परकोटे में इन 8 जगहों पर हुए थे 8 ब्लास्ट
1. पहला बम ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवा महल के सामने शाम करीब 7:20 बजे हुआ. इसमें 1 महिला की मौत हो गई, जबकि 18 लोग घायल हो गए थे.
2. दूसरा बम ब्लास्ट त्रिपोलिया बाजार स्थित बड़ी चौपड़ के समीप मनिहारों के कंधे में ताला चाबी वालों की दुकान के पास शाम 7:25 बजे हुआ. यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था, कि इसमें 6 लोगों की मौत हो गई. जबकि 27 लोग घायल हो गए.
3. तीसरा बम ब्लास्ट शाम करीब 7:30 बजे छोटी चौपड़ पर कोतवाली थाने के बाहर पार्किंग में हुआ. इसमें 2 पुलिसकर्मी सहित 7 जनों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग घायल हो गए थे.
4. चौथा बम ब्लास्ट दुकान नंबर 346 के सामने त्रिपोलिया बाजार में शाम 7:30 बजे हुआ इसमें पांच जनों की मौत हो गई. जबकि 4 लोग घायल हुए.
5. पांचवा बम ब्लास्ट चांदपोल बाजार स्थित हनुमान मंदिर के बाहर पार्किंग स्टैंड पर शाम 7:30 बजे हुआ. इसमें सबसे ज्यादा 25 लोगों की मौत हो गई.जबकि 49 लोग घायल हो गए. इनमें दुकानदार, ग्राहक, भिखारी और राहगीर इसकी चपेट में आ गए.
6. छठा बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में तितलियों के रास्ते की कॉर्नर पर नेशनल हैंडलूम के सामने शाम करीब 7:30 बजे हुआ. इसमें 8 जनों की मौत हो गई जबकि 19 जने घायल हो गए.
7. सातवां शाम ठीक 7:35 बजे छोटी चौपड़ पर फूलों के खंदे में न्यू प्रकाश ज्वेलर्स शॉप के सामने हुआ. इसमें दो जनों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हो गए थे.
8. आठवां बम ब्लास्ट जोहरी बाजार में सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के बाहर शाम 7:36 बजे हुआ. जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई जबकि 36 लोग घायल हो गए थे.
9. हालांकि नोवे ब्लास्ट की कोशिश दुकान नंबर 17 के सामने चांदपुर बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर जिसमें रात 9:00 बजे का टाइमर सेट था. लेकिन 15 मिनट पहले ही बम स्क्वायड टीम ने इसे डिफ्यूज कर दिया. जिसके चलते कई लोगों की ओर जाने बच गई.


वीओ 4- वही जयपुर बम धमाकों के मामले में ATS ने तफ्तीश करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वही सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया था. एक हजार से ज्यादा लोगों की गवाही हुई. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायधीश अजय शर्मा ने 18 दिसंबर की तारीख नियत की है. सिलसिलेवार धमाकों के आतंकियों में सबसे पहले 2008 में घटना में घटना के 5 महीने के बाद शाहबाज हुसैन की गिरफ्तारी हुई. इसके बाद मोहम्मद सैफ पकड़ा गया. वही 2009 में सरवर और सेफुर्रहमान पकड़े गए. 2010 में आखिरी गिरफ्तारी सलमान की हुई थी. हालांकि मामले में आरोपी आरिज करीब 2 साल पहले दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया था. हालांकि तीन आरोपी शादाब उर्फ मलिक, मोहम्मद खालिद और साजिद बट फरार है, जिनका 11 साल बाद भी एटीएस कोई पता नहीं लगा सकी है. ऐसे में 18 दिसंबर को एटीएस द्वारा पकड़े गए पांचों आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में फैसला आएगा.

बाइट 4- महंत नरेंद्र पंचरंगिया, चश्मदीद (हनुमान मंदिर पुजारी)

फाइनल वीओ - वही साढ़े 11 साल पहले 8 जगह हुए बम ब्लास्ट मामलों में विशेष कोर्ट संभवत 8 दिसंबर को फैसला सुना सकती है बम ब्लास्ट मामलों के विशेष कोर्ट ने इस मामले में पहले ही राज्य सरकार विपक्ष कारों के बयान सुनकर फैसला सुरक्षित रख चुकी है. ऐसे में आखिरकार फैसले का इंतज़ार कर रहे पीड़ित परिवार के लिए जरूर ये राहत की खबर है. लेकिन पीड़ितों का कहना है कि इसका फैसला कब का हो जाना चाहिए था लेकिन देर हो गई. खेर अब उम्मीद है कि आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. जिससे बम ब्लास्ट में मारे गए निर्दोष लोगों की आत्मा को शांति मिलेगी. साथ ही पीड़ित परिवारों को न्याय.

........विशाल शर्मा, ईटीवी भारत, जयपुर






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Last Updated : Dec 14, 2019, 3:30 PM IST
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