जयपुर. प्रदेश में राज्य सरकार पर साल दर साल कर्जा बढ़ता जा रहा है लेकिन बावजूद इसके गहलोत सरकार एक जेट विमान और हेलीकॉप्टर (Gehlot government will buy aircraft and helicopter) खरिदने की तैयारी में है. इसके लिए जीएडी ने फाइल तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दी है. सब कुछ ठीक रहा तो सीएम की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही सरकार के बेड़े में खुद के दो वायुयान होंगे.
वीवीआइपी होगा 12 सीटर जेट विमान
करीब सवा चार लाख करोड़ रुपये (loan of 4 laks crore on Gehlot Government) के कर्ज से जूझती राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अत्याधुनिक मल्टी टरबाइन वीवीआइपी जेट विमान खरीदने की तैयारी में है. पिछले 7 साल से किराए के विमान या हेलीकॉप्टर से काम चला रही राज्य सरकार ने अब गुजरात की तर्ज पर अत्याधुनिक जेट विमान खरीदने का निर्णय लिया है. सूत्रों की माने तो विभाग ने जो फाइल तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी है उसमें वीवीआइपी 12 सीटर जेट विमान खरीदने की बात की है. इस विमान की कीमत लगभग 200 करोड़ के आसपास होगी. इसके साथ ही 4 सीटर हेलीकॉप्टर भी खरीदा जाएगा. इसकी कीमत भी 35-40 करोड़ रुपये मानी जा रही है.
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12 सीटर विमान ही क्यों...
दरअसल राज्य सरकार 12 सीटर जेट विमान इसलिए भी खरीदना चाहती है क्योंकि सरकारी कार्यक्रम के दौरान 12 सीटर जेट विमान की ज्यादा आवश्यकता होती है. खास तौर से राज्यपाल के किसी भी दौरे पर जाते वक्त स्टाफ की आवश्यकता के अनुसार 10 सीटर विमान की डिमांड की जाती है. वर्तमान में सरकार किराए पर विमान उपलब्ध करा रही है. इसलिए सरकार चाहती है कि कम से कम 12 सीटर विमान खरीदा जाए.
अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान रिजर्व प्राइस से ज्यादा कीमत में बिके
सरकार के पास पुराने हो चुके अगस्ता हेलीकॉप्टर सहित तीन वायुयान रिजर्व प्राइस से ज्यादा कीमत में हाल ही नीलाम हो गए हैं. हालांकि इनमें से एक विमान की पहली किस्त ही कंपनी ने जमा नहीं कराई जिसकी वजह से उसे फिर से नीलम किया जाएगा. अगस्ता हेलीकॉप्टर की रिजर्व प्राइस ढाई करोड़ थी, जबकी उसकी नीलामी 7.55 करोड़ में हुई. वहीं B-200 की रिजर्व प्राइस 9 करोड़ रखी गई थी जो 18.50 करोड़ में नीलामी हुआ. इसी तरह से C-90 वायुयान की रिजर्व प्राइस सवा तीन करोड़ रखी गई जो 7 करोड़ 60 हजार में बिका, लेकिन 90 वायुयान की नीलामी निरस्त हो गई है.
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चुनाव के मद्देनजर 4 सीटर हेलीकॉप्टर जरूरी
प्रदेश में लगभग डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार को चुनाव के दौरान छोटे हेलीकॉप्टर की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए सरकार चाहती है कि चुनाव से पहले 4 सीटर हेलीकॉप्टर खरीद लिया जाए, क्योंकि वर्तमान में यह हेलीकॉप्टर किराए पर लिया जा रहा है. चुनाव के वक्त हेलीकॉप्टर किराए पर मिलने में मुश्किलें भी आती हैं.
सवा लाख करोड़ से ज्यादा कर्जा
गहलोत सरकार ने कोरोना काल के बीच अब तक के कार्यकाल में रिकार्ड एक लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज लिया है. अब तक की सरकारों ने जितना कर्ज लिया है उसका 25 फीसदी अधिक कर्ज गहलोत सरकार ने तीन साल के कार्यकाल में ले लिया. राज्य पर कुल कर्ज 4 लाख 34 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है. यानी राजस्थान में हर व्यक्ति पर 55 हजार रुपए का कर्ज हो चुका है.
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कोरोना काल की वजह से नही हुई थी खरीद
पिछले साल गहलोत सरकार ने 200 करोड़ रुपये में डेशो एविएशन कंपनी से मिड साइज 12 सीटर जेट विमान खरीदने का निर्णय लिया था. डेशो एविएशन फ्रांस की कंपनी है. विमान खरीदने को लेकर राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने निर्णय लेने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा था, लेकिन सीएम गहलोत ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी. बताया जा रहा है कि कोरोना काल के बीच बिगड़े आर्थिक हालातों में अगर जेट विमान की खरीद होती तो विपक्ष को बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का मौका मिल जाता. ऐसे में इस मामले को कुछ दिन होल्ड कर दिया गया.
अब आगे क्या
हाईलेवल पर कमेटी ले प्रस्ताव तैयार करके मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है, अगर मुख्यमंत्री कार्यालय से 12 सीटर वीवीआइपी जेट विमान और चार सीटर हेलीकॉप्टर खरीदने की मंजूरी मिल जाती है तो मुख्य सचिव के स्तर पर कमेटी अलग-अलग कंपनियों से कोटेशन लेगी. कमेटी इन सभी कंपनियों के प्रस्ताव का एनालिसिस करके अपनी आवश्यकता अनुसार जो भी सही कीमत में वायुयान उपलब्ध कराएगा, उससे विमान खरीदेगी.
2011 में 'अगस्ता' हुआ था दुर्घटनाग्रस्त
इससे पहले राज्य के पास 'अगस्ता' हेलिकॉप्टर था जोकि 2011 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस कारण सरकार को जरुरत होने पर निजी कंपनियों से किराए पर विमान लेना पड़ता है जो काफी खर्चीला होता है.