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Justice For Dausa Doctor : डॉक्टर्स संगठन हुए लामबंद, दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग...आंदोलन को तेज करने का लिया फैसला - dausa lady doctor suicide case

दौसा के लालसोट में महिला चिकित्सक के खुदकुशी की घटना के बाद प्रदेश के डॉक्टर विरोध पर उतर आए (doctors protest in Rajasthan) हैं. चिकित्सा सेवा से जुड़े विभिन्न संगठनों ने लामबंद होकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है.

Justice For Dausa Doctor
डॉक्टर्स संगठन हुए लामबंद
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Published : Mar 30, 2022, 1:26 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 5:31 PM IST

जयपुर. दिवंगत डॉ. अर्चना को जस्टिस दिलाने और डॉक्टर के खिलाफ वायलेंस की घटना (Justice For Dausa Doctor) रोकने की मांग को लेकर डॉक्टर्स एसोसिएशन्स ने आज कार्य बहिष्कार किया. 2 घंटे कार्य बहिष्कार करने के बाद जेएमए, आरएमसीटीए, जार्ड, अरिसदा, प्राइवेट डॉक्टर एंड नर्सिंग होम सोसायटी और दूसरे संगठनों के डॉक्टर्स ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया है. इस बीच मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठाई है.

लालसोट के आनंद अस्पताल में पिछले दिनों प्रसूता की मौत हो गई थी. इस मौत के बाद परिजन मृतका का शव भी घर ले गए, लेकिन वहां कुछ लोगों ने इस मामले में डॉक्टर को दोषी मानते हुए हंगामा खड़ा कर दिया और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया था. जिससे परेशान होकर महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली. जान देने से पहले डॉक्टर ने सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें मौत की वजह उत्पीड़न (Dausa lady doctor suicide case) बताया.

पढ़ें- Dausa Lady Doctor Suicide Row: चिकित्सकों में आक्रोश, दौसा सहित कई जिलों में निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं ठप

महिला डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले महिला के परिजनों पर हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर अब प्रदेशभर के डॉक्टर्स विरोध जता (doctors protest in Rajasthan) रहे हैं. डॉक्टर्स ने बुधवार को एक दिन का कार्य बहिष्कार किया जबकि प्राईवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के बैनर तले निजी अस्पतालों ने बुधवार को पूर्ण कार्य बहिष्कार किया. सुबह 9 बजे से 11 बजे तक सेवारत चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार किया गया. वहीं s.m.s. अस्पताल में गेट मीटिंग भी की. इस दौरान अस्पतालों में मरीजों के लिए ओपीडी और सामान्य सर्जरी नहीं की गई. हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रही.

क्या कहते हैं डॉक्टर्स...

प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि सभी निजी क्लिनिक और प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद रहे. केवल इनडोर मरीज और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ही देखा गया. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी डॉक्टर के खिलाफ प्रोफेशनल ड्यूटी डिस्चार्ज करते समय धारा 302 ने मुकदमा दर्ज हो ही नहीं सकता. ज्यादा से ज्यादा धारा 304 ए लगाई जा सकती है. इस केस में डॉक्टर को ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को प्रताड़ित भी किया गया. जिससे परेशान होकर डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें- Rathore on doctor suicide in Dausa: चिकित्सा मंत्री के क्षेत्र में डॉक्टर को मानसिक प्रताड़ना देकर सुसाइड के लिए मजबूर करना सरकार के माथे पर कलंक-राठौड़

डॉक्टर्स ने मांग की है कि जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करते हुए तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही पुलिस प्रशासन को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2008 को कठोरता से और नियमित लागू करने के लिए पाबंद किया जाए. वहीं अब आंदोलन को तेज करते हुए डॉक्टर स्टेच्यू सर्किल पर प्रदर्शन करेंगे. शाम को अमर जवान ज्योति पर कैंडल मार्च और फिर मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री और डीजीपी को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि पुलिस के भय से महिला चिकित्सक डॉ अर्चना द्वारा आत्महत्या करने की घटना से मन बहुत आहत है. डॉक्टर अर्चना वही चिकित्सक है, जिसने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए कोरोना काल में लोगों की जान बचाई.उन्होंने ट्वीट कर इस घटना की निष्पक्ष जांच किए जाने की बात कही.

IAM के आह्वान पर जोधपुर के निजी अस्पतालों में भी ओपीडी बंद : हत्या का मामला दर्ज किए जाने से व्यथित डॉक्टर के आत्महत्या करने की घटना से आहत पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स विरोध जता रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जोधपुर के भी निजी अस्पताल में बुधवार को ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं. सिर्फ इमरजेंसी केस ही देखे जा रहे हैं. सभी अस्पतालों ने गेट पर आईएमए का नोटिस और ओपीडी सेवाएं आज के लिए बंद के पर्चे लगा दिए हैं. जिसके चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. इसी तरह से सरकारी डॉक्टरों ने भी काली पट्टी बांध कर ​विरोध जताया. डॉक्टर्स का कहना है कि जिस तरह से इस मामले में कार्रवाई की गई है, वह गलत है. हम इससे व्यथित हैं. आईएमए के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया है.

खेतड़ी में भी चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार : डॉ. अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को राजकीय अस्पताल के डॉक्टरों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. डॉक्टरों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

भरतपुर के चिकित्सकों का विरोध : मेडिकल कॉलेज भरतपुर के आरबीएम जिला अस्पताल में बुधवार सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक चिकित्सकों ने आउटडोर सेवाएं बंद कर दीं. ऐसे में उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे मरीजों को 2 घंटे तक परेशान होना पड़ा. हालांकि, चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवाएं और इंडोर में भर्ती मरीजों की उपचार सुविधाएं जारी रखीं. जिला अस्पताल पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि दौसा की महिला चिकित्सक द्वारा आत्महत्या करने के विरोध में चिकित्सकों ने सुबह 2 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया था. इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं, ऑपरेशन और इंडोर में भर्ती मरीजों की उपचार सुविधाएं जारी रहीं. सुबह 11 बजे सभी चिकित्सक आउटडोर में ड्यूटी पर लौट आए और मरीजों का उपचार किया.

अजमेर में निकाली रैली : दौसा में महिला रोग विशेषज्ञ के आत्महत्या का मामला तूल पकड़ चुका है. अजमेर में भी प्राइवेट चिकित्सकों ने महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने पर विरोध जताया. चिकित्सकों ने वाहन रैली निकाली. वहीं, जिला मुख्यालय पहुंच कर कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.

जयपुर. दिवंगत डॉ. अर्चना को जस्टिस दिलाने और डॉक्टर के खिलाफ वायलेंस की घटना (Justice For Dausa Doctor) रोकने की मांग को लेकर डॉक्टर्स एसोसिएशन्स ने आज कार्य बहिष्कार किया. 2 घंटे कार्य बहिष्कार करने के बाद जेएमए, आरएमसीटीए, जार्ड, अरिसदा, प्राइवेट डॉक्टर एंड नर्सिंग होम सोसायटी और दूसरे संगठनों के डॉक्टर्स ने दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया है. इस बीच मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग उठाई है.

लालसोट के आनंद अस्पताल में पिछले दिनों प्रसूता की मौत हो गई थी. इस मौत के बाद परिजन मृतका का शव भी घर ले गए, लेकिन वहां कुछ लोगों ने इस मामले में डॉक्टर को दोषी मानते हुए हंगामा खड़ा कर दिया और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया था. जिससे परेशान होकर महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली. जान देने से पहले डॉक्टर ने सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें मौत की वजह उत्पीड़न (Dausa lady doctor suicide case) बताया.

पढ़ें- Dausa Lady Doctor Suicide Row: चिकित्सकों में आक्रोश, दौसा सहित कई जिलों में निजी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं ठप

महिला डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने वाले महिला के परिजनों पर हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर अब प्रदेशभर के डॉक्टर्स विरोध जता (doctors protest in Rajasthan) रहे हैं. डॉक्टर्स ने बुधवार को एक दिन का कार्य बहिष्कार किया जबकि प्राईवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के बैनर तले निजी अस्पतालों ने बुधवार को पूर्ण कार्य बहिष्कार किया. सुबह 9 बजे से 11 बजे तक सेवारत चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार किया गया. वहीं s.m.s. अस्पताल में गेट मीटिंग भी की. इस दौरान अस्पतालों में मरीजों के लिए ओपीडी और सामान्य सर्जरी नहीं की गई. हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रही.

क्या कहते हैं डॉक्टर्स...

प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि सभी निजी क्लिनिक और प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद रहे. केवल इनडोर मरीज और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ही देखा गया. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी डॉक्टर के खिलाफ प्रोफेशनल ड्यूटी डिस्चार्ज करते समय धारा 302 ने मुकदमा दर्ज हो ही नहीं सकता. ज्यादा से ज्यादा धारा 304 ए लगाई जा सकती है. इस केस में डॉक्टर को ही नहीं बल्कि पूरे परिवार को प्रताड़ित भी किया गया. जिससे परेशान होकर डॉक्टर ने सुसाइड कर लिया. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें- Rathore on doctor suicide in Dausa: चिकित्सा मंत्री के क्षेत्र में डॉक्टर को मानसिक प्रताड़ना देकर सुसाइड के लिए मजबूर करना सरकार के माथे पर कलंक-राठौड़

डॉक्टर्स ने मांग की है कि जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करते हुए तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही पुलिस प्रशासन को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2008 को कठोरता से और नियमित लागू करने के लिए पाबंद किया जाए. वहीं अब आंदोलन को तेज करते हुए डॉक्टर स्टेच्यू सर्किल पर प्रदर्शन करेंगे. शाम को अमर जवान ज्योति पर कैंडल मार्च और फिर मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री और डीजीपी को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा कि पुलिस के भय से महिला चिकित्सक डॉ अर्चना द्वारा आत्महत्या करने की घटना से मन बहुत आहत है. डॉक्टर अर्चना वही चिकित्सक है, जिसने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए कोरोना काल में लोगों की जान बचाई.उन्होंने ट्वीट कर इस घटना की निष्पक्ष जांच किए जाने की बात कही.

IAM के आह्वान पर जोधपुर के निजी अस्पतालों में भी ओपीडी बंद : हत्या का मामला दर्ज किए जाने से व्यथित डॉक्टर के आत्महत्या करने की घटना से आहत पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स विरोध जता रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर जोधपुर के भी निजी अस्पताल में बुधवार को ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गई हैं. सिर्फ इमरजेंसी केस ही देखे जा रहे हैं. सभी अस्पतालों ने गेट पर आईएमए का नोटिस और ओपीडी सेवाएं आज के लिए बंद के पर्चे लगा दिए हैं. जिसके चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. इसी तरह से सरकारी डॉक्टरों ने भी काली पट्टी बांध कर ​विरोध जताया. डॉक्टर्स का कहना है कि जिस तरह से इस मामले में कार्रवाई की गई है, वह गलत है. हम इससे व्यथित हैं. आईएमए के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया है.

खेतड़ी में भी चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार : डॉ. अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को राजकीय अस्पताल के डॉक्टरों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. डॉक्टरों ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

भरतपुर के चिकित्सकों का विरोध : मेडिकल कॉलेज भरतपुर के आरबीएम जिला अस्पताल में बुधवार सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक चिकित्सकों ने आउटडोर सेवाएं बंद कर दीं. ऐसे में उपचार के लिए अस्पताल पहुंचे मरीजों को 2 घंटे तक परेशान होना पड़ा. हालांकि, चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवाएं और इंडोर में भर्ती मरीजों की उपचार सुविधाएं जारी रखीं. जिला अस्पताल पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि दौसा की महिला चिकित्सक द्वारा आत्महत्या करने के विरोध में चिकित्सकों ने सुबह 2 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया था. इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं, ऑपरेशन और इंडोर में भर्ती मरीजों की उपचार सुविधाएं जारी रहीं. सुबह 11 बजे सभी चिकित्सक आउटडोर में ड्यूटी पर लौट आए और मरीजों का उपचार किया.

अजमेर में निकाली रैली : दौसा में महिला रोग विशेषज्ञ के आत्महत्या का मामला तूल पकड़ चुका है. अजमेर में भी प्राइवेट चिकित्सकों ने महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने पर विरोध जताया. चिकित्सकों ने वाहन रैली निकाली. वहीं, जिला मुख्यालय पहुंच कर कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.

Last Updated : Mar 30, 2022, 5:31 PM IST
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