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जयपुर: भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल की रिहाई को लेकर दलित समाज का हल्ला बोल, जमकर की नारेबाजी

गुरुवार को जयपुर में राजस्थान भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल (Dalit community protest at Jaipur Collectorate) की रिहाई को लेकर दलित समाज ने जमकर नारेबाजी की. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के बैनर तले प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के सैंकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पर जमा हुए और गहलोत सरकार से मंत्री की रिहाई और मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

Dalit community protested at Jaipur Collectorate
दलित समाज के लोगों का गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोल
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Published : May 12, 2022, 9:35 PM IST

जयपुर. डॉ अर्चना शर्मा आत्महत्या प्रकरण में गिरफ्तार पूर्व विधायक और राजस्थान भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र (Dalit community protest at Jaipur Collectorate) गोठवाल की रिहाई सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में दलित समाज के लोगों ने गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. लोगों ने कलेक्ट्रेट पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के बैनर तले लोगों ने जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी पर आक्रोश जताया.

सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के बैनर तले प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के सैंकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पर जमा हुए और जितेंद्र गोठवाल की रिहाई की मांग की. इसमे बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि राजस्थान प्रदेश अनुसूचित जाति वर्ग और महिला अत्याचार में देश में प्रथम स्थान पर है. आए दिन अनुसूचित वर्ग पर हो रहे अत्याचारों के कारण वे लोग अपने आप को असुरक्षित और डरा हुआ महसूस करते हैं.

मंत्री को फंसाया गया: मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि लालसोट प्रकरण में राजनीतिक द्वेषता के कारण भाजपा के प्रदेश मंत्री और पूर्व विधायक जितेंद्र गोठवाल को फंसाया गया है. जितेंद्र गोठवाल दलित समाज के अधिकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं. अनुसूचित जाति के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लालसोट गए जितेंद्र गोठवाल को राजस्थान सरकार ने राजनीतिक द्वेषता से फंसाया है. उनका आरोप है कि पुलिस ने डॉक्टर दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा शाम 6:50 बजे दर्ज किया था, जबकि बैरवा समाज के लोगों की मांग पर रात को 11:30 बजे जितेंद्र गोठवाल मृतका आशा बेरवा के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए लालसोट पहुंचे थे.

पढ़ें.जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी पर भड़की भाजपा, रामलाल बोले- गहलोत सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए डाल रही पर्दा

महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा के पति ने थाने में मामला दर्ज करवाया था, जिसमें जितेंद्र गोठवाल के अलावा राम मनोहर बैरवा, बलराम बैरवा, रामखिलाड़ी बैरवा, अन्य गिरफ्तार लोगों का नाम नहीं है. इन सभी को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है. मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ दिनों पहले वाल्मीकि समाज के विद्युत विभाग के सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि पर, धौलपुर के विधायक और उनके सहयोगियों ने जानलेवा हमला किया था.

राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन: अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं और नाबालिग बच्चों के साथ आए दिन हो रहे दुष्कर्म से लगता है कि अपराधियों के मन में पुलिस का भय समाप्त हो चुका है. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच ने लालसोट प्रकरण की सीबीआई जांच कराने और जितेंद्र गोठवाल सहित अन्य निर्दोष लोगों को रिहा करने की मांग करते हुए, राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. माधोराजपुरा के प्रधान अभिषेक गोठवाल ने कहा कि गहलोत सरकार लंबी नहीं चलने वाली है. 2023 नजदीक है, उसके बाद जितेंद्र गोठवाल रिहा भी होंगे और हम जीतेंगे भी.

जयपुर. डॉ अर्चना शर्मा आत्महत्या प्रकरण में गिरफ्तार पूर्व विधायक और राजस्थान भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र (Dalit community protest at Jaipur Collectorate) गोठवाल की रिहाई सहित अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में दलित समाज के लोगों ने गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. लोगों ने कलेक्ट्रेट पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के बैनर तले लोगों ने जितेंद्र गोठवाल की गिरफ्तारी पर आक्रोश जताया.

सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के बैनर तले प्रदेश के अनुसूचित जाति वर्ग के सैंकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पर जमा हुए और जितेंद्र गोठवाल की रिहाई की मांग की. इसमे बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि राजस्थान प्रदेश अनुसूचित जाति वर्ग और महिला अत्याचार में देश में प्रथम स्थान पर है. आए दिन अनुसूचित वर्ग पर हो रहे अत्याचारों के कारण वे लोग अपने आप को असुरक्षित और डरा हुआ महसूस करते हैं.

मंत्री को फंसाया गया: मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि लालसोट प्रकरण में राजनीतिक द्वेषता के कारण भाजपा के प्रदेश मंत्री और पूर्व विधायक जितेंद्र गोठवाल को फंसाया गया है. जितेंद्र गोठवाल दलित समाज के अधिकारों के लिए लगातार लड़ाई लड़ रहे हैं. अनुसूचित जाति के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए लालसोट गए जितेंद्र गोठवाल को राजस्थान सरकार ने राजनीतिक द्वेषता से फंसाया है. उनका आरोप है कि पुलिस ने डॉक्टर दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 में मुकदमा शाम 6:50 बजे दर्ज किया था, जबकि बैरवा समाज के लोगों की मांग पर रात को 11:30 बजे जितेंद्र गोठवाल मृतका आशा बेरवा के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए लालसोट पहुंचे थे.

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महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा के पति ने थाने में मामला दर्ज करवाया था, जिसमें जितेंद्र गोठवाल के अलावा राम मनोहर बैरवा, बलराम बैरवा, रामखिलाड़ी बैरवा, अन्य गिरफ्तार लोगों का नाम नहीं है. इन सभी को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है. मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ दिनों पहले वाल्मीकि समाज के विद्युत विभाग के सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि पर, धौलपुर के विधायक और उनके सहयोगियों ने जानलेवा हमला किया था.

राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन: अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं और नाबालिग बच्चों के साथ आए दिन हो रहे दुष्कर्म से लगता है कि अपराधियों के मन में पुलिस का भय समाप्त हो चुका है. सामाजिक न्याय एवं अधिकार मंच ने लालसोट प्रकरण की सीबीआई जांच कराने और जितेंद्र गोठवाल सहित अन्य निर्दोष लोगों को रिहा करने की मांग करते हुए, राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. माधोराजपुरा के प्रधान अभिषेक गोठवाल ने कहा कि गहलोत सरकार लंबी नहीं चलने वाली है. 2023 नजदीक है, उसके बाद जितेंद्र गोठवाल रिहा भी होंगे और हम जीतेंगे भी.

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