जयपुर. इन दिनों फेसबुक के ब्लू टिक वेरीफाइड अकाउंट (facebook blue tick verified account) साइबर ठगों (cyber thug) की नजर में है. ठगों की ओर से ऐसे वेरीफाइड अकाउंट (verified account) और पेज का संचालन अपने हाथों में लेकर ठगी की जा रही है. इसके लिए बड़े शातिराना तरीके से ठगों की ओर से फेसबुक पेज मैनेजर का एक फेक पेज बनाया जा रहा है और उसी के आधार पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है. लोगों का अकाउंट या पेज डिलीट करने की धमकी देकर ठगों की ओर से उनको अपने झांसे में लिया जाता है. उसके बाद उनके अकाउंट और पेज की तमाम एक्टिविटी अपने हाथ में लेकर ठग ब्लैकमेल करते हैं. पीड़ित को उसके अकाउंट और पेज के संचालन का अधिकार वापस देने की एवज में उससे मोटी राशि की मांग की जाती है.
इस तरह से काम करता है फेसबुक पेज मैनेजर
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि फेसबुक पर जितने भी बड़े राजनेता, आईपीएस और आईएएस अधिकारी है, उन तमाम लोगों के पेज बने हुए हैं. जिन पर हजारों लाखों की संख्या में फॉलोअर्स जुड़े हुए हैं. इन तमाम पेज की एक्टिविटी को मैनेज करने, एड क्रिएट करने, पेज को बूस्ट करने सहित तमाम बेसिक काम फेसबुक पेज मैनेजर (facebook page manager) की ओर से किए जाते हैं. इसके लिए बकायदा कई एजेंसी काम करती हैं और उनके प्रत्येक फेसबुक पेज मैनेजर पर अनेक पेज अटैच होते हैं.
फेक फेसबुक मैनेजर पेज बनाकर ठग बना रहे लोगों को शिकार
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठगों की ओर से फेक फेसबुक मैनेजर पेज बनाकर लोगों को अपने जाल में फंसाया जा रहा है. इसके लिए बकायदा ठगों की ओर से असली फेसबुक मैनेजर पेज से मिलता हुआ हूबहू फेक पेज (fake page) क्रिएट किया जाता है. फेक पेज क्रिएट करने के बाद ठगों की ओर से ब्लू टिक वेरीफाइड पेज और अकाउंट को टैग करके एक मैसेज भेजा जाता है.
मैसेज में यह बात लिखी जाती है कि यूजर का वेरीफाइड अकाउंट (verified account) या पेज बंद कर दिया जाएगा, यदि यूजर की ओर से शर्तों का पालन नहीं किया गया. शर्तों का पालन करने के लिए एक लिंक पर क्लिक करके यूजर को उसकी कुछ जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा जाता है. जैसे ही यूजर उस लिंक पर जैसे ही क्लिक करता है, वैसे ही ठगों की ओर से उस पेज का यूजर एक्सेस मांग लिया जाता है. यूजर की ओर से ठगों को यूजर एक्सेस देने पर उस वेरीफाइड पेज या अकाउंट के दो एडमिन बन जाते हैं. पहला एडमिन वह यूजर ही रहता है, तो वहीं दूसरा एडमिन ठग बन जाता है.
एडमिन के अधिकार मिलने के बाद ठग पेज को कर लेता है हाईजैक
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि ठगों की ओर से वेरीफाइड पेज या अकाउंट के एडमिन का अधिकार मिलने के बाद सबसे पहले ठगों की ओर से उस पेज के यूजर को एडमिन से हटा दिया जाता है. उसके बाद ठगों की ओर से उस पेज या अकाउंट को हाईजैक कर लिया जाता है. उसके बाद ठगों की ओर से यूजर को धमकी दी जाती है कि उसके वेरीफाइड अकाउंट या पेज पर पोर्न वीडियो या पोर्न फोटो डालकर उसकी छवि को खराब किया जाएगा. यदि वह चाहता है कि ऐसा न हो तो उसे एक अमाउंट जमा कराने के लिए कहा जाता है. इस तरह की ठगी इंडोनेशियन और नाइजीरियन साइबर ठगों (nigerian cyber thugs) की ओर से की जा रही है. ठगों ने बिटकॉइन (bitcoin) के रूप में यूजर से राशि की मांगता है. वहीं यूजर का पेज हाईजैक करने के बाद ठगों की ओर से उसे किसी अन्य व्यक्ति को नाम बदलकर ऊंची कीमतों पर बेचने का काम भी किया जा रहा है.
सतर्क रहकर बचें ठगों का शिकार होने से
साइबर एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि सतर्क रहकर ठगों का शिकार होने से बचा जा सकता है. यूजर को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि फेसबुक पेज मैनेजर कभी भी यूजर को किसी तरह का नोटिफिकेशन (Notification) नहीं भेजता है. यदि यूजर को अपने अकाउंट में कुछ बदलाव करने हैं, तो उसे फेसबुक पेज मैनेजर ओपन करना होगा. इसके साथ ही ऐसा कोई भी ऑथेंटिकेट पेज नहीं है, जो फेसबुक पेज मैनेजर को रिप्रेजेंट करता हो और यूजर को टैग करके यूजर का अकाउंट बंद किए जाने का नोटिफिकेशन भेजता हो. इसके साथ ही यूजर को कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति को अपने पेज का एडमिन बनाने का अधिकार नहीं देना चाहिए.
साथ ही यूजर को अपने अकाउंट का टू स्टेप वेरीफिकेशन (two step verification) ऑन रखना चाहिए. इसके साथ ही यूजर की ओर से जिस फोन के जरिए उस पेज को ऑपरेट किया जा रहा है, उसे वह कभी रिबूट न करें. जिस लैपटॉप या कंप्यूटर से पेज को मैनेज किया जा रहा है, उसकी विंडो और एंटीवायरस अपडेट हो और वह क्रैक वर्जन (crack version) न हो. इसके साथ ही यूजर फायर वॉल (user fire wall) को हमेशा ऑन रखें.