जयपुर. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों पर है और अधिकतर लोगों को अब अपनी ईएमआई की चिंता सता रही है. ईएमआई को लेकर सरकार और बैंकों की प्रक्रिया अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं है. इस कारण अधिकतर लोग अपने बैंकों और अन्य माध्यमों से ईएमआई को लेकर चिंतित है. इस बीच बैंक खाता पर साइबर ठगों का हमला हो सकता है.
ईएमआई की इस प्रक्रिया को इस बार साइबर ठग अपना हथियार बना सकते हैं. ऐसे में कई बैंक अपने ग्राहकों को मैसेज भेज कर उनको किसी भी तरह की जानकारी किसी से भी साझा करने से मना कर रहे हैं. इसे लेकर एसओजी और एटीएस के अफसरों ने भी पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी है.
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एसओजी और एटीएस के अफसरों का कहना है कि ईएमआई की कटौती अधिकतर ग्राहकों के खातों से ही होती है. ऐसे में अब साइबर ठग बैंक से मिलते-जुलते नामों के लिंक भेज कर ग्राहकों के खाते साफ कर सकते हैं. ऐसे में बैंक ग्राहक किसी भी तरह का लिंक नहीं खोलें और किसी को भी ओटीपी या अन्य जानकारी साझा नहीं करें. वहीं अपनी समझदारी से खाते को बचाया जा सकता है, अन्यथा खाता साफ हो सकता है.
बैंक अफसरों का भी यही कहना है कि ग्राहकों से बैंक से फोन करने की कह कर उनके खातों की जानकारी ली जा रही है. ईएमआई प्रक्रिया में संशोधन करने की कहकर लोगों से ठगी की जा सकती है. लेकिन कोई भी बैंक इस तरह की प्रक्रिया नहीं कर रहा है. ऐसे में किसी से भी बैंक खाते की जानकारी और ओटीपी साझा नहीं करें.
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बता दें कि जयपुर में साइबर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं. जहां पर ठगों ने बड़े शातिराना तरीके से लोगों के फोन पर लिंक भेज कर ठगी की है. ठगी करने वाले बदमाश ग्राहकों को एक लिंक भेज कर उसे ओपन करने की बात कहते हैं या फिर ओटीपी नंबर मांगते हैं. जिसके बाद बैंक खाते से पैसे साफ हो जाते हैं. ऐसे में सभी लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है और साइबर ठगों के झांसे में आने से बचें.