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जागते रहो: ऑनलाइन गेमिंग एप्स से बच्चों को टारगेट कर रहे साइबर ठग, परिजनों के खाते से उड़ा रहे लाखों रुपये

प्रदेश में साइबर सेल की पूरी टीम गठित की गई है जो ऑनलाइन ठगी पर लगाम लगाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसके बाद भी शातिर ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं, फिलहाल बच्चे इन दिनों उनके लिए ईजी टारगेट बन गए हैं. ऑनलाइन गेमिंग एप्स के जरिए बोनस प्वाइंट देने या अगले लेवल पर जाने के लिए बच्चों से परिजनों के इ वॉयलेट अकाउंट को लिंक कराकर ठगी कर रहे हैं.

children becoming easy target to cyber criminal, ई-वॉलेट के जरिए पेमेंट का दे रहे झांसा
ऑनलाइन गेमिंग एप्स से ठगी
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Published : Feb 26, 2021, 7:55 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 10:06 PM IST

जयपुर. साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने और ठगी का शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके इजाद करने में लगे हुए हैं. राजधानी में साइबर ठगी के नए मामले सामने आए हैं जिसमें ऑनलाइन गेमिंग एप्स के जरिए साइबर ठग बच्चों को टारगेट बना रहे हैं. ऑनलाइन गेमिंग एप्स पर बोनस प्वाइंट का झांसा देकर और अन्य तरीकों का प्रलोभन देकर बच्चों को ई-वॉलेट के जरिए पेमेंट करने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में बच्चे अपने परिवार के किसी भी सदस्य का ई-वॉलेट अकाउंट उस गेमिंग एप से कनेक्ट कर रहे हैं जिसके बाद परिजनों के बैंक खाते से लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन साइबर ठग कर ले रहे हैं.

ऑनलाइन गेमिंग एप्स से ठगी

पढ़ें: जागते रहो : QR कोड स्कैन करने जा रहे हैं...रुकिये, साइबर ठगों से सावधान रहें

राजधानी में साइबर ठगी के ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं और जब उन प्रकरणों की जांच की गई तो पाया गया कि घर के ही बच्चे की ओर से ऑनलाइन गेमिंग एप्स में परिजनों का ई-वॉयलेट अकाउंट लिंक किया गया है. जिसके बाद परिजनों ने शिकायत पुलिस से वापस ले ली और किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया. ऐसे प्रकरण में पुलिस भी आगे ठोस कार्रवाई नहीं कर पाती है.

गेमिंग एप्स में डेबिट व क्रेडिट कार्ड की डिटेल सेव करा कर

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि गेमिंग एप्स के माध्यम से ठगी के जो प्रकरण सामने आ रहे हैं उसमें ठग बच्चों को विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर गेमिंग एप्स में क्रेडिट और डेबिट कार्ड या फिर बैंक की जानकारी सेव करवाते हैं. जैसे ही यह जानकारी बच्चे गेमिंग ऐप्स में सेव करते हैं, साइबर ठग बैंक खाते से ट्रांजेक्शन कर लेते हैं.

Deception of payment through e-wallet , लॉटरी व इनाम जीतने का दे रहे झांसा
सावधानी बरतने की जरूरत

लॉटरी का झांसा देकर ऑनलाइन पेमेंट एप करवाते हैं लिंक

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें ऑनलाइन गेमिंग एप्स के जरिए बच्चों को लॉटरी और इनाम जीतने का झांसा दिया जाता है. उसके लिए एक अमाउंट पे करने के लिए भी कहा जाता है जो ऑनलाइन ही करना होता है. ठगों के झांसे में आकर जब बच्चे अपने परिवार के किसी सदस्य का ऑनलाइन पेमेंट अकाउंट उस गेमिंग एप से लिंक कर देते हैं तो ठग पेटीएम, फोन पे या अन्य ऑनलाइन पेमेंट एप्स के माध्यम से लाखों रुपए खाते से पार कर देते हैं.

पढ़ें: जागते रहो: कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर ठग बना रहे लोगों को शिकार, ऐसे करें बचाव

परिजन अपने बच्चों के इंटरनेट बिहेवियर पर रखें नजर

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा का कहना है कि साइबर ठग बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए ठगी का शिकार बना रहे हैं. इससे बचने के लिए परिजन अपने बच्चों के इंटरनेट बिहेवियर पर नजर रखें. बच्चा इंटरनेट पर क्या देख रहा है और कौन से ऑनलाइन गेम्स खेल रहा है इन तमाम चीजों की जानकारी रखें. यदि बच्चे कोई ऐसा गेम खेल रहे हैं जिसमें किसी ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए धनराशि की मांग की जा रही है तो तुरंत उस ऐप को अनइंस्टॉल करें और इसकी रिपोर्ट भी नजदीकी थाने में करें.

fraud through online gaming Apps, लॉटरी व इनाम जीतने का दे रहे झांसा
बच्चों को शिकार बना रहे ठग

टू स्टेप वेरीफिकेशन को रखें एक्टिवेट

ऑनलाइन गेमिंग एप्स के माध्यम से ठगी के जितने भी प्रकरण सामने आए हैं, उन प्रकरणों में ज्यादातर में शिकायतकर्ता के बैंक खाते से ही रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है. ऐसे में परिजन अपने तमाम बैंक खातों और ऑनलाइन पेमेंट एप में 2-स्टेप वेरिफिकेशन को एक्टिवेट रखें. ऐसे में यदि बच्चा अनजाने में उनके बैंक खाते, क्रेडिट और डेबिट कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट अकाउंट को गेमिंग एप पर लिंक करने का प्रयास करेगा तो परिजनों के मोबाइल पर वेरीफिकेशन कोड के बगैर वह अकाउंट लिंक नहीं कर सकेगा. ऐसे में परिजनों के मोबाइल पर मैसेज आने पर उन्हें भी इस बात का पता चल सकेगा कि उनके अकाउंट को किसी गेमिंग एप में लिंक करने का प्रयास किया जा रहा है.

दो माह पहले बुजुर्ग के खाते से उड़ाए थे रुपये

चित्रकूट थाने में 2 महीने पहले एक बुजुर्ग ने अपने बैंक खाते से 5.5 लाख रुपए की ठगी का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने जब प्रकरण की जांच कर बैंक डीटेल्स खंगाली और अकाउंट की तकनीकी जांच की तो यह सामने आया कि शिकायतकर्ता के ही मोबाइल नंबर से जुड़े पेटीएम अकाउंट से फंड ट्रांसफर हुआ है. जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ता का पोता ऑनलाइन गेम खेलता है और उसने ही अपने दादा के पेटीएम अकाउंट से ऑनलाइन गेमिंग एप्स में लाखों रुपए का पेमेंट किया है. परिवार के बच्चे का नाम प्रकरण में सामने आने पर शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली.

इसी प्रकार मानसरोवर थाना इलाके में एक रिटायर्ड व्यक्ति के खाते से 1.5 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई. साइबर टीम की ओर से जब प्रकरण की जांच की गई तो पता चला कि शिकायतकर्ता के ही घर के एक स्कूल जाने वाले बच्चे द्वारा ऑनलाइन गेमिंग एप में बैंक खाते की डीटेल डाली गई थी. ऑनलाइन गेम में हर अगले लेवल पर जाने के लिए खाते से पैसे कटते रहे और जब घर का ही बच्चा प्रकरण में शामिल पाया गया तो शिकायतकर्ता ने शिकायत वापस ले ली.

जयपुर. साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने और ठगी का शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके इजाद करने में लगे हुए हैं. राजधानी में साइबर ठगी के नए मामले सामने आए हैं जिसमें ऑनलाइन गेमिंग एप्स के जरिए साइबर ठग बच्चों को टारगेट बना रहे हैं. ऑनलाइन गेमिंग एप्स पर बोनस प्वाइंट का झांसा देकर और अन्य तरीकों का प्रलोभन देकर बच्चों को ई-वॉलेट के जरिए पेमेंट करने के लिए कहा जा रहा है. ऐसे में बच्चे अपने परिवार के किसी भी सदस्य का ई-वॉलेट अकाउंट उस गेमिंग एप से कनेक्ट कर रहे हैं जिसके बाद परिजनों के बैंक खाते से लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन साइबर ठग कर ले रहे हैं.

ऑनलाइन गेमिंग एप्स से ठगी

पढ़ें: जागते रहो : QR कोड स्कैन करने जा रहे हैं...रुकिये, साइबर ठगों से सावधान रहें

राजधानी में साइबर ठगी के ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं और जब उन प्रकरणों की जांच की गई तो पाया गया कि घर के ही बच्चे की ओर से ऑनलाइन गेमिंग एप्स में परिजनों का ई-वॉयलेट अकाउंट लिंक किया गया है. जिसके बाद परिजनों ने शिकायत पुलिस से वापस ले ली और किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया. ऐसे प्रकरण में पुलिस भी आगे ठोस कार्रवाई नहीं कर पाती है.

गेमिंग एप्स में डेबिट व क्रेडिट कार्ड की डिटेल सेव करा कर

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि गेमिंग एप्स के माध्यम से ठगी के जो प्रकरण सामने आ रहे हैं उसमें ठग बच्चों को विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर गेमिंग एप्स में क्रेडिट और डेबिट कार्ड या फिर बैंक की जानकारी सेव करवाते हैं. जैसे ही यह जानकारी बच्चे गेमिंग ऐप्स में सेव करते हैं, साइबर ठग बैंक खाते से ट्रांजेक्शन कर लेते हैं.

Deception of payment through e-wallet , लॉटरी व इनाम जीतने का दे रहे झांसा
सावधानी बरतने की जरूरत

लॉटरी का झांसा देकर ऑनलाइन पेमेंट एप करवाते हैं लिंक

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें ऑनलाइन गेमिंग एप्स के जरिए बच्चों को लॉटरी और इनाम जीतने का झांसा दिया जाता है. उसके लिए एक अमाउंट पे करने के लिए भी कहा जाता है जो ऑनलाइन ही करना होता है. ठगों के झांसे में आकर जब बच्चे अपने परिवार के किसी सदस्य का ऑनलाइन पेमेंट अकाउंट उस गेमिंग एप से लिंक कर देते हैं तो ठग पेटीएम, फोन पे या अन्य ऑनलाइन पेमेंट एप्स के माध्यम से लाखों रुपए खाते से पार कर देते हैं.

पढ़ें: जागते रहो: कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर ठग बना रहे लोगों को शिकार, ऐसे करें बचाव

परिजन अपने बच्चों के इंटरनेट बिहेवियर पर रखें नजर

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा का कहना है कि साइबर ठग बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए ठगी का शिकार बना रहे हैं. इससे बचने के लिए परिजन अपने बच्चों के इंटरनेट बिहेवियर पर नजर रखें. बच्चा इंटरनेट पर क्या देख रहा है और कौन से ऑनलाइन गेम्स खेल रहा है इन तमाम चीजों की जानकारी रखें. यदि बच्चे कोई ऐसा गेम खेल रहे हैं जिसमें किसी ऑनलाइन गेमिंग एप के जरिए धनराशि की मांग की जा रही है तो तुरंत उस ऐप को अनइंस्टॉल करें और इसकी रिपोर्ट भी नजदीकी थाने में करें.

fraud through online gaming Apps, लॉटरी व इनाम जीतने का दे रहे झांसा
बच्चों को शिकार बना रहे ठग

टू स्टेप वेरीफिकेशन को रखें एक्टिवेट

ऑनलाइन गेमिंग एप्स के माध्यम से ठगी के जितने भी प्रकरण सामने आए हैं, उन प्रकरणों में ज्यादातर में शिकायतकर्ता के बैंक खाते से ही रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है. ऐसे में परिजन अपने तमाम बैंक खातों और ऑनलाइन पेमेंट एप में 2-स्टेप वेरिफिकेशन को एक्टिवेट रखें. ऐसे में यदि बच्चा अनजाने में उनके बैंक खाते, क्रेडिट और डेबिट कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट अकाउंट को गेमिंग एप पर लिंक करने का प्रयास करेगा तो परिजनों के मोबाइल पर वेरीफिकेशन कोड के बगैर वह अकाउंट लिंक नहीं कर सकेगा. ऐसे में परिजनों के मोबाइल पर मैसेज आने पर उन्हें भी इस बात का पता चल सकेगा कि उनके अकाउंट को किसी गेमिंग एप में लिंक करने का प्रयास किया जा रहा है.

दो माह पहले बुजुर्ग के खाते से उड़ाए थे रुपये

चित्रकूट थाने में 2 महीने पहले एक बुजुर्ग ने अपने बैंक खाते से 5.5 लाख रुपए की ठगी का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने जब प्रकरण की जांच कर बैंक डीटेल्स खंगाली और अकाउंट की तकनीकी जांच की तो यह सामने आया कि शिकायतकर्ता के ही मोबाइल नंबर से जुड़े पेटीएम अकाउंट से फंड ट्रांसफर हुआ है. जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ता का पोता ऑनलाइन गेम खेलता है और उसने ही अपने दादा के पेटीएम अकाउंट से ऑनलाइन गेमिंग एप्स में लाखों रुपए का पेमेंट किया है. परिवार के बच्चे का नाम प्रकरण में सामने आने पर शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली.

इसी प्रकार मानसरोवर थाना इलाके में एक रिटायर्ड व्यक्ति के खाते से 1.5 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई. साइबर टीम की ओर से जब प्रकरण की जांच की गई तो पता चला कि शिकायतकर्ता के ही घर के एक स्कूल जाने वाले बच्चे द्वारा ऑनलाइन गेमिंग एप में बैंक खाते की डीटेल डाली गई थी. ऑनलाइन गेम में हर अगले लेवल पर जाने के लिए खाते से पैसे कटते रहे और जब घर का ही बच्चा प्रकरण में शामिल पाया गया तो शिकायतकर्ता ने शिकायत वापस ले ली.

Last Updated : Feb 26, 2021, 10:06 PM IST
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