जयपुर. नए मोटर व्हीकल एक्ट को प्रदेश में लागू करने को लेकर चल रहे विवाद पर अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दखल दी है. सीएम गहलोत ने मंगलवार देर रात परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ मोटर वाहन अधिनियम में संशोधनों के संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि शुरूआत में प्रदेश सरकार यातायात उल्लंघन के नियमों के तहत आने वाले 33 विषयों में से 17 की प्रशमन राशि (कम्पाउंडिंग फीस) कम रखेगी.
गौरतलब है कि बढ़ी हुई प्रशमन राशि (कम्पाउंडिंग फीस) केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के अनुरूप प्रस्तावित की गई है. सीएम गहलोत ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम में हुए संशोधनों के बाद यातायात नियम में उल्लंघन से जुड़े जिन 33 अपराधों में बढ़ी हुई जुर्माना राशि प्रस्तावित की गई है, उनमें से शुरूआत में 17 अपराधों में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए कम कम्पाउंडिंग फीस रखी जाएगी, जिससे आम लोग स्वप्रेरणा से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करें.
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लेकिन गंभीर प्रकृति के 16 मामलों में फीस अधिनियम में वर्णित जुर्माना राशि के बराबर रखी जाएगी. अगर सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई और इस संशोधन के उदेश्य पूरे नहीं हुए तो कम्पाउंडिंग फीस को अधिनियम के अनुरूप अधिकतम सीमा तक बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि आम जनता को यातायात नियमों के बारे में शिक्षित और जागरूक बनाकर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाए. वहीं, बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन राजीव स्वरूप, परिवहन आयुक्त राजेश यादव सहित अन्य अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन और राजस्थान राज्य आजीविका विकास निगम में प्रशिक्षण लेने वाले और विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब सात लाख युवाओं को सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक करने के लिए लघु फिल्म और स्लाईड्स दिखाने जैसी पहल की जाएगी. इसके अलावा प्रदेश के समस्त उच्च प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रोड सेफ्टी की जानकारी देनी वाली पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल करीब 10 हजार व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है, जिसमें ज्यादातर युवा होते हैं. यह चिंता का विषय है और ऐसे में यह जरूरी है कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने से पहले आम लोगों को ट्रैफिक नियमों की पालना के बारे में शिक्षित और जागरूक किया जाए. इसके लिए राज्य सरकार नियमों और जुर्माना राशि के बारे में अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करेगी और अपेक्षा की जाएगी कि वाहन चालक स्वयं सुरक्षित रहें और दूसरों को सुरक्षित रखें.