जयपुर. राजधानी में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. जिन इलाकों में कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं उन इलाकों में पुलिस प्रशासन की ओर से कर्फ्यू लगाया जा रहा है. ताकि कोरोना के संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके.
राजधानी जयपुर के शिप्रा पथ और सोडाला थाना इलाके में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद चिन्हित एरिया में कर्फ्यू लगाया गया है. शिप्रा पथ थाना इलाके में मकान नंबर 112/ 195 ए, थड़ी मार्केट से आदिनाथ मेडिकल स्टोर, थड़ी मार्केट तक के क्षेत्र में निवासरत नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और लोक प्रशांति बनाए रखने की दृष्टि से कर्फ्यू लागू किया गया है. सोडाला थाना इलाके में संपति कॉलोनी प्लॉट नंबर 12 से प्लॉट नंबर 6 तक और प्लाट नंबर 17 से प्लाट नंबर 1 तक के क्षेत्र में कर्फ्यू लागू किया गया है.
कर्फ्यू ग्रस्त इलाके में लोगों की आवाजाही को पूर्णतया प्रतिबंधित किया गया है. कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में निर्भया स्क्वायड टीम, क्यूआरटी, ईआरटी, एसटीएफ, आरएसी, हाडी रानी, जेब्रा और गुड़सवारों की ओर से निरंतर गश्त निगरानी की जा रही है.
राजधानी में करीब 33 थाना इलाकों में पूर्ण या आंशिक कर्फ्यू लागू किया गया है. सभी कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी तैनात किया गया है. मुख्य मार्गों को बंद किया गया है और लोगों से अपील की जा रही है कि अपने घरों में रहें और सुरक्षित रहें. सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना करते हुए प्रशासन का सहयोग करें. घरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करें.
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जयपुर शहर में परकोटा क्षेत्र के अलावा भट्टा बस्ती, शास्त्री नगर, आमेर, जालूपुरा, संजय सर्किल, लाल कोठी, आदर्श नगर, खोनागोरियां, मोती डूंगरी, ट्रांसपोर्ट नगर, मालपुरा गेट, प्रताप नगर, बजाज नगर, मालवीय नगर, गांधी नगर, सांगानेर, रामनगरिया, सदर, करधनी, करणी विहार, मुरलीपुरा, सिंधी कैंप, झोटवाड़ा, मुहाना, महेश नगर, शिप्रा पथ और सोडाला थाना इलाके के चिन्हित एरिया में कर्फ्यू लागू किया गया है.
बता दें कि कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में ड्रोन कैमरा से भी निगरानी रखी जा रही है. ड्रोन कैमरे की रिकॉर्डिंग के माध्यम से लॉकडाउन और धारा 144 का उल्लंघन करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
कोरोना के संबंध में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर भी पुलिस की सख्त निगरानी है. साइबर पेट्रोलिंग के तहत चिन्हित असामाजिक तत्वों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी.