जयपुर. राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक के बीच माकपा विधायक गिरधारी लाल मैया ने कहा कि मुझसे किसी ने संपर्क नहीं किया और ना किसी ने फोन किया. दरअसल, लंबे समय से इस राजनीतिक हलचल से दूर चल रहे माकपा विधायक गिरधारी लाल मैया सोमवार को मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने सभी सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर विराम लगाया और साफ कर दिया कि वो ना किसी पायलट कैंप में थे और ना ही गहलोत ही कैंप में.
माकपा विधायक गिरधारी लाल मैया ने कहा कि लोगों ने जो मान सम्मान दिया है. वह उसके आगे कार्य कर रहे है. उनकी सेवा करना ही उनकी प्राथमिकता है. विधायक गिरधारी लाल ने साफ कहा कि उनसे ना किसी व्यक्ति से संपर्क किया और ना ही किसी व्यक्ति ने उनको किस तरह का प्रलोभन देने की कोशिश की है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि भारत में ऐसी कोई करेंसी नहीं बनी जो माकपा विधायकों को खरीद सके.
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उन्होंने कहा कि जब राज्यसभा चुनाव हुए उस समय भी 10 दिन से अधिक सरकार होटल में बंद हो गई और जब अभी कुर्सी की रस्साकशी चल रही है तो फिर वह होटलों में जाकर बैठ गई. जबकि आम जनता इस समय परेशान हो रही है. जनता से जो वादे करके सरकार बनाई गई थी, वह अपने वादों को भूल गए हैं. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने लोगों को अपनी जद में ले रखा है. किसानों के सामने टिड्डियां विकराल समस्या के रूप में सामने. लेकिन सरकार को आम जनता की चिंता नहीं है, बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता है.
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बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ विधायक ने कहा कि वह तो अपने क्षेत्र में अपने लोगों के बीच में थे. उन्होंने कहा कि माकपा जो भी अपना निर्णय लेगी वह पार्टी स्तर पर होगा. कोई भी विधायक पार्टी से अलग लाइन पर नहीं जाएगा. उन्होंने अपने साथी माकपा विधायक बनवारी लाल पूनिया को लेकर कहा कि वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करने जरूर गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पार्टी लाइन से हटकर कोई निर्णय लेंगे. वह भी पार्टी के निर्देशों की पालना करेंगे.
उन्होंने कहा कि कोई भी घर का व्यक्ति गलत दिशा में चला जाता है तो उसके वापस सही दिशा में लाने की जिम्मेदारी भी परिवार के लोगों की होती है. हम उन्हें सही दिशा में लाने के लिए कोशिश करेंगे. उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव अमराराम ने कहा कि इस समय कांग्रेस और बीजेपी को आम जनता की कोई चिंता नहीं है. सरकार जनता के कामकाज को लेकर बनती है. लेकिन उनके काम करने को लेकर कोई चिंता नहीं है. हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में भी हमने आम जनता के लिए जो कामकाज नहीं हो रहे, उसकी नाराजगी जताते हुए वोटिंग से अपने आप को दूर किया था. इसके साथ ही आगे भी जब फ्लोर टेस्ट की बारी आएगी तब निर्णय करेगी क्या करना है.