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बुक विमोचन कार्यक्रम में जोशी ने राज्यपाल के दायित्व गिनाए, संघ के लिए भी कही ये बात...राज्यपाल मिश्र ने भी दिया जबवाब

राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी पर आधारित कॉफी टेबल बुक 'कलराज मिश्र निमित्त मात्र हूं मैं' के विमोचन के दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने अपने संबोधन में राज्यपाल के बारे में संवैधानिक व्यवस्था क्या है, इसका जिक्र किया. जोशी ने कहा कि कलराज मिश्र का व्यक्तित्व, कृतित्व ऐसा है कि उन्होंने इस भूमिका का निर्वहन किया, जिसके लिए वो साधुवाद के पात्र हैं.

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Published : Jul 1, 2021, 9:49 PM IST

राज्यपाल कलराज मिश्र के बुक का विमोचन, Rajasthan News
राज्यपाल कलराज मिश्र के बुक का विमोचन

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी पर आधारित कॉफी टेबल बुक 'कलराज मिश्र निमित्त मात्र हूं मैं' के विमोचन कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने संविधान की भी बात की तो राज्यपाल के दायित्व और अधिकार भी गिनाए. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी बखूबी जिक्र हुआ.

इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने अपने संबोधन में राज्यपाल के बारे में संवैधानिक व्यवस्था क्या है, इसका जिक्र किया. साथ ही जोशी ने संविधान के आर्टिकल 153 और 159 का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजमेंट के बारे में भी बताया. जोशी ने कहा कि कलराज मिश्र का व्यक्तित्व, कृतित्व ऐसा है कि उन्होंने इस भूमिका का निर्वहन किया, जिसके लिए वो साधुवाद के पात्र हैं.

राज्यपाल कलराज मिश्र के बुक का विमोचन

आजादी की लड़ाई में जिन लोगों ने भाग नहीं लिया, उस विचारधारा के लोग आज संवैधानिक प्रमुख पदों पर हैंः जोशी

जोशी ने अपने संबोधन में कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई और देश को आजादी 1947 में मिली. जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग लिया उनके मन में कल्पना थी कि देश को आजाद होने के बाद हम देश का निर्माण किस तरीके से करेंगे और संविधान में इन सब चीजों का समावेश भी किया गया. वहीं, दूसरी तरफ 1925 में जिस संगठन से जुड़े विचारधारा के लोगों ने देश की कल्पना करने का काम किया, आज उन्हें सत्ता में आने का अवसर मिला है.

यह भी पढ़ेंः पूनिया पर रोहिताश अटैकः उगते सूरज को सब सलाम करते हैं, उन्हें नहीं पता कि छिपा सूरज 12 घंटे बाद नई ताकत के साथ आता है

जोशी ने कहा कि आज संवैधानिक प्रमुख उसी विचारधारा से जुड़े लोग हैं, फिर चाहे प्रधानमंत्री हों, राष्ट्रपति हों या फिर राज्यपाल, आज उन्हें हमारे देश में संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप देश को मजबूत करने का काम करना है. जोशी ने कहा कि जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया वह लोग आज सत्ता में है और संवैधानिक प्रमुख पदों पर आसीन हैं. ऐसे में संविधान की व्यवस्था बनाए रखना और लोकतंत्र को मजबूत करना एक बड़ी चुनौती पूर्ण काम होगा. हालांकि, जोशी ने इस दौरान उम्मीद जताई की राज्यपाल कलराज मिश्र का जिस प्रकार से व्यक्तित्व है और जिस तरह राजस्थान में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के सामंजस्य देखने को मिलता है वह देश में अपना बड़ा उदाहरण है.

राज्यपाल स्टेट गवर्नमेंट का काउंसलर हैः मिश्र

वहीं, राज्यपाल कलराज मिश्रा ने अपने संबोधन में जोशी से कहा कि राज्यपाल का पद निश्चित तौर पर से संवैधानिक पद है और मैंने इमानदारी से इसका निर्वाह किया है. मिश्र ने कहा कि जैसा मैंने समझा, उसके अनुसार राज्यपाल सही मायने में राज्य सरकार के काउंसलर की भूमिका में होता है, जो प्रदेश सरकार को समय-समय पर क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए उसकी सलाह देकर प्रदेश के विकास के लिए प्रेरित करता है.

यह भी पढ़ेंः सीएम गहलोत के 3 महीने बाद घर से बाहर निकलने पर BJP का कटाक्ष, कहा- क्वॉरेंटाइन खत्म, अब तो कर दो मंत्रिमंडल विस्तार

मिश्र ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि राज्यपाल केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पुल का काम करता है तो कुछ लोग राज्यपाल के लिए अलग बात कहते हैं, लेकिन राज्यपाल के नाते संविधान में जो व्यवस्था है उसका पूरी तरह निर्गुण का कार्य कर रहा हूं. कलराज मिश्र ने कहा पिछले दिनों भले ही मुख्यमंत्री और हमारे संबंधों के बीच में कुछ खटास आ गई हो, लेकिन हमने लगातार संवाद कायम रखा और संवाद और समन्वय के जरिए उस समस्या का समाधान भी किया.

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी राज्यपाल कलराज मिश्र के कार्य की सराहना की. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी अपने संबोधन में राज्यपाल के कामकाज के लिए कलराज मिश्र की सराहना की. कार्यक्रम में अतिथियों ने कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी पर आधारित कॉफी टेबल बुक 'कलराज मिश्र निमित्त मात्र हूं मैं' के विमोचन कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने संविधान की भी बात की तो राज्यपाल के दायित्व और अधिकार भी गिनाए. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी बखूबी जिक्र हुआ.

इस दौरान स्पीकर सीपी जोशी ने अपने संबोधन में राज्यपाल के बारे में संवैधानिक व्यवस्था क्या है, इसका जिक्र किया. साथ ही जोशी ने संविधान के आर्टिकल 153 और 159 का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजमेंट के बारे में भी बताया. जोशी ने कहा कि कलराज मिश्र का व्यक्तित्व, कृतित्व ऐसा है कि उन्होंने इस भूमिका का निर्वहन किया, जिसके लिए वो साधुवाद के पात्र हैं.

राज्यपाल कलराज मिश्र के बुक का विमोचन

आजादी की लड़ाई में जिन लोगों ने भाग नहीं लिया, उस विचारधारा के लोग आज संवैधानिक प्रमुख पदों पर हैंः जोशी

जोशी ने अपने संबोधन में कहा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में हुई और देश को आजादी 1947 में मिली. जिन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग लिया उनके मन में कल्पना थी कि देश को आजाद होने के बाद हम देश का निर्माण किस तरीके से करेंगे और संविधान में इन सब चीजों का समावेश भी किया गया. वहीं, दूसरी तरफ 1925 में जिस संगठन से जुड़े विचारधारा के लोगों ने देश की कल्पना करने का काम किया, आज उन्हें सत्ता में आने का अवसर मिला है.

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जोशी ने कहा कि आज संवैधानिक प्रमुख उसी विचारधारा से जुड़े लोग हैं, फिर चाहे प्रधानमंत्री हों, राष्ट्रपति हों या फिर राज्यपाल, आज उन्हें हमारे देश में संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप देश को मजबूत करने का काम करना है. जोशी ने कहा कि जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया वह लोग आज सत्ता में है और संवैधानिक प्रमुख पदों पर आसीन हैं. ऐसे में संविधान की व्यवस्था बनाए रखना और लोकतंत्र को मजबूत करना एक बड़ी चुनौती पूर्ण काम होगा. हालांकि, जोशी ने इस दौरान उम्मीद जताई की राज्यपाल कलराज मिश्र का जिस प्रकार से व्यक्तित्व है और जिस तरह राजस्थान में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के सामंजस्य देखने को मिलता है वह देश में अपना बड़ा उदाहरण है.

राज्यपाल स्टेट गवर्नमेंट का काउंसलर हैः मिश्र

वहीं, राज्यपाल कलराज मिश्रा ने अपने संबोधन में जोशी से कहा कि राज्यपाल का पद निश्चित तौर पर से संवैधानिक पद है और मैंने इमानदारी से इसका निर्वाह किया है. मिश्र ने कहा कि जैसा मैंने समझा, उसके अनुसार राज्यपाल सही मायने में राज्य सरकार के काउंसलर की भूमिका में होता है, जो प्रदेश सरकार को समय-समय पर क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए उसकी सलाह देकर प्रदेश के विकास के लिए प्रेरित करता है.

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मिश्र ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि राज्यपाल केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पुल का काम करता है तो कुछ लोग राज्यपाल के लिए अलग बात कहते हैं, लेकिन राज्यपाल के नाते संविधान में जो व्यवस्था है उसका पूरी तरह निर्गुण का कार्य कर रहा हूं. कलराज मिश्र ने कहा पिछले दिनों भले ही मुख्यमंत्री और हमारे संबंधों के बीच में कुछ खटास आ गई हो, लेकिन हमने लगातार संवाद कायम रखा और संवाद और समन्वय के जरिए उस समस्या का समाधान भी किया.

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी राज्यपाल कलराज मिश्र के कार्य की सराहना की. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी अपने संबोधन में राज्यपाल के कामकाज के लिए कलराज मिश्र की सराहना की. कार्यक्रम में अतिथियों ने कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया.

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