जयपुर. प्रदेश में कोरोना काल में नियुक्त किए गए करीब 28 हजार हेल्थ असिस्टेंट (covid health advisors on strike after relieved from duty in jaipur) को पद मुक्त करने के मामले में सियासत तेज हो गई है. बेरोजगार सीएचए जयपुर के शहीद स्मारक में धरने पर बैठे हैं, लेकिन यहां किसी भी सरकारी नुमाइंदे ने उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया. हालांकि पूर्व चिकित्सा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने रविवार को धरना स्थल पहुंचकर इनका समर्थन किया और सरकार पर जुबानी हमला भी बोला.
शहीद स्मारक पहुंचकर राजेंद्र राठौड़ ने धरने पर बैठे कोरोना हेल्थ सहायकों को संबोधित किया और (Rajendra Rathod targeted cm gehlot) कहा कि भारतीय जनता पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ तो बजट में बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा करते हैं और दूसरी ओर राजस्थान के स्वास्थ्य कर्मचारियों की नौकरी छीन रहे हैं. ये वो स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना सेवाएं दींं. राठौड़ ने सरकार से इन स्वास्थ्य कर्मियों को वापस अन्य जगह समायोजित कर नियमित करने की मांग की है.
31 मार्च को किया पद मुक्त: कोरोना काल में कोरोना हेल्थ असिस्टेंट पद पर जिन (28 thousand covid Health Advisor relieved in rajasthan) स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवाएं दी थी, सरकार ने 31 मार्च को एक आदेश निकाल कर उन्हें पद मुक्त कर दिया था. राजस्थान में इस पद पर करीब 28, 000 स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए गए थे. जो अब जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं.