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कोरोना संक्रमित सामान्य मरीजों को अस्पतालों में मिलेगी डे-केयर सुविधा : चिकित्सा विभाग

राजस्थान में बीते कुछ समय से कोविड-19 संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पतालों में आईसीयू और सामान्य बेड की कमी थी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. आदेश में कहा कि ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल ठीक है और एचआरसीटी रिपोर्ट 15 या उससे कम है ऐसे मरीजों को निजी और सरकारी अस्पतालों में डे-केयर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

Medical department news,  Jaipur Kovid -19 news
कोविड-19 संक्रमित सामान्य मरीजों को अस्पतालों में मिलेगी डे-केयर सुविधा
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Published : Nov 29, 2020, 8:12 PM IST

जयपुर. बीते कुछ समय से प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पतालों में आईसीयू और सामान्य बेड की कमी थी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. आदेश में कहा गया कि ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल ठीक है और एचआरसीटी रिपोर्ट 15 या उससे कम है ऐसे मरीजों को निजी और सरकारी अस्पतालों में डे-केयर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

मामले को लेकर चिकित्सा विभाग का कहना है कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. वही सर्दियों के मौसम, चुनाव और त्यौहारी सीजन, शादी समारोह को देखते हुए कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने की आंशका बढ़ गया है. विशेषज्ञों से चर्चा के उपरान्त यह तथ्य उभर कर सामने आया है कि वर्तमान में कोविड-19 संक्रमित मरीजों में से लो रिस्क वाले मरीजों की संख्या अधिक है. जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है.

पढ़ें- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने BDK अस्पताल का किया निरीक्षण...अफसरों से योजनाओं की प्रगति भी जानी

ऐसे मरीजों को आवश्यक दवाइयां देने के लिए ही अस्पताल में भर्ती रखा जा रहा है. जिससे मरीजों एवं उनके परिजनों में कोविड-19 से मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है. ऐसे मरीजों को अस्पताल के जगह डे-केयर की तर्ज पर ऑब्जरवेशन में रखते हुए आवश्यक दवाईयां दे कर घर भेजा जा सकता है. इससे मरीज और उनके परिजनों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकेगी तथा मरीज भी घरेलू सकारात्मक वातावरण में रहते हुए शीघ्र स्वस्थ्य हो सकेंगे. डे-केयर को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से कुछ निर्देश भी जारी किए गए हैं.

चिकित्सा विभाग की ओर से जारी निर्देश...

मरीजों और उनके परिजनों के मानसिक तनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसे मरीज जिनका सिटी स्कोर 15/25 से कम और किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं है. ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रखते हुए कोविड चिकित्सालय में ओपीडी/डे-केयर में उपचार किया जाए. इसके अलावा मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन भी सामान्य होना जरूरी है.

  • मरीज के पल्सरेट, रक्तचाप, श्वसनदर एवं ऑक्सीजन सेचुरेशन निर्धारित सामान्य सीमा में हो.
  • मरीज को कोई मेजर रिस्क न हो.
  • मरीज या उसके परिजन उसके स्वास्थ्य को सक्रिय रूप से मानीटर करने में समर्थ हो एवं डे-केयर में ईलाज करने हेतु अपनी सहमति प्रदान करें.
  • मरीज को डे-केयर से होम आइसोलेशन में भेजते समय होम आइसोलेशन में अपनाई जाने वाली समस्त सावधानियां की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए तथा डे-केयर में उपचार हेतु घर से अस्पताल एवं अस्पताल से घर की गई यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित की जाए.
  • होम आइसोलेशन के दौरान मरीज को किसी भी प्रकार की असुविधा या नये लक्षण दिखने पर (यथा बुखार, श्वास लेने में परेशानी, छाती में दर्द आदि) उसे तत्काल चिकित्सा संस्थान में भर्ती होने की सलाह दी जाए.

जयपुर. बीते कुछ समय से प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पतालों में आईसीयू और सामान्य बेड की कमी थी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया है. आदेश में कहा गया कि ऐसे मरीज जिनका ऑक्सीजन लेवल ठीक है और एचआरसीटी रिपोर्ट 15 या उससे कम है ऐसे मरीजों को निजी और सरकारी अस्पतालों में डे-केयर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

मामले को लेकर चिकित्सा विभाग का कहना है कि पिछले कुछ समय से प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. वही सर्दियों के मौसम, चुनाव और त्यौहारी सीजन, शादी समारोह को देखते हुए कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने की आंशका बढ़ गया है. विशेषज्ञों से चर्चा के उपरान्त यह तथ्य उभर कर सामने आया है कि वर्तमान में कोविड-19 संक्रमित मरीजों में से लो रिस्क वाले मरीजों की संख्या अधिक है. जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं है.

पढ़ें- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने BDK अस्पताल का किया निरीक्षण...अफसरों से योजनाओं की प्रगति भी जानी

ऐसे मरीजों को आवश्यक दवाइयां देने के लिए ही अस्पताल में भर्ती रखा जा रहा है. जिससे मरीजों एवं उनके परिजनों में कोविड-19 से मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है. ऐसे मरीजों को अस्पताल के जगह डे-केयर की तर्ज पर ऑब्जरवेशन में रखते हुए आवश्यक दवाईयां दे कर घर भेजा जा सकता है. इससे मरीज और उनके परिजनों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकेगी तथा मरीज भी घरेलू सकारात्मक वातावरण में रहते हुए शीघ्र स्वस्थ्य हो सकेंगे. डे-केयर को लेकर चिकित्सा विभाग की ओर से कुछ निर्देश भी जारी किए गए हैं.

चिकित्सा विभाग की ओर से जारी निर्देश...

मरीजों और उनके परिजनों के मानसिक तनाव को ध्यान में रखते हुए ऐसे मरीज जिनका सिटी स्कोर 15/25 से कम और किसी अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त नहीं है. ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रखते हुए कोविड चिकित्सालय में ओपीडी/डे-केयर में उपचार किया जाए. इसके अलावा मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन भी सामान्य होना जरूरी है.

  • मरीज के पल्सरेट, रक्तचाप, श्वसनदर एवं ऑक्सीजन सेचुरेशन निर्धारित सामान्य सीमा में हो.
  • मरीज को कोई मेजर रिस्क न हो.
  • मरीज या उसके परिजन उसके स्वास्थ्य को सक्रिय रूप से मानीटर करने में समर्थ हो एवं डे-केयर में ईलाज करने हेतु अपनी सहमति प्रदान करें.
  • मरीज को डे-केयर से होम आइसोलेशन में भेजते समय होम आइसोलेशन में अपनाई जाने वाली समस्त सावधानियां की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए तथा डे-केयर में उपचार हेतु घर से अस्पताल एवं अस्पताल से घर की गई यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित की जाए.
  • होम आइसोलेशन के दौरान मरीज को किसी भी प्रकार की असुविधा या नये लक्षण दिखने पर (यथा बुखार, श्वास लेने में परेशानी, छाती में दर्द आदि) उसे तत्काल चिकित्सा संस्थान में भर्ती होने की सलाह दी जाए.
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