जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों को 15 जून से खोलने का निर्णय लिया गया है. हालांकि पूर्व व्यवस्था के तहत इनमें 28 जून तक सिर्फ अति आवश्यक मामलों की सुनवाई ही होगी. वहीं दूसरी ओर राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ ने इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बताते हुए हाईकोर्ट प्रशासन को पत्र भेजा है. जिसमें कहा गया है कि पूर्व की तरह न्यूनतम अदालतों में न्यूनतम स्टाफ के साथ ही अदालत खुलनी चाहिए.
कर्मचारी संघ की ओर से रजिस्ट्रार जनरल को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि, वर्तमान में कोरोना का संक्रमण कम होने के बजाय बढ़ गया है. साथ ही संक्रमण के कारण लोगों की मौतों की संख्या भी बढ़ रही है. वहीं दूसरे राज्यों में अदालतें खोलने के बाद वहां का स्टाफ और वकील संक्रमित हुए हैं. इससे पूर्व यहां भी जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए अदालतें खोलने के दौरान हाईकोर्ट के रीडर और निचली अदालत के लिपिक को कोरोना संक्रमण हो गया था.
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साथ ही पत्र में कहा गया कि, लॉकडाउन में पुलिस ने भारी संख्या में वाहन जब्त किए हैं. इन्हें रिलीज कराने के लिए अदालतों में भीड़ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में पूर्व की तरह कम से कम अदालतें खोल कर उनमें कम से कम स्टाफ को बुलाया जाए.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट प्रशासन ने गत दिनों निर्णय लेकर 15 जून से अदालत खोलने का निर्णय लिया है. इनमें 15 जून से 28 जून तक केवल अति आवश्यक मामलों की सुनवाई की जाएगी. वहीं 29 जून से हाईकोर्ट सहित सभी निचली अदालतें नियमित तौर पर पुनः कामकाज शुरू करेंगी.