जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भूमि अवाप्ति के मुआवजे के भुगतान के संबंध में निचली अदालत के गत 4 अप्रैल के उस आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है, जिसके तहत अदालत ने सवाईमाधोपुर कृषि उपज मंडी की भूमि कुर्क करने के आदेश दिए (Court stays order of land attachment) थे. इसके साथ ही अदालत ने निजी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस अशोक कुमार गौड की एकलपीठ ने यह आदेश कृषि उपज मंडी की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता यश शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने कुछ लोगों की भूमि अवाप्ति की थी. मुआवजा राशि बढ़ाने को लेकर प्रभावितों ने निचली अदालत में याचिका दायर की. जिस पर सुनवाई करते हुए वर्ष 2015 में अदालत ने मुआवजा राशि बढ़ाकर भुगतान करने को कहा. इस आदेश की पालना कराने के लिए प्रभावितों ने निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया. जिसकी सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने गत 4 अप्रैल को आदेश दिए कि प्रार्थियों को मुआवजा राशि दी जाए, वरना कृषि उपज मंडी की जमीन को कुर्क किया जाएगा.
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इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता ने जमीन अवाप्त की थी, लेकिन प्रभावितों ने निचली अदालत के समक्ष किसी भी कार्रवाई में याचिकाकर्ता को पक्षकार नहीं बनाया. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित निजी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.