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सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों की सेवा समाप्ति वाली याचिका खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि सरकार अधिकतम 3 साल के लिए यह नियुक्ति करती है, लेकिन एक साल बाद सेवाकाल बढ़ाना राज्य सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है.

राजस्थान HC ने सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की सेवा समाप्ति वाली याचिका को खारिज किया
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Published : Apr 23, 2019, 9:13 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि सरकार अधिकतम 3 साल के लिए यह नियुक्ति करती है, लेकिन एक साल बाद सेवाकाल बढ़ाना राज्य सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है. न्यायाधीश आलोक शर्मा और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश डॉक्टर चित्रा पांडे की अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

याचिकाओं में कहा गया था कि सीनियर रेजिडेंट के पद पर 3 साल तक काम लिया जा सकता है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को हटाना गलत है. वहीं विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि 1 साल की सेवा के बाद अवधि बढ़ाना सरकार के विवेक पर निर्भर है. संबंधित चिकित्सक अधिकार के तौर पर इसका दावा नहीं कर सकता है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ में याचिका को खारिज कर दिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि सरकार अधिकतम 3 साल के लिए यह नियुक्ति करती है, लेकिन एक साल बाद सेवाकाल बढ़ाना राज्य सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है. न्यायाधीश आलोक शर्मा और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश डॉक्टर चित्रा पांडे की अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए.

याचिकाओं में कहा गया था कि सीनियर रेजिडेंट के पद पर 3 साल तक काम लिया जा सकता है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को हटाना गलत है. वहीं विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि 1 साल की सेवा के बाद अवधि बढ़ाना सरकार के विवेक पर निर्भर है. संबंधित चिकित्सक अधिकार के तौर पर इसका दावा नहीं कर सकता है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ में याचिका को खारिज कर दिया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सीनियर रेजीडेंट चिकित्सकों की सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि सरकार अधिकतम 3 साल के लिए यह नियुक्ति करती है, लेकिन एक साल बाद सेवाकाल बढ़ाना राज्य सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है। न्यायाधीश आलोक शर्मा और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश डॉक्टर चित्रा पांडे व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए दिए।


Body:याचिकाओं में कहा गया कि सीनियर रेजिडेंट के पद पर 3 साल तक काम लिया जा सकता है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं को हटाना गलत है। वहीं विभाग की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि 1 साल की सेवा के बाद अवधि बढ़ाना सरकार के विवेक पर निर्भर है। संबंधित चिकित्सक अधिकार के तौर पर इसका दावा नहीं कर सकता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ में याचिका को खारिज कर दिया है।


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