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निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में आरोप मुक्त हुई मेयर सौम्या गुर्जर से कोर्ट ने मांगा जवाब

तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव और राज्य सरकार की रिवीजन याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम- 4 महानगर प्रथम ने मेयर सौम्या गुर्जर को नोटिस जारी कर 20 अप्रैल को जवाब तलब किया (Court on revision petition against Soumya Gurjar) है. अन्य आरोपी चार पार्षदों पर आरोप तय करने के खिलाफ दायर निगरानी याचिकाओं पर सुनवाई 7 मई को रखी है.

Court on revision petition against Soumya Gurjar
मेयर सौम्या गुर्जर से कोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Apr 18, 2022, 4:44 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त के साथ मारपीट, राजकार्य में बाधा को लेकर आपराधिक षड्यंत्र के मामले में आरोप मुक्त की गई मेयर सौम्या गुर्जर को नोटिस जारी कर 20 अप्रैल को जवाब तलब किया (Court on revision petition against Soumya Gurjar) है. अदालत ने यह आदेश परिवादी तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव और राज्य सरकार की रिवीजन याचिका पर दिए. वहीं अदालत ने मामले में आरोपी चार पार्षदों अजय सिंह, शंकरलाल, रामकिशोर और पारस कुमार जैन पर आरोप तय करने के खिलाफ दायर आरोपियों की चारों निगरानी याचिकाओं पर सुनवाई 7 मई को रखी है.

रिवीजन याचिका में यज्ञमित्र सिंह ने कहा कि 4 जून, 2021 को कोई मीटिंग निर्धारित नहीं थी. इसके अलावा आरोपी पार्षद किसी ऐसी कमेटी के सदस्य भी नहीं थे, जिसका संबंध सफाई व्यवस्था से हो. इसके बावजूद सौम्या गुर्जर की ओर से बार-बार व्यक्ति भेजकर तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह को अपने कक्ष में बुलाया गया. जहां आरोपी पार्षद पहले से मौजूद थे. जिससे उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित होता है. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इसके विपरीत सौम्या को आपराधिक षड्यंत्र के आरोप मुक्त कर दिया. तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता हुई थी. ऐसे में मेयर सौम्या को आरोप मुक्त करने का फैसला गलत है. वहीं पार्षदों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. ऐसे में अदालत की ओर से लगाए गए आरोपों को रद्द किया जाए.

पढ़ें: मेयर सौम्या गुर्जर के खिलाफ रिवीजन याचिका, 18 अप्रैल को होगी सुनवाई

गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन यज्ञमित्र देव सिंह ने ज्योति नगर पुलिस थाने में गत वर्ष 4 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की थी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांचों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते हुए आरोपी पार्षदों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए थे. कोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार, परिवादी यज्ञ मित्र सिंह और आरोपी पार्षदों ने रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी है.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त के साथ मारपीट, राजकार्य में बाधा को लेकर आपराधिक षड्यंत्र के मामले में आरोप मुक्त की गई मेयर सौम्या गुर्जर को नोटिस जारी कर 20 अप्रैल को जवाब तलब किया (Court on revision petition against Soumya Gurjar) है. अदालत ने यह आदेश परिवादी तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव और राज्य सरकार की रिवीजन याचिका पर दिए. वहीं अदालत ने मामले में आरोपी चार पार्षदों अजय सिंह, शंकरलाल, रामकिशोर और पारस कुमार जैन पर आरोप तय करने के खिलाफ दायर आरोपियों की चारों निगरानी याचिकाओं पर सुनवाई 7 मई को रखी है.

रिवीजन याचिका में यज्ञमित्र सिंह ने कहा कि 4 जून, 2021 को कोई मीटिंग निर्धारित नहीं थी. इसके अलावा आरोपी पार्षद किसी ऐसी कमेटी के सदस्य भी नहीं थे, जिसका संबंध सफाई व्यवस्था से हो. इसके बावजूद सौम्या गुर्जर की ओर से बार-बार व्यक्ति भेजकर तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह को अपने कक्ष में बुलाया गया. जहां आरोपी पार्षद पहले से मौजूद थे. जिससे उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित होता है. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इसके विपरीत सौम्या को आपराधिक षड्यंत्र के आरोप मुक्त कर दिया. तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता हुई थी. ऐसे में मेयर सौम्या को आरोप मुक्त करने का फैसला गलत है. वहीं पार्षदों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. ऐसे में अदालत की ओर से लगाए गए आरोपों को रद्द किया जाए.

पढ़ें: मेयर सौम्या गुर्जर के खिलाफ रिवीजन याचिका, 18 अप्रैल को होगी सुनवाई

गौरतलब है कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन यज्ञमित्र देव सिंह ने ज्योति नगर पुलिस थाने में गत वर्ष 4 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की थी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांचों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते हुए आरोपी पार्षदों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए थे. कोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार, परिवादी यज्ञ मित्र सिंह और आरोपी पार्षदों ने रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी है.

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