जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरियों के लिए हो रही मौजूदा भर्तियों में राज्य सरकार की 23 सितंबर, 2022 की अधिसूचना के आधार पर आयु सीमा में छूट दिलवाने से इनकार कर दिया (Court denies relaxation in age for new recruitment) है.
अदालत ने कहा कि हजारों पदों के लिए पहले ही विज्ञप्ति जारी हो चुकी है और उनकी भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों में चल रही है. ये भर्तियां नियमों में संशोधन से पहले शुरू हुई हैं और अभ्यर्थियों की पात्रता भी उस समय के नियमों से तय हुई थी. इसके अलावा अधिसूचना को भूतलक्षी प्रभाव से पहले की भर्तियों में लागू नहीं किया जा सकता. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश स्कूल व्याख्याता भर्ती में आयु सीमा में छूट दिलवाने संबंधी राकेश गढवाल की याचिका में दायर स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए दिए.
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि राज्य सरकार ने 23 सितंबर, 2022 की अधिसूचना के जरिए 31 दिसंबर, 2020 तक आयु सीमा में रहने वाले अभ्यर्थियों को 31 दिसंबर, 2024 तक आयु सीमा में माना है, लेकिन अधिसूचना के इस प्रावधान को भविष्य की भर्तियों में ही लागू माना है. याचिकाओं में कहा कि आयु सीमा में छूट के लिए किए गए इस संशोधन को मौजूदा भर्तियों से ही लागू किया जाए. पूर्व में भी एमबीसी व ईडब्ल्यूएस के आरक्षण को उस समय की मौजूदा भर्तियों में लागू किया था. इसके अलावा अधीनस्थ कर्मचारी बोर्ड ने इस प्रावधान को मौजूदा भर्ती में लागू किया है.
इसका विरोध करते हुए महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और आरपीएससी के वकील एमएफ बेग ने कहा कि अधिसूचना का लाभ भूतलक्षी प्रभाव से पहले की भर्तियों में नहीं दिया जा सकता. करीब आधा दर्जन से अधिक भर्तियां कई चरणों में चल रही हैं. इन भर्तियों के लिए लाखों आवेदन आए हैं. ऐसे में अधिसूचना के आयु सीमा में किए गए छूट के प्रावधान को मौजूदा भर्तियों में नहीं दिया जा सकता. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.