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Somya Gurjar case : निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने का आदेश निरस्त - Court cancels order of Somya Gurjar charge free

तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह से अभद्रता मामले में निचली अदालत के मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने के आदेश को अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने निरस्त कर दिया (Court cancels order of Somya Gurjar charge free) है. कोर्ट ने ये आदेश यज्ञमित्र सिंह और राज्य सरकार की ओर से दायर रिवीजन याचिकाओं को स्वीकार कर दिए. वहीं, आरोपी चार पार्षदों की रिवीजन याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है.

Court cancels order of Somya Gurjar charge free in indecency with greater corporation commissioner case
निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने का आदेश निरस्त
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Published : Jun 30, 2022, 5:39 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह के साथ मारपीट और राजकार्य में बाधा के लिए आपराधिक षडयंत्र करने के मामले में मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया (Court cancels order of Somya Gurjar charge free) है. अदालत ने यह आदेश राज्य सरकार और यज्ञमित्र सिंह की रिवीजन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए. वहीं अदालत ने मामले में आरोपी चारों पार्षदों अजय सिंह, शंकरलाल, रामकिशोर और पारस कुमार जैन की रिवीजन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है.

रिवीजन याचिका में यज्ञमित्र सिंह ने कहा कि 4 जून, 2021 को कोई मीटिंग निर्धारित नहीं थी. इसके अलावा आरोपी पार्षद किसी ऐसी कमेटी के सदस्य भी नहीं थे, जिसका संबंध सफाई व्यवस्था से हो. इसके बावजूद सौम्या गुर्जर की ओर से बार-बार व्यक्ति भेजकर तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह को अपने कक्ष में बुलाया गया. जहां आरोपी पार्षद पहले से मौजूद थे. जिससे उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित होता है. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इसके विपरीत सौम्या को आपराधिक षड्यंत्र के आरोप से मुक्त कर दिया.

पढ़ें: ग्रेटर निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में महापौर सौम्या गुर्जर आरोप मुक्त, बोलीं- सत्य की हुई जीत

तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता हुई थी. ऐसे में मेयर सौम्या को आरोप मुक्त करने का फैसला गलत है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस ने सौम्या गुर्जर के खिलाफ अपराध प्रमाणित मानकर आरोप पत्र पेश किया था, लेकिन निचली अदालत ने सौम्या को गलत तरीके से आरोप मुक्त कर दिया. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को निरस्त किया जाए. वहीं पार्षदों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.

पढ़ें: SC Verdict On Soumya Gurjar : सौम्या गुर्जर की वापसी के रास्ते खुले, BJP कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न, सौम्या पहुंची कैला देवी के दर

ऐसे में अदालत की ओर से लगाए गए आरोपों को रद्द किया जाए. वहीं सौम्या गुर्जर की ओर से कहा गया कि महापौर को आयुक्त को बैठक में बुलाने का अधिकार है. वहीं प्रोटोकॉल के तहत आयुक्त के गनमैन को कक्ष के बाहर ही रहना पड़ता है. इसके अलावा एफआईआर में भी उसका नाम नहीं है. इसलिए निचली अदालत ने विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए ही आरोप मुक्त किया है. इसलिए राज्य सरकार व यज्ञमित्र सिंह की रिवीजन याचिकाओं को खारिज किया जाए.

पढ़ें: ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर की मुश्किलें फिर बढ़ी, इस बार ये है मामला...

बता दें कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह ने ज्योति नगर पुलिस थाने में गत वर्ष 4 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की थी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांचों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते हुए आरोपी पार्षदों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए थे. कोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार, परिवादी यज्ञ मित्र सिंह और आरोपी पार्षदों ने रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी थी.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 महानगर प्रथम ने ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह के साथ मारपीट और राजकार्य में बाधा के लिए आपराधिक षडयंत्र करने के मामले में मेयर सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया (Court cancels order of Somya Gurjar charge free) है. अदालत ने यह आदेश राज्य सरकार और यज्ञमित्र सिंह की रिवीजन याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए. वहीं अदालत ने मामले में आरोपी चारों पार्षदों अजय सिंह, शंकरलाल, रामकिशोर और पारस कुमार जैन की रिवीजन याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है.

रिवीजन याचिका में यज्ञमित्र सिंह ने कहा कि 4 जून, 2021 को कोई मीटिंग निर्धारित नहीं थी. इसके अलावा आरोपी पार्षद किसी ऐसी कमेटी के सदस्य भी नहीं थे, जिसका संबंध सफाई व्यवस्था से हो. इसके बावजूद सौम्या गुर्जर की ओर से बार-बार व्यक्ति भेजकर तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह को अपने कक्ष में बुलाया गया. जहां आरोपी पार्षद पहले से मौजूद थे. जिससे उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित होता है. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इसके विपरीत सौम्या को आपराधिक षड्यंत्र के आरोप से मुक्त कर दिया.

पढ़ें: ग्रेटर निगम आयुक्त से अभद्रता के मामले में महापौर सौम्या गुर्जर आरोप मुक्त, बोलीं- सत्य की हुई जीत

तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता हुई थी. ऐसे में मेयर सौम्या को आरोप मुक्त करने का फैसला गलत है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस ने सौम्या गुर्जर के खिलाफ अपराध प्रमाणित मानकर आरोप पत्र पेश किया था, लेकिन निचली अदालत ने सौम्या को गलत तरीके से आरोप मुक्त कर दिया. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को निरस्त किया जाए. वहीं पार्षदों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है.

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ऐसे में अदालत की ओर से लगाए गए आरोपों को रद्द किया जाए. वहीं सौम्या गुर्जर की ओर से कहा गया कि महापौर को आयुक्त को बैठक में बुलाने का अधिकार है. वहीं प्रोटोकॉल के तहत आयुक्त के गनमैन को कक्ष के बाहर ही रहना पड़ता है. इसके अलावा एफआईआर में भी उसका नाम नहीं है. इसलिए निचली अदालत ने विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए ही आरोप मुक्त किया है. इसलिए राज्य सरकार व यज्ञमित्र सिंह की रिवीजन याचिकाओं को खारिज किया जाए.

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बता दें कि नगर निगम ग्रेटर के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह ने ज्योति नगर पुलिस थाने में गत वर्ष 4 जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान महापौर सौम्या गुर्जर ने उनके साथ अभद्रता की और आरोपी पार्षदों ने धक्का-मुक्की कर मारपीट की थी. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पांचों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या गुर्जर को आरोप मुक्त करते हुए आरोपी पार्षदों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में आरोप तय किए थे. कोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार, परिवादी यज्ञ मित्र सिंह और आरोपी पार्षदों ने रिवीजन याचिका दायर कर चुनौती दी थी.

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