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भाजपा कार्यसमिति की बैठक में गहलोत सरकार को घेरने पर बनी रणनीति, राजे की मौजूदगी में पूनिया ने दे डाली ये नसीहत - PM Narendra Modi

राजस्थान भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उम्मीद के अनुरूप कुछ भी नहीं हुआ. बैठक में अशोक गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति भी बनी और इसके लिए राजनीतिक प्रस्ताव भी पास हुआ. हालांकि प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने संबोधन में बयानवीरों को जरूरी नसीहत देने का काम किया.

Rajasthan BJP State Working Committee, Rajasthan BJP
राजस्थान भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक
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Published : Jun 22, 2021, 5:05 PM IST

जयपुर. प्रदेश भाजपा में चल रही गुटबाजी के बीच हुई कार्यसमिति (Rajasthan BJP State Working Committee) की बैठक में अशोक गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति भी बनी और इसके लिए राजनीतिक प्रस्ताव भी पास हुआ. हालांकि, आला नेताओं के बयानों में पार्टी के भीतर के बयान वीरों को नसीहत देने का काम जरूर हुआ. बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे वर्चुअल रूप से जुड़ीं और इसी दौरान अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन बयानवीरों को भी नसीहत दी जो वसुंधरा राजे के समर्थन में बयान दे रहे हैं.

पूनिया ने किसी भी विधायक या नेता का नाम लिए बगैर ही कहा कि हमें सिखाया जाता है पहले देश, फिर पार्टी और तीसरे नंबर पर व्यक्ति. पूनिया की नसीहत अप्रत्यक्ष रूप से उन वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं को थी, जो वसुंधरा राजे को भाजपा और भाजपा को वसुंधरा राजे बता रहे थे. कहा कि अब जल्द से जल्द हम सबको पन्ना प्रमुख तक के पद का निर्माण का कार्य पूरा करना है और प्रदेश भाजपा को और अधिक सशक्त बनाना है. इस दौरान पूनिया ने प्रदेश भाजपा की ओर से किए गए सेवा कार्यों को भी गिनाया.

पढ़ें:Exclusive : निर्दलियों को लॉलीपॉप दे रही गहलोत सरकार, असली विस्फोट तो कैबिनेट विस्तार के बाद होगा : पूनिया

बैठक में उम्मीद के हिसाब से कुछ नहीं हुआ

कार्यसमिति की बैठक से इस बात की उम्मीद लगाई जा रही थी कि पार्टी के भीतर वसुंधरा राजे समर्थक और विरोधियों के बयानों से टूट रही पार्टी को जोड़ने का काम होगा. पार्टी विरोधी बयान और अनुशासनहीनता करने वालों को सख्त हिदायत दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. कार्यसमिति की बैठक विशुद्ध रूप से संगठनात्मक रही जिसमें केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कोरोना काल में किए गए कार्यों की सराहना की गई. प्रदेश भाजपा के सेवा ही संगठन के कार्यों को भी बताया गया.

राजनीतिक प्रस्ताव की जानकारी देने के लिए मीडिया से नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ मुखातिब हुए. बताया कि राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल विषयों को जिला और मंडल स्तर तक ले जाकर पारित कराया जाएगा और प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. दोनों नेताओं ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया और मीडिया में कथित रूप से नाकामयाबी भी गिनाई.

कार्यसमिति बैठक में हुए ये सत्र

भाजपा मुख्यालय में सेमी वर्चुअल तरीके से हुई इस कार्यसमिति में कुल चार सत्र हुए. उद्घाटन सत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का उद्बोधन हुआ. इसी सत्र में पूर्व में दिवंगत हुए नेताओं के लिए शोक प्रस्ताव भी रखा गया. दूसरे सत्र में 'सेवा ही संगठन' अभियान से जुड़ा वीडियो चलाया गया और उसके बाद राजनीतिक प्रस्ताव बैठक में रखे गए.

पढ़ें:राजस्थान भाजपा में सीएम की कुर्सी के लिए शीत युद्ध तेज, समर्थक हैं आगे...पर्दे के पीछे 'कौन'

राजनीतिक प्रस्ताव का अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने किया. दूसरे सत्र में ही पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कोविड-19 चुनौतियों का सामना विषय पर केंद्र सरकार के कार्य का ब्यौरा रखा. तीसरे सत्र में सुंदर सिंह भंडारी जन्मशती वर्ष से जुड़े कार्य विस्तार पर उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का अपनी बात रखी, वहीं इस सत्र में संगठन से जुड़ा सत्र भी शामिल किया गया. चौथे और अंतिम सत्र में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह का संबोधन हुआ.

पहली बार हुई सेमी वर्चुअल कार्यसमिति

प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक पहली बार सेमी वर्चुअल हुई. जयपुर से इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रभारी अरुण सिंह, राष्ट्रीय मंत्री अलका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अशोक परनामी और अरुण चतुर्वेदी के साथ ही प्रदेश के पदाधिकारी और जयपुर शहर सांसद जुड़े.

वहीं, जयपुर सहित अन्य जिलों से आने वाले विधायक, सांसद व जिला अध्यक्ष, अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री वर्चुअल तरीके से इस बैठक में जुड़े. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे भी वर्चुअल रूप से जुड़ीं.

जयपुर. प्रदेश भाजपा में चल रही गुटबाजी के बीच हुई कार्यसमिति (Rajasthan BJP State Working Committee) की बैठक में अशोक गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति भी बनी और इसके लिए राजनीतिक प्रस्ताव भी पास हुआ. हालांकि, आला नेताओं के बयानों में पार्टी के भीतर के बयान वीरों को नसीहत देने का काम जरूर हुआ. बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे वर्चुअल रूप से जुड़ीं और इसी दौरान अपने संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन बयानवीरों को भी नसीहत दी जो वसुंधरा राजे के समर्थन में बयान दे रहे हैं.

पूनिया ने किसी भी विधायक या नेता का नाम लिए बगैर ही कहा कि हमें सिखाया जाता है पहले देश, फिर पार्टी और तीसरे नंबर पर व्यक्ति. पूनिया की नसीहत अप्रत्यक्ष रूप से उन वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं को थी, जो वसुंधरा राजे को भाजपा और भाजपा को वसुंधरा राजे बता रहे थे. कहा कि अब जल्द से जल्द हम सबको पन्ना प्रमुख तक के पद का निर्माण का कार्य पूरा करना है और प्रदेश भाजपा को और अधिक सशक्त बनाना है. इस दौरान पूनिया ने प्रदेश भाजपा की ओर से किए गए सेवा कार्यों को भी गिनाया.

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बैठक में उम्मीद के हिसाब से कुछ नहीं हुआ

कार्यसमिति की बैठक से इस बात की उम्मीद लगाई जा रही थी कि पार्टी के भीतर वसुंधरा राजे समर्थक और विरोधियों के बयानों से टूट रही पार्टी को जोड़ने का काम होगा. पार्टी विरोधी बयान और अनुशासनहीनता करने वालों को सख्त हिदायत दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. कार्यसमिति की बैठक विशुद्ध रूप से संगठनात्मक रही जिसमें केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कोरोना काल में किए गए कार्यों की सराहना की गई. प्रदेश भाजपा के सेवा ही संगठन के कार्यों को भी बताया गया.

राजनीतिक प्रस्ताव की जानकारी देने के लिए मीडिया से नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ मुखातिब हुए. बताया कि राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल विषयों को जिला और मंडल स्तर तक ले जाकर पारित कराया जाएगा और प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. दोनों नेताओं ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया और मीडिया में कथित रूप से नाकामयाबी भी गिनाई.

कार्यसमिति बैठक में हुए ये सत्र

भाजपा मुख्यालय में सेमी वर्चुअल तरीके से हुई इस कार्यसमिति में कुल चार सत्र हुए. उद्घाटन सत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का उद्बोधन हुआ. इसी सत्र में पूर्व में दिवंगत हुए नेताओं के लिए शोक प्रस्ताव भी रखा गया. दूसरे सत्र में 'सेवा ही संगठन' अभियान से जुड़ा वीडियो चलाया गया और उसके बाद राजनीतिक प्रस्ताव बैठक में रखे गए.

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राजनीतिक प्रस्ताव का अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने किया. दूसरे सत्र में ही पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने कोविड-19 चुनौतियों का सामना विषय पर केंद्र सरकार के कार्य का ब्यौरा रखा. तीसरे सत्र में सुंदर सिंह भंडारी जन्मशती वर्ष से जुड़े कार्य विस्तार पर उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का अपनी बात रखी, वहीं इस सत्र में संगठन से जुड़ा सत्र भी शामिल किया गया. चौथे और अंतिम सत्र में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह का संबोधन हुआ.

पहली बार हुई सेमी वर्चुअल कार्यसमिति

प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक पहली बार सेमी वर्चुअल हुई. जयपुर से इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रभारी अरुण सिंह, राष्ट्रीय मंत्री अलका केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अशोक परनामी और अरुण चतुर्वेदी के साथ ही प्रदेश के पदाधिकारी और जयपुर शहर सांसद जुड़े.

वहीं, जयपुर सहित अन्य जिलों से आने वाले विधायक, सांसद व जिला अध्यक्ष, अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी और केंद्रीय मंत्री वर्चुअल तरीके से इस बैठक में जुड़े. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे भी वर्चुअल रूप से जुड़ीं.

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