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चंद्रयान 2 का काउंटडाउन शुरू, जानिए मिशन से जुड़ीं खास बातें

चंद्रयान-2 चंद्रमा पर एक अध्ययन जांच भेजने का इसरो का दूसरा प्रयास है. चंद्रयान-1 सिर्फ एक कक्षीय ड्रोन था जो चंद्रमा के चारों ओर घूमता था और एक प्रभावकार जो चंद्र सतह पर उतरा था. जबकि, चंद्रयान-2 में एक रोवर है जो चंद्रमा की सतह पर घूमेगा.

चंद्रयान 2 का काउंटडाउन शुरू, जानिए मिशन से जुड़ीं खास बातें
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Published : Jul 14, 2019, 12:08 PM IST

तिरुपति/ जयपुर. देश के प्रतिष्ठित चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है और15 जुलाई को इसके प्रक्षेपण के लिये सभी तैयारियां चल रही हैं. एजेंसी के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को यह जानकारी दी है.

आपको बता दें कि यह किसी खगोलीय पिंड पर उतरने का इसरो का पहला अभियान है और यह 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है.

पढे़ं: सोमवार तड़के भारत रचेगा इतिहास, मिशन चंद्रयान-II के लिए ISRO की तैयारियां पूरी

ISRO के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है.

यहां के निकट तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा के बाद सिवन ने संवाददाताओं को बताया, 'श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिये सभी तैयारियां की जा रही हैं.'

पढे़ं: मिशन चंद्रयान-2 की उल्टी गिनती शुरू, 15 जुलाई को चंद्रमा पर गूंजेगा 'जय हिंद'

ISRO ने पूर्व में कहा था कि चंद्र अभियान के तीनों मॉड्यूल- ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान)- प्रक्षेपण के लिये तैयार किये जा रहे हैं और लैंडर के सितंबर की शुरुआत में चंद्रमा की सतह को छूने की उम्मीद है.

संक्षिप्त बातचीत में सिवन ने कहा कि लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर छह सितंबर को उतरेगा. चंद्रमा के इस क्षेत्र में अब तक कोई नहीं पहुंचा है. उन्होंने बारिश से प्रक्षेपण को किसी तरह के खतरे की आशंका को खारिज किया.

यहां बारिश के बीच उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'इसका कोई प्रभाव नहीं होगा क्योंकि प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी मैक्-3) बारिश में भी सुरक्षित रहता है.'

चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा जिसे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा 'बाहुबली' कहा जाता है क्योंकि यह चार टन क्षमता तक के उपग्रह ले जाने की क्षमता रखता है.

चंद्रयान-2 मिशन की कुल लागत के बारे में पूछे जाने पर सिवन ने कहा कि यह एक हजार करोड़ रुपये थी.

भारत के पहले अंतरिक्षयात्री कार्यक्रम 'गगनयान' परियोजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रगति हो रही है और इसके तहत पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 तक अंजाम दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'अभी, डिजाइन का चरण पूरा हुआ है और इसे मूर्त रूप देने का काम चल रहा है.' सिवन ने कहा, 'हम दिसंबर 2021 में मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहे हैं.'

चंद्रयान 2 को जीएसएलवी एमके- III रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा और इसके 6 सितंबर को चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है. लॉन्च 15 जुलाई को सुबह 2:51 बजे होगा। यहां आप चंद्रयान 2 के लॉन्च को लाइव कैसे देख सकते हैं.

दूरदर्शन (DD) के पास इवेंट को लाइव स्ट्रीम करने के आधिकारिक अधिकार हैं. लॉन्च के दिन, डीडी इवेंट को अपने टीवी चैनल पर लाइव लॉन्च के साथ-साथ लॉन्च पैड और इसरो के मिशन कंट्रोल रूम दोनों से कमेंट्री और विजुअल्स स्ट्रीम करेगा.

चंद्रयान-2 का क्या है मकसद
⦁ चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर पानी के प्रसार और मात्रा का अध्ययन करेगा
⦁ चंद्रमा के मौसम का अध्ययन करेगा
⦁ चंद्रमा की सतह में मौजूद खनिजों और रासायनिक तत्‍वों का अध्‍ययन करेगा
⦁ चंद्रमा के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा.

तिरुपति/ जयपुर. देश के प्रतिष्ठित चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है और15 जुलाई को इसके प्रक्षेपण के लिये सभी तैयारियां चल रही हैं. एजेंसी के अध्यक्ष के सिवन ने शनिवार को यह जानकारी दी है.

आपको बता दें कि यह किसी खगोलीय पिंड पर उतरने का इसरो का पहला अभियान है और यह 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है.

पढे़ं: सोमवार तड़के भारत रचेगा इतिहास, मिशन चंद्रयान-II के लिए ISRO की तैयारियां पूरी

ISRO के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है.

यहां के निकट तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा के बाद सिवन ने संवाददाताओं को बताया, 'श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को तड़के दो बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिये सभी तैयारियां की जा रही हैं.'

पढे़ं: मिशन चंद्रयान-2 की उल्टी गिनती शुरू, 15 जुलाई को चंद्रमा पर गूंजेगा 'जय हिंद'

ISRO ने पूर्व में कहा था कि चंद्र अभियान के तीनों मॉड्यूल- ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान)- प्रक्षेपण के लिये तैयार किये जा रहे हैं और लैंडर के सितंबर की शुरुआत में चंद्रमा की सतह को छूने की उम्मीद है.

संक्षिप्त बातचीत में सिवन ने कहा कि लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर छह सितंबर को उतरेगा. चंद्रमा के इस क्षेत्र में अब तक कोई नहीं पहुंचा है. उन्होंने बारिश से प्रक्षेपण को किसी तरह के खतरे की आशंका को खारिज किया.

यहां बारिश के बीच उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'इसका कोई प्रभाव नहीं होगा क्योंकि प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी मैक्-3) बारिश में भी सुरक्षित रहता है.'

चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा जिसे भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा 'बाहुबली' कहा जाता है क्योंकि यह चार टन क्षमता तक के उपग्रह ले जाने की क्षमता रखता है.

चंद्रयान-2 मिशन की कुल लागत के बारे में पूछे जाने पर सिवन ने कहा कि यह एक हजार करोड़ रुपये थी.

भारत के पहले अंतरिक्षयात्री कार्यक्रम 'गगनयान' परियोजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रगति हो रही है और इसके तहत पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 तक अंजाम दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'अभी, डिजाइन का चरण पूरा हुआ है और इसे मूर्त रूप देने का काम चल रहा है.' सिवन ने कहा, 'हम दिसंबर 2021 में मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहे हैं.'

चंद्रयान 2 को जीएसएलवी एमके- III रॉकेट पर लॉन्च किया जाएगा और इसके 6 सितंबर को चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है. लॉन्च 15 जुलाई को सुबह 2:51 बजे होगा। यहां आप चंद्रयान 2 के लॉन्च को लाइव कैसे देख सकते हैं.

दूरदर्शन (DD) के पास इवेंट को लाइव स्ट्रीम करने के आधिकारिक अधिकार हैं. लॉन्च के दिन, डीडी इवेंट को अपने टीवी चैनल पर लाइव लॉन्च के साथ-साथ लॉन्च पैड और इसरो के मिशन कंट्रोल रूम दोनों से कमेंट्री और विजुअल्स स्ट्रीम करेगा.

चंद्रयान-2 का क्या है मकसद
⦁ चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर पानी के प्रसार और मात्रा का अध्ययन करेगा
⦁ चंद्रमा के मौसम का अध्ययन करेगा
⦁ चंद्रमा की सतह में मौजूद खनिजों और रासायनिक तत्‍वों का अध्‍ययन करेगा
⦁ चंद्रमा के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा.

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PRI GEN NAT
.TIRUPATI MDS9
CHANDRAYAAN2-ISRO
Preparations underway for launch of Chandrayaan-2: ISRO chief
Tirupati (AP), Jul 13 (PTI) ISRO is all set for the
country's prestigious lunar mission, Chandrayaan-2, and
all preparations are going on for its launch on July 15, the
space agency's chairman K Sivan said Saturday.
It is the Indian Space Research Organisation's first
mission to land on any celestial body and a follow-up to
Chandrayaan-1 launched in 2008.
The objective of the mission is to take up a detailed
study on understanding of the origin and evolution of the
Moon, according to ISRO.
"All preparations for Chandrayaan-2 are going on for
the launch scheduled at 2.51 am on July 15 from Sriharikota,"
Sivan told reporters after offering prayers at the
Lord Venkateswara hill shrine at Tirumala, near here.
ISRO had earlier said all three modules of the
moon mission -- Orbiter, Lander (Vikram) and Rover (Pragyan)
-- were getting ready for the launch and the lander was
expected to touch down on the lunar surface in early
September.
In a brief interaction, Sivan, also the Secretary,
Department of Space, said the lander would make a soft landing
in the lunar South Pole , an uncharted territory so far, on
September 6.
He ruled out rains posing a threat to the launch.
"There will be no effect since the launch vehicle
(GSLVMkIII) is rain protected," he told reporters amid a
downpour here.
The Chandrayaan-2 would be carried by the GSLVMkIII,
dubbed 'Fat Boy' by Indian scientists for its ability to carry
satellites weighing upto 4-tonnes.
Asked about the total mission cost of Chandrayaan-2,
Sivan said it was Rs 1,000 Crore.
About the 'Gaganyaan' project, India's maiden human
spaceflight programme, he said it was progressing and the
first unmanned mission would be taken up in December 2020.
"Currently, design phase has been completed. Realisation
phase is going on."
Two unmanned missions would be taken up, the first in
December 2020 and the second in July 2021.
"In December 2021, we are planning to send humans into
space," he said.
About selection of candidates for the mission, he
said it was proceeding.
Chandrayaan-2 is an advanced version of the previous
Chandrayaan-1 mission which had 11 payloads -- five from
India, three from Europe, two from the US and one from
Bulgaria.
The first mission had the credit for discovery of
water on the lunar surface. PTI VIJ
BN
BN
07131845
NNNN
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