जयपुर. पूर्व मंत्री और सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने पंचायती राज विभाग में भ्रष्टाचार के खेल होने के आरोप लगाए हैं. विधायक का आरोप है कि पंचायती राज विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान पंचायत राज विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान सदन में नामजद अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. कोटा जिला परिषद में सीईओ रहते हुए अधिकारी पर एलईडी खरीद मामले में एसीबी में प्रकरण दर्ज हुआ था उसी अधिकारी को मुख्यमंत्री कार्यालय में लगाया गया है. अब इस मामले में जांच शुरू हो गई है, लेकिन कांग्रेस विधायक का कहा है कि जांच होना तो सही है लेकिन जांच में देरी से उन्हें दुख है.
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'900 की सोलर लाइट खरीदी गई 3 हजार में'
कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि इसी महीने मुख्यमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव पद पर लगाए गए अधिकारी जुगल किशोर मीणा 2015 से 2017 के बीच कोटा नगर परिषद के सीईओ थे. इस दौरान जिला परिषद की ओर से सोलर एलइडी की खरीद में अनियमितता का मामला सामने आया था. इस मामले में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने पंचायतों में रूटीन जांच के निरीक्षण में पंचायतों में गई और वहां उन्होंने पाया कि मार्केट में सोलर लाइट ₹900 की है और पंचायतों में सोलर लाइट 3000 में खरीदी गई. इसकी शिकायत की जांच नहीं हुई. उन्होंने कहा कि इसके बाद मामला दर्ज कराया गया.
विधायक ने कहा कि इस मामले को लेकर पंचायत राज विभाग द्वारा शुरू राजेश मीणा के खिलाफ जांच का स्वागत है. लेकिन बहुत देरी हुई है. जिसकी उन्हें तकलीफ है. विधायक ने सांगोद पंचायत समिति में 30 लाख रुपए के क्रिकेट किट खरीदे जाने में हुए भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा क्रिकेट किट खरीदे गए लेकिन कहां वितरित किए, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. इस मामले की भी जांच होनी चाहिए. जिससे 30 लाख की वसूली हो सके और दोषी अधिकारी को सजा मिल सके. जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक पंचायती राज विभाग सही से काम नहीं कर पाएगा.
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'जब मुखिया ही भ्रष्टाचारी तो फिर....'
विधायक भरत सिंह ने बयान देते हुए कहा कि पंचायती राज विभाग में क्या काम होगा, जब भ्रष्टाचार के आरोपी को ही पंचायती राज ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का मुखिया बनाया हुआ है. जब चोर ही मुखिया होगा तो फिर वह क्या ट्रेनिंग होगी. उनका यह इशारा पंचायती राज ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के मुखिया अशोक सिंघवी पर था. उन्होने कहा कि इंदिरा गांधी पंचायती राज विभाग के ट्रेनिंग संस्थान के मुखिया पिछले 6 महीने से पुलिस से भागे-भागे फिर रहे हैं ऐसे में वह क्या ट्रेनिंग देंगे, क्या वह यह सिखाएंगे की चोरी कैसे करते हैं या फिर पुलिस से कैसे भागा जाता है.