जयपुर. मौसम में बदलाव आने के साथ ही प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी होने लगी है. जहां 15 दिन पहले प्रदेश में संक्रमण के मामले 200 से 300 की संख्या में देखने को मिल रहे थे. अब यह संख्या बढ़कर 600 तक पहुंच गई है. यानी बीते 15 दिन में संक्रमण के मामले अचानक दोगुने हो गए और कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया (Corona infected patient critical) है.
हाल ही में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण और बढ़ती मौसमी बीमारियों के सिलसिले में विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और निर्देश दिए कि कोरोना से जुड़ी सैम्पलिंग अधिक से अधिक की जाए. पिछले कुछ दिनों का ट्रेंड देखा जाए, तो संक्रमण के मामले एकाएक बढ़ चुके हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 4 दिनों में 2000 से अधिक संक्रमण के मामले आ चुके हैं. हर दिन औसतन 500 से 600 नए मरीज सामने आ रहे हैं.
जबकि सैम्पलिंग की बात करें, तो 2 से 3 हजार सैंपल प्रतिदिन प्रदेश में उठाए जा रहे हैं. यानी प्रदेश में हर पांचवा व्यक्ति संक्रमण की चपेट में है. ऐसे में चिकित्सकों ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसकी पालना नहीं की गई तो आने वाले दिनों में हालात भयावह हो सकते हैं. मामले को लेकर आरयूएचएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ अजीत सिंह का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर में जो आरयूएचएस अस्पताल में इलाज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था, उसकी सार संभाल शुरू कर दी गई है.
पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में एकाएक कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. कुछ मरीजों में सिटी स्कोर 18 से 20 तक देखने को मिल रहा है. जबकि कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है, जो जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. ऐसे मरीजों के दोनों फेफड़े खराब हो चुके हैं. डॉक्टर अजीत सिंह का कहना है कि कुछ समय पहले अस्पताल में सिर्फ 12 से 13 कोरोना संक्रमित रोगी भर्ती थे. लेकिन मौजूदा समय में ट्रेंड एकाएक बदल गया है. पिछले 15 दिनों में इनका आंकड़ा दोगुना हो चुका है.
- आरयूएचएस में कुल 28 मरीज एडमिट
- जिनमें से 6 मरीज आईसीयू में भर्ती
- इनमें से 3 मरीज वेंटिलेटर पर
- हाल में आए मरीजों का सिटी स्कोर 18 से 20 तक
- बीते 4 दिन में 2183 नए मरीज
- बीते 8 दिन में 8 मरीजों की मौत
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वही प्रदेश में अब तक करीब 9 हजार सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा चुकी है, जिनमें करीब 6500 स्ट्रेन ओमिक्रोन B.A.2 के मामले सामने आए हैं जबकि 1200 से अधिक स्ट्रेन ओमिक्रोन B.A.1 के मामले सामने आए हैं. डॉ सिंह का कहना है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद आरयूएचएस अस्पताल में व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है. अस्पताल में एक आईसीयू और एक वार्ड डेडीकेटेड कोविड-19 मरीजों के लिए संचालित किया जा रहा है. यदि इससे अधिक मरीज सामने आते हैं, तो अन्य आईसीयू और वार्ड भी खोल दिए जाएंगे.